Close Menu
विंध्य न्यूज़
    Facebook X (Twitter) Instagram Threads
    Trending
    • IIT ISM धनबाद में गौतम अडानी का विजन : “जो तुम बनोगे,वही भारत बनेगा- फिर छात्रों में आत्मनिर्भर भारत का उमड़ा उत्साह
    • IIT धनबाद में छात्रों को गौतम अडानी का तोहफा, हर साल 50 पेड इंटर्नशिप, 25% को प्री-प्लेसमेंट ऑफर
    • Singrauli News : देवरा जुआ फड़ का वीडियो वायरल!पुलिस की रणनीतिक चुप्पी या मिलीभगत का खेल?
    • Singrauli News : जिला मुख्यालय में 7 दिन से करोड़ों लीटर नाली में बह रहा अमृत जल
    • बैढ़न-विंध्यनगर रोड पर अमृत जल लाइन फटी, हजारों लीटर पानी सड़क पर बहा, आए दिन वार्डों में लगातार बर्बाद हो रहा पेयजल
    • Singrauli News : थाने में कथित डील पर बवाल, SP से पारदर्शी जांच की मांग तेज
    • NCL के टूटे कंक्रीट पाइप से बना मौत का गड्ढा, हजारों लोगों की जिंदगी दांव पर
    • Coal mines: NCl की चुप्पी, चड्ढा कंपनी की मनमानी, ओवरलोडिंग को मिला खुला लाइसेंस
    Facebook X (Twitter) Instagram
    विंध्य न्यूज़
    • Home
    • Sport
    • Fashion
    • Gadgets
    • Lifestyle
    • Travel
    • Business
    • Recipe
    विंध्य न्यूज़
    अज़ब-गज़ब

    periods sanitary pads : सेनेटरी पैड पर नई रिपोर्ट जानकर मर्द महिलाओं को फेंक देंगें 40-50 साल पीछे !

    By Pro VindhyaDecember 1, 2022No Comments6 Mins Read
    periods sanitary pads : सेनेटरी पैड पर नई रिपोर्ट जानकर मर्द महिलाओं को फेंक देंगें 40-50 साल पीछे !
    photo by google

    periods sanitary pads – लगभग हर महिला अपने जीवन के लगभग 7 साल पीरियड्स के दौरान बिताती है। उन दिनों में जब पेट के निचले हिस्से में ऐंठन और खिंचाव होता है। सोल्स जिंग। कुछ को माइग्रेन हो जाता है, तो किसी को उलझनों का. पीरियड्स(periods) थम जाएं, तब वो हाड़-मांस का ऐसा पुतला रह जाती है, जो न इंसान है, न औरत. वो एक्सपायर्ड चीज है, जो फिंकने का इंतजार कर रही है.

    periods sanitary pads – सैनिटरी पैड में मौजूद हानिकारक केमिकल से हो सकता है कैंसर: दो दिन पहले महिलाओं को लेकर एक रिपोर्ट आई थी. स्वीडिश एनजीओ इंटरनेशनल पॉल्यूटेंट्स एलिमिनेशन नेटवर्क(Swedish NGO International Pollutants Elimination Network) (आईपीईएन) ने जहां स्थानीय संस्था टॉक्सिक लिंक (Local organization toxic links)के साथ मिलकर भारत में बने सैनिटरी पैड्स की जांच की, और पाया कि इनमें जहर होता है. वो भी कोई ऐसा वैसा नहीं बल्कि कैंसर पैदा करने वाला जहर.

    periods sanitary pads  – ‘रैप्ड इन सीक्रेसी’ शीर्षक वाली इस रिपोर्ट में न सिर्फ स्ट्रीट ब्रांड्स बल्कि पैड ब्रांड्स(Pad Brands) का भी जिक्र है जिनके विज्ञापन टीवी पर देखे जाते हैं। ये पैड बनाने वाली कंपनियां हैं, जिनका दावा है कि पैड लेने से महिलाएं और बच्चे अपना दर्द भूल जाएंगे और ताजे फूलों की तरह खिल उठेंगे. उसके बाद वह या तो मैराथन विजेता होगा, या ऑफिस में शीर्ष प्रदर्शन करने वाला। लब्बोलुआब यह है कि रक्त को दृढ़ता से अवशोषित करने के अलावा, ये पैड मासिक धर्म के सभी दर्द को खत्म कर देंगे।

    सैनिटरी पैड – periods sanitary pads 

    इन मैजिक पैड्स को बनाने वाली कंपनियों के बारे में रिसर्च करने पर पता चलता है कि ये एक स्वस्थ महिला को कैंसर, ब्लड प्रेशर और कई छोटी-बड़ी बीमारियां दे सकते हैं।

