शाजापुर : जिले के कालापीपल क्षेत्र के इमलीखेड़ा में बुधवार को हिरण और नीलगाय के रेस्क्यू अभियान का दूसरा दिन था। इस दौरान करीब 34 हिरणों को हेलीकॉप्टर की मदद से सुरक्षित रूप से मंदसौर के गांधी सागर अभ्यारण भेजा गया।
मिली जानकारी के अनुसार हिरणों को हेलीकॉप्टर से हांका लगाने में लगभग एक घंटे तक मशक्कत करनी पड़ी। सादनखेड़ी के जंगल से करीब तीन किलोमीटर की दूरी तय कर हिरणों को पंडाल-बोमा तक लाया गया। वहां खड़े ट्रकों में हिरणों को भरकर गांधी सागर अभ्यारण भेजा गया।बुधवार को रेस्क्यू अभियान का समय: लगभग 2 घंटे चला । रेस्क्यू ऑपरेशन दोपहर 12 बजे शुरू हुआ और 2:30 बजे तक चला।
वन अमला ने बताया कि आज करीब 34 हिरणों का रेस्क्यू किए गया। अब तक कुल 79 हिरणों का रेस्क्यू किया जा चुका है। रेस्क्यू ऑपरेशन दक्षिण अफ्रीका की टीम ने बोमा प्रबंधन और हिरणों की सुरक्षा में सहयोग किया। वहीं अगला रेस्क्यू प्वाइंट अरनिया कला के जंगल को टारगेट में लिया जाएगा।जहां हेलीकॉप्टर और बोमा पद्धति से हिरणों का रेस्क्यू किया जाएगा।
400 कृष्णमृग और 100 नीलगाय पकड़ने का लक्ष्य
वन विभाग को हांका अभियान चलाकर कुल 400 कृष्णमृग और 100 नीलगाय पकड़ने का लक्ष्य रखा गया है। बुधवार तक 79 कृष्णमृग पकड़कर गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य मंदसौर के जंगल में छोड़े गए हैं। अभियान में अब तक दो बार हेलिकॉप्टर से हांका लगाया गया है।
