Ambani-Adani : मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) और गौतम अडानी (Gautam Adani) की कंपनी अडानी ग्रुप लगातार अपने कारोबार को फैला रहे हैं. दोनों कंपनियों ने पिछले कुछ सालों में कई सेक्टर्स में अपनी पकड़ मजबूत की है और अब ग्रीन सेक्टर में अपनी पकड़ मजबूत करना चाहते हैं. अलग-अलग सेगमेंट में काम करने वाले दोनों उद्योगपतियों ने इस बार एक ही सेगमेंट पर अपनी धाक बनाने की रणनीति अपना रहे हैं। इसी के मद्देनजर दोनों कंपनियों ने इलेक्ट्रोलाइजर्स के लिए प्रोडक्शन लिंक ग्रांट के लिए बोली लगाई है. भारत सरकार ग्रीन हाइड्रोजन और इलेक्ट्रोलाइजर्स के उत्पादन के लिए करीब 19,930 करोड़ रुपए का ग्रांट देने जा रही है, जिसके लिए कंपनियां बोली लगा रही है। इस रेस में 21 और कंपनियां भी शामिल हैं.
भारत सरकार ने 2030 तक देश में 50 लाख टन ग्रीन हाइड्रोजन के वार्षिक उत्पादन का लक्ष्य रखा है. अडानी ग्रुप देश में ग्रीन हाइड्रोजन सेक्टर में सबसे ज्यादा इंवेस्टमेंट कर रहा है. बता दें कि भारत सरकार ने ग्रीन हाइड्रोजन (Green Hydrogen) और इलेक्ट्रोलइजर्स के प्रोडक्शन के लिए करीब 19 हजार 930 करोड़ रुपये का ग्रांट देने के लिए बोलियां आमंत्रित की गई हैं. रिलायंस इलेक्ट्रोलाइजर मेन्युफैक्चरिंग, अडानी न्यू इंडस्ट्रीज (Adani New Industry), एलएंडटी इलेक्ट्रोलाइजर्स और भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स समेत 21 कंपनियों ने इलेक्ट्रोलाइजर विनिर्माण के लिए सरकार से मिल रहे इस प्रोत्साहन के लिए बोली लगाई है. इलेक्ट्रोलाइजर का उपयोग हाइड्रोजन उत्पादन के लिए किया जाता है। एक आधिकारिक बयान के अनुसार भारतीय सौर ऊर्जा निगम (सेकी) ने 1.5 गीगावाट इलेक्ट्रोलाइजर विनिर्माण क्षमता स्थापित करने के लिए बोलियां आमंत्रित की थीं। Ambani-Adani
1.5 गीगावाट इलेक्ट्रोलाइजर के लिए बिड
अधिकारिक बयान के मुताबिक, भारतीय सौर ऊर्जा निगम (Indian Solar Energy Corporation) ने इलेक्ट्रोलाइजर विनिर्माताओं के लिए बोलियां इस साल 7 जुलाई को आमंत्रित की थीं। सार्वजनिक क्षेत्र की सेकी ने 10 जुलाई को हरित हाइड्रोजन संचरण (साइट) योजना (मोड-1-किश्त-1) के तहत 4,50,000 टन हरित हाइड्रोजन उत्पादन के लिए बोलियां भी आमंत्रित की थीं।सेकी के बयान के अनुसार 21 कंपनियों ने 1.5 गीगावाट के प्रस्ताव के मुकाबले सालाना 3.4 गीगावाट इलेक्ट्रोलाइजर विनिर्माण क्षमता स्थापित करने के लिए प्रोत्साहन की बोली लगाई है। Ambani-Adani
दौड़ में कौन कौन सी कंपनियां
सोलर एनर्जी कॉर्प ऑफ इंडिया ने एक बयान में कहा है कि इस योजना के तहत Reliance Industries और अडानी ग्रुप (Adani Group) के अलावा हिल्ड इलेक्ट्रिक प्राइवेट, ओहमियम ऑपरेशंस, जॉन कॉकरील ग्रीनको हाइड्रोजन सोलूशंस, वारी एनर्जीस, जिंदल इंडिया, अवाडा इलेक्ट्रोलायजर, ग्रीन एच2 नेटवर्क इंडिया, अद्वैत इंफ्राटेक, एसीएमई क्लीनटेक सोलूशंस, ओरिआना पावर, मैट्रिक्स गैस एंड रिन्यूएबल्स, एचएचपी सेवन, होमीहाइड्रोजन, न्यूट्रेस, सी डॉक्टर एंड कंपनी, प्रतिष्णा इंजीनियर्स और लिवहाय एनर्जी कंपनियां शामिल हैं.इस बीच 14 कंपनियों ने 4,50,000 टन की प्रस्तावित क्षमता के मुकाबले 5,53,730 टन हरित हाइड्रोजन उत्पादन क्षमता वाली इकाइयां स्थापित करने के लिए प्रोत्साहन में रुचि दिखाई है। Ambani-Adani
5.53 लाख टन ग्रीन हाइड्रोजन के लिए लगाई बोली
14 कंपनियों ने 5.53 लाख टन ग्रीन हाइड्रोजन क्षमता के उत्पादन के लिए अपना इंटरेस्ट दिखाते हुए बिड अप्लाई किया है, जबकि 4.5 लाख टन क्षमता के लिए ही बोलियां आमंत्रित की गई थीं. इनमें टोरेंट पावर (Torrent Power), रिलायंस ग्रीन हाइड्रोजन (Reliance Green Hydrogen) और भारत पेट्रोलियम जैसी कई दिग्गज कंपनियां शामिल हैं. Ambani-Adani