सिंगरौली– स्वच्छ भारत मिशन के दावे खोखले साबित होते नजर आ रहे हैं। नगर सरकार स्वच्छता सर्वेक्षण की दुहाई दे रही है। लेकिन इस बानगी को देखना हो तो वार्ड क्र.29 है। जहां शौंचालय अब खण्डहर में तब्दील हो चुके हैं और लोग उक्त शौचालय में न जाकर खुले में शौंच क्रिया करने को मजबूर हो गये हैं।
ट्रांसफर बाद भी NTPC के बंगले का मोह नहीं छोड़ रहे टीआई,
गौरतलब हो कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत शहरी हो या ग्रामीण हर जगह गांव-गांव, गली-गली, घर-घर में शौंचालय निर्माण कराने का दावा हो रहा है। लेकिन नगर निगम सिंगरौली क्षेत्र की स्थिति पर नजर दौड़ायें तो बनाये गये शौंचालय की तस्वीर ही उसकी तकदीर बया करती नजर आ रही है। जबकि स्वच्छ भारत मिशन के तहत लाखों, करोड़ों रूपये नगर निगम क्षेत्र में पानी की तरह पैसा बहाया गया है। शौंचालय तो कई जगह बना लेकिन इस शौंचालय का सदुपयोग नहीं हो रहा है। उसकी सबसे बड़ी वजह यह मानी जा रही है कि शौंचालय निर्माण में जमकर कोताही बरती गयी है। जहां शौंचालय का निर्माण हुआ भी है वहां अब खण्डहर में तब्दील हो चुका है। क्योंकि इन शौंचालय को देखने वाला कोई नहीं है। नगर निगम का वार्ड क्र.29 इसका जीता जागता उदाहरण है। उक्त वार्ड मेें जितने भी शौंचालय बनाये गये हैं उनमें गुणवत्ता की जमकर अनदेखी की गयी है। यही कारण है कि शौंचालय में जाने से लोग कतराते हैं और मजबूरन खुले में शौंच कर रहे हैं।
बताया जाता है कि वार्ड क्र.29 पीएचई विभाग मुख्य मार्ग पर शौंचालय का निर्माण कार्य कराया गया था लेकिन यह शौंचालय का वर्तमान में कोई अस्तित्व नहीं है। पूरा शौंचालय खण्डहर हो चुका है। न तो गेट है और न ही टैंक बनाया गया है। जिसके चलते शौंचालय खण्डहर में तब्दील हो गये हैं और लोगों को खुले में शौंच करना पड़ रहा है। ऐसे में स्वच्छ भारत मिशन की खुलेआम धज्जियां उड़ायी जा रही हैं और नगर सरकार सिर्फ कागजों में स्वच्छता सर्वेक्षण में नंबर 1 बनने का प्रयास कर रही है।
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