दस्तावेज़ों की जांच में सामने आए अनियमितता के चौंकाने वाले तथ्य,50 से अधिक श्रमिकों के शोषण के आरोप !
सिंगरौली। श्रमिक यूनियन की शिकायत और कलेक्टर गौरव बैनल के निर्देश पर जिला श्रम अधिकारी ने बरगवां स्थित पावसुन इंडस्ट्री में पिछले दिनों औचक निरीक्षण कर बड़ी कार्रवाई की। जांच के दौरान श्रमिकों को वैधानिक सुविधाएँ न देने, वेतन में अनियमितता और श्रम कानूनों के उल्लंघन के गंभीर मामले सामने आए। श्रम विभाग ने उद्योग प्रबंधन को नोटिस जारी करते हुए कार्यवाही की जा रही है।
कंपनी सूत्रों के अनुसार, पावसुन इंडस्ट्री में 50 से अधिक श्रमिक विभिन्न पदों पर कार्यरत होकर मजदूरी कार्य करते हैं।लेकिन इसके बावजूद कंपनी द्वारा कर्मचारियों को मिलने वाले आवश्यक लाभ—जैसे पीएफ कटौती, बोनस भुगतान, न्यूनतम वेतन, ओवरटाइम का हिसाब, और साप्ताहिक अवकाश का उचित पालन नहीं किया जा रहा था। कई श्रमिकों ने कलेक्टर को बताया कि उन्हें लंबे समय से कम वेतन दिया जा रहा है एवं कोल साइडिंग में कार्यरत सभी श्रमिकों को कम मजदूरी वेतन पर्ची भी उपलब्ध नहीं कराई जाती।
शिकायत के आधार पर जिला श्रम अधिकारी की टीम ने निरीक्षण में पाया कि कंपनी द्वारा कर्मचारियों का जीएफ/पीएफ नहीं काटा जा रहा, जबकि अधिकांश श्रमिक लंबे समय से कार्यरत हैं। वहीं बोनस और अन्य बकाया देयताओं का भी भुगतान नहीं किया गया है। परिसर में सुरक्षा मानकों को लेकर भी कई कमियाँ दर्ज की गईं। सूत्र बताते है कि श्रम विभाग ने पावसुन इंडस्ट्री से पूरे दस्तावेज़, वेतन रजिस्टर, उपस्थिति रजिस्टर और पीएफ/ईएसआई की जानकारी तत्काल प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
श्रम विभाग की इस सख्त कार्रवाई से श्रमिकों में राहत की उम्मीद जागी है, जबकि कोल उद्योग प्रबंधन में बेचैनी बढ़ गई है। श्रम विभाग ने स्पष्ट किया कि यदि किसी कंपनी द्वारा श्रम कानून का पालन करना नहीं पाया गया, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इंडस्ट्रियल क्षेत्र में हड़कंप
श्रम विभाग की इस कार्रवाही के बाद पूरे औद्योगिक क्षेत्र में हड़कंप मच गया है। अन्य उद्योगों में भी कर्मचारियों को वैधानिक लाभ न देने की शिकायतें पूर्व में सामने आती रही हैं। विभाग के अधिकारियों ने संकेत दिए कि आने वाले दिनों में और भी प्रतिष्ठानों की जांच की जाएगी।