    रिपोर्ट पढ़ते समय सबसे पहला ख्याल मन में आया कि कहीं गांव या शहरों में रहने वाली लड़कियों के पिताओं तक यह खबर न पहुंच जाए, नहीं तो वे इसे पढ़ते ही पैड पर पैसा खर्च करना बंद कर देंगे. भाई, कौन सा पिता अपनी बेटी को कैंसर देना चाहेगा। खरीद कर भी! छत्ते को कंकड़ मारो और क्रोधित नर मधुमक्खियों जैसे अपने कोठरियों से बाहर निकल आयेंगे और आदेश जारी करेंगे – कल से लेना पैड पूरी तरह से बंद हो जायेंगे!

     सैनिटरी पैड – periods sanitary pads 

    कोई इस बात को लेकर आंदोलित नहीं है कि ये खून से लथपथ पैड उनकी बेटियों-पत्नियों-बहनों-माताओं की जिंदगी नहीं चूस सकते। उन ब्रांड्स के खिलाफ कोई नहीं लिखेगा। वह लिखेंगे कि कैसे प्राचीन काल में माताएं और बहनें पुरानी सूती साड़ियों का प्रयोग करती थीं। साड़ी का एक टुकड़ा रोटी के डिब्बे में फिट हो जाएगा और दूसरा टुकड़ा एक पैड में तब्दील हो जाएगा। इन पैड्स को फिर घर के गुप्त तहखाने में, एक सीलबंद बिस्तर के नीचे या एक फफूंदीदार कोठरी के पीछे रखा जाता है, जिसे अगले महीने फिर से इस्तेमाल किया जा सके है।

    कितना सुविधाजनक! पैसा बचाएं और कैंसर का कोई खतरा नहीं है! तो देवियों, अपनी दादी-नानी के नक्शेकदम पर चलें, सैनिटरी पैड को फेंक दें और जल्दी से राख, जूट, कपड़ा, जो कुछ भी आपको मिल जाए, ले लें।

    सैनिटरी पैड – periods sanitary pads 
    सच कहूं तो डर के मारे मैंने इस रिपोर्ट को अपने आस-पास के अति संवेदनशील पुरुषों के साथ साझा भी नहीं किया। प्रेम की मूर्ति बनकर क्रांति फैलाने वाले को भी नहीं। आशंका जताई जा रही है कि जिन महिलाओं को पैड तक पहुंचने के लिए संघर्ष करना पड़ा होगा, वे इस रहस्योद्घाटन से 50-60 साल और पीछे चली जाएंगी।

    ठीक वैसा ही डर जैसा पहली बार छेड़ने पर होता है। मैं तब करीब 11 साल का थी । एक रोती हुई बच्ची, वह लंबे समय तक कक्षा में पिछड़ जाती है, लेकिन अपने परिवार के सदस्यों को बताने का साहस रखती है। में छोटी थी पर घिरे होने का मतलब समझती थी लड़कियां अपने घर में पहले छेड़छाड़ बलात्कार की बात नहीं कर सकतीं। अब वह ज़हरीले पैड की ख़बरों को भी पचाएगी। दोषी कोई भी हो, पक्का है कि सजा तो उन्हें ही मिलेगी.

    सेनेटरी पैड – periods sanitary pads 
    यह प्रथा प्राचीन काल से चली आ रही है, जब ग्रीक विद्वान अरस्तू ने ‘ऑन द जनरेशन ऑफ एनिमल्स’ में महिलाओं के बारे में विस्तार से लिखा था। उन्होंने कहा कि वे वास्तव में पुरुषों का टूटा हुआ रूप हैं। कमजोर-आलसी और एक-एक शब्द रोता है। चर्चा रोचक, और बहुत उपयोगी थी। तो यह सीमाओं को पार कर देश के हर हिस्से में पहुंच गया। नारी जब पुरुष का ही विकृत रूप है तो उसे अलग करके देखने की क्या बात है! इसलिए मेडिकल साइंस का सारा फोकस पुरुषों पर रहा है। बाकी महिलाओं को हिस्टीरिया कहकर रोने के लिए छोड़ दिया गया।

