Motivational news : आज फादर्स डे है. आइए मिलते हैं तेलंगाना के सूर्यापेट के हुजूर नगर सीताराम नगर कॉलोनी में निवास करने वाले पिता-बेटी की अद्भुत जोड़ी । वैसे उनकी कहानियाँ भी अद्भुत हैं। एक ऐसी कहानी जो हर पिता का सपना है. बाप-बेटी की ये तस्वीर सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है. इस तस्वीर में एक पिता को अपनी बेटी को सैल्यूट कर सम्मान करते हुए दिखाया गया है। इस तस्वीर के पीछे एक बेहद मार्मिक और दिल छू लेने वाली कहानी है. इस तस्वीर में सैल्यूट कर रहे पुलिस अधिकारी का नाम एन. वेंकटेश्वरलू हैं. वह अपनी आईएएस बेटी को सैल्यूट करते नजर आ रहे हैं. उनकी बेटी उमा हरथी सिविल परीक्षा 2022 में तीसरी रैंक की टॉपर हैं।
पिता का सर गर्व से हुआ ऊँचा
उमा तेलंगाना पुलिस एकेडमी गईं। बेटी को देखकर पिता वेंकटेश्वरलू भावुक हो गए. उन्होंने खुशी-खुशी सामने खड़ी बेटी को जोरदार सलामी दी. ये पूरी घटना अब सोशल मीडिया पर जमकर वायरल है. आईएएस उमा हरथी ने अपनी पूरी पढ़ाई तेलंगाना में रैहकर की थी। उमा के पिता एन वेंकटेश्वरलु नारायणपेट जिले के पुलिस अधीक्षक हैं। उमा अपने आईपीएस पिता से काफी प्रभावित थीं। जब उसने अपने पिता को वर्दी में देखा तो उसे भी वर्दी पहनने की इच्छा हुई। और तभी उमा का सपना साकार हुआ। उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा के लिए रात -दिन एक कर जमकर तैयारी की. रिपोर्टर की माने तो वह यह इक्जाम चार दे चुकी थी पास ना होने पर बेटी ने हार नहीं माना और वो आज पांचवें प्रयास कर आख़िरकार वह सिविल सेवा परीक्षा में तीसरी रैंक हासिल करने में सफल रही।Motivational news
आईआईटी से आईपीएस तक का सफर
आईएएस अधिकारी उमा हरथी तेलंगाना के नलगोंडा जिले उनका बचपन बीता हैं। उमा हरथी आईआईटी हैदराबाद से सिविल इंजीनियरिंग में स्नातक हैं, जिन्होंने यूपीएससी 2022 में एआईआर 3 के साथ सफलता हासिल की। आईआईटी की छात्रा होने के बाद भी, उनका लक्ष्य एक आईएएस अधिकारी के रूप में समाज की सेवा करना था। ग्रेजुएशन के तुरंत बाद उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी. चार बार यूपीएससी की परीक्षा दी और हर बार असफल रहीं। लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और चलती रही कड़ी मेहनत करते -करते। आख़िरकार पांचवें प्रयास में उन्हें सफलता हासिल की और उनका सपनाशकार हो गया। उनका कहना है की माप – बाप के पथ पर चलने वालो की कभी हार नहीं होती आज मैं बहुत खुश हूँ की जो हर पिता का सपना होता है आज वो सफर हमारा ख़तम हुआ, Motivational news
पिता के प्रोत्साहन से मिली सफलता
उमा के पिता ने उन्हें हमेशा से ही सिविल सेवा में जाने के लिए प्रोत्साहित किया करते थे। अपने पिता के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, “वह मुझे बताते रहे कि यह कितना बढ़िया मंच है। करियर के तौर पर भी और ऐसा मंच भी जहां मैं कुछ सार्थक कर सकूंगी।” उमा को हरथी परिवार में ऐसा खुशनुमा और शांतिपूर्वक माहौल मिला जिसकी वजह से राहत महसूस हुई। वह अपने करियर को आगे बढ़ाने और अधिक सामाजिक प्रभाव पैदा करने के तरीके के रूप में मंच के मूल्य को समझती आ रही है। उमा, जिनके पास सिविल इंजीनियरिंग में बी.टेक कर रही उमा, अपने चुनौतीपूर्ण लेकिन उपयोगी अनुभवों के आधार पर गलतियों से सीखने की जरूरी चीजों पर जोर कसती हैं।
तो आप दुनिया का सामना करने के लिए तैयार रहेंगे
दिए गए इंटरव्यू में उमा हरथी ने बताया कि कैसे एक पल में सब कुछ बदल जाता है. उन्होंने कहा, “यह मेरा पांचवां प्रयास था। यह एक लंबी प्रक्रिया थी और यह आसान नहीं था। लेकिन यह एक शानदार यात्रा थी। मैंने अपनी गलतियों से बहुत कुछ सीखा और इन्ही सारी चीजों के बीच मैंने खुद को खोजा।” वह हर कैंडिडेट को सलाह देते हैं, “प्रक्रिया को अपनाएं, परीक्षा को समझें। रणनीति, अपनी असफलताओं पर कभी हताश नहीं होना है जीवन में उतार-चढ़ाव लगा रहता है जिसे सब को स्वीकार करें। कभी ना कभी तो सफलता जरूर मिलेगी अपनी मेहनत और माँ -बाप की पथ कभी ना छोड़े , भले ही आप परीक्षा में सफल न हों पर आप तैयार रहेंगे। दुनिया का सामना करने के लिए । Motivational news