स्वच्छता पर खड़े हो रहे सवाल, निगमायुक्त ने जताई नाराजगी
सिंगरौली, 16 दिसम्बर । शहर की सफाई व्यवस्था एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है। बढ़ती गंदगी, अनियमित सफाई और नागरिक शिकायतों के लगातार बढ़ने से नगर निगम प्रशासन पर दबाव साफ़ नजर आने लगा है। सोमवार को निगमायुक्त श्रीमती सविता प्रधान ने स्वच्छता विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान सफाई व्यवस्था में लापरवाही बरतने पर कचरा प्रबंधन संस्था सीटाडेल कंपनी और संबंधित स्वच्छता निरीक्षक अर्चना आदिवासी को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।
निगमायुक्त ने बैठक में साफ कहा कि शिकायतों के निस्तारण में देरी और लापरवाही अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने ज़मीनी हकीकत जानने के लिए अधिकारियों को फील्ड में उतरकर निगरानी करने के निर्देश दिए। साथ ही यह भी कहा कि हर वार्ड में स्वच्छता की स्थिति पर खुद अधिकारी नजर रखें और नागरिकों से सीधे संवाद करके समस्याओं को दूर करें।
शिकायतें बढ़ीं, कार्रवाई दिखी धीमी
नागरिकों का कहना है कि कई वार्डों में सफाई नियमित नहीं हो रही। नालियों में कचरा जमा है, सड़कों पर गंदगी फैली है और डस्टबिनों की संख्या कम है। निगमायुक्त को पिछले कुछ दिनों से एसएमसी ऐप और हेल्पलाइन पर लगातार शिकायतें मिल रही थीं, लेकिन संबंधित विभाग उनका समाधान नहीं कर सका। यही वजह रही कि आयुक्त ने सख़्ती दिखाते हुए नोटिस जारी करवाया।
पॉलिथीन बैन और रंगाई-पुताई पर भी सख्ती
बैठक के दौरान निगमायुक्त ने शहर के सार्वजनिक स्थलों, रैन बसेरा, शौचालय और सड़क डिवाइडरों की नियमित रंगाई-पुताई तथा रखरखाव के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पॉलिथीन बैन को प्रभावी रूप से लागू करने और हर दुकान पर दो डस्टबिन अनिवार्य करने की मुहिम चलानी होगी। लेकिन नागरिकों का कहना है कि जागरूकता अभियान केवल कागजों तक सीमित है।
स्वच्छ सिंगरौली की राह कठिन
स्वच्छ सिंगरौली के नाम पर चल रहे करोड़ों के सफाई अभियान अब सवालों के घेरे में हैं। लापरवाह ठेकेदारों, ढिलाई बरतते निरीक्षकों और सीमित मॉनीटरिंग के कारण शहर की स्थिति में खास सुधार नहीं दिख रहा। निगमायुक्त के निर्देशों के बाद उम्मीद की जा रही है कि प्रशासन अब फील्ड पर असरदार कार्रवाई करेगा, वरना नागरिकों का भरोसा डगमगाना तय है।