    ऑस्ट्रेलियाई-अमेरिकी लेखिका गेब्रियल जैक्सन ने अपनी किताब ‘पेन एंड प्रेजुडिस’ में कहा है कि कैसे अमेरिका जैसे शक्तिशाली देश में भी 1990 के दशक के अंत तक महिलाओं पर ड्रग्स के लिए मुकदमा नहीं चलाया जाता था। सारे टेस्ट पुरुष के शरीर के हिसाब से किए गए, सिर्फ महिला के शरीर की दवा दी गई। इसके बाद से उनकी गंभीर बीमारी की खबरें आने लगीं. बाजार से अचानक गायब हो गईं 10 लोकप्रिय दवाएं 2018 में, यह पता चला था कि चूंकि इन दवाओं को केवल पुरुषों को ध्यान में रखकर विकसित किया गया था, इसलिए महिलाओं पर इनका खतरनाक प्रभाव पड़ रहा है।

    अब से कुछ साल बाद सैनिटरी पैड्स को लेकर भी कुछ सनसनीखेज खबरें आई है

    सैनिटरी पैड – periods sanitary pads 
    यह ज्ञात होना चाहिए कि दुनिया भर की महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर या उच्च रक्तचाप के लिए गुलाबी-नीले रंग की पन्नी में लिपटे सुगंधित पैड जिम्मेदार हैं। तब तक ज्यादातर महिलाएं शायद इसका सेवन कर चुकी होंगी। या – बाकी रह जाते, लेकिन तब तक नफरत उनके खून में इस कदर समा चुकी होगी कि वे औरत होने तक से इनकार कर देंगी.

    शुरुआत हो भी चुकी.periods sanitary pads 

    औरतें पीरियड्स बंद करवा रही हैं. लगभग पूरे पश्चिम में मेन्सट्रुअल सप्रेशन का चलन आ गया है. पहला पीरियड आने के बाद कभी भी लड़की उसे रुकवा सकती है. हर महीने खून बहाकर, एनिमिक होकर, प्रेग्नेंसी झेलने का कोई मतलब नहीं. कोई मतलब नहीं, जब पीरियड्स के दर्द को नए जमाने का चोंचला कहकर मजाक बनाया जाए. या फिर खून-सोख्ता पैड में खतरनाक केमिकल भर दिया जाए कि औरत मर भी जाए तो किसे फर्क पड़ेगा.

    फर्क तो पड़ता है बॉस! संभल जाओ क्योंकि शुरुआत हो चुकी है.

    also read – sanitary napkin:सैनिटरी नैपकिन में कैंसर ! इस तरह करें सही पैड का चुनाव और खुद को रखें सुरक्षित

    periods sanitary pads : सेनेटरी पैड पर नई रिपोर्ट जानकर मर्द महिलाओं को फेंक देंगें 40-50 साल पीछे !
    photo by google

    also read – Women Health : पीरियड्स के दौरान महिलायें रखें अपना विशेष ख्याल, ऐसे करें देखभाल

    periods sanitary pads : सेनेटरी पैड पर नई रिपोर्ट जानकर मर्द महिलाओं को फेंक देंगें 40-50 साल पीछे !
    photo by google

    About The Author

    Pro Vindhya

    See author's posts

    Pro Vindhya

    Related Posts

    Singrauli News : देवरा जुआ फड़ का वीडियो वायरल!पुलिस की रणनीतिक चुप्पी या मिलीभगत का खेल?

    December 7, 2025

    Singrauli News : डीईओ की नाकामी से शिक्षा व्यवस्था चरमराई – दो स्कूलों की शिकायतों ने खोली विभाग की पोल

    December 4, 2025

    Singrauli News: कमिश्नर ने पत्र लिखकर महापौर को दिखाया आइना, लिखा अब कार्यवाही में उड़ते प्रस्ताव नहीं चलेंगे!

    November 20, 2025

    Comments are closed.

    Recent Posts
    • IIT ISM धनबाद में गौतम अडानी का विजन : “जो तुम बनोगे,वही भारत बनेगा- फिर छात्रों में आत्मनिर्भर भारत का उमड़ा उत्साह
    • IIT धनबाद में छात्रों को गौतम अडानी का तोहफा, हर साल 50 पेड इंटर्नशिप, 25% को प्री-प्लेसमेंट ऑफर
    • Singrauli News : देवरा जुआ फड़ का वीडियो वायरल!पुलिस की रणनीतिक चुप्पी या मिलीभगत का खेल?
    • Singrauli News : जिला मुख्यालय में 7 दिन से करोड़ों लीटर नाली में बह रहा अमृत जल
    • बैढ़न-विंध्यनगर रोड पर अमृत जल लाइन फटी, हजारों लीटर पानी सड़क पर बहा, आए दिन वार्डों में लगातार बर्बाद हो रहा पेयजल
    विंध्य न्यूज़
    Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
    • Home
    • Blog
    • Contact
    © 2025 All right reserved Vindhya News.

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.