MP election : मध्य प्रदेश में 2023 के विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने कमलनाथ को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है. पार्टी के सभी बड़े नेता कमलनाथ को ही चेहरा मान रहे हैं. ग्वालियर रैली में प्रियंका गांधी ने यह भी संकेत दिया कि चेहरा कमलनाथ ही होंगे. पूर्व मंत्री उमंग सिंघार ने अपनी मांग को लेकर कमलनाथ की राह में रोड़ा अटका दिया है. उन्होंने राज्य में आदिवासी मुख्यमंत्री की मांग की है. इसके बाद कांग्रेस खेमे में खलबली मच गई है.
मध्य प्रदेश में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। इससे पहले कांग्रेस विधायक उमंग सिंघार ने रविवार को कहा था कि राज्य का मुख्यमंत्री आदिवासी समाज से बनाया जाना चाहिए. उन्होंने आदिवासियों से कहा कि जब तक राज्य का मुख्यमंत्री आदिवासी नहीं हो जाता, तब तक घर पर न बैठें. यह मांग पूर्व मंत्री उमंग सिंघार ने की है. हाल ही में गठित चुनाव समितियों से सिंघार को बाहर रखा गया है. सिंघार पिछली सरकार के दौरान दिग्विजय सिंह से विवादों के कारण भी सुर्खियों में रहे हैं। MP election :
वहीं, राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह समेत कई कांग्रेस नेता नियमित रूप से कहते रहे हैं कि पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्य इकाई के अध्यक्ष कमल नाथ विधानसभा चुनाव में पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे। कमलनाथ ने दिसंबर 2018 से मार्च 2020 के बीच राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया। मार्च 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक विधायकों की बगावत से कमल नाथ की सरकार गिर गई थी, जिसके बाद से राज्य में शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार सत्ता में है.
धार जिले की गंधवानी सीट से विधायक उमंग सिंघार धार जिले के कोटेश्वर में एक सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मैं आपसे कहना चाहता हूं कि जब तक मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री आदिवासी न हो जाए, तब तक घर पर न बैठें. क्या आप चाहते हैं कि मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री आदिवासी हो? मैं अपने बारे में बात नहीं कर रहा हूं. मैं अपने ही समाज की बात कर रहा हूं. MP election :
उन्होंने आगे कहा कि आदिवासी को हमारे समाज का मुख्यमंत्री बनना चाहिए. मैं नेताओं का प्रेमी नहीं हूं. मुझे आदिवासियों से प्यार है. मैं आपकी, आपके अधिकारों की बात करता हूं। कई नेताओं को मिर्ची लगती है लेकिन मैं डरने वाला आदमी नहीं हूं. उनकी इस मांग ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है.
सिंघार मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री हैं और अनुसूचित जनजाति समुदाय से आते हैं। उन्होंने कमलनाथ सरकार के दौरान पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के खिलाफ मोर्चा खोला था. उन्होंने सार्वजनिक तौर पर उन पर टिप्पणी की थी. उन्होंने यहां तक कहा कि सरकार पर्दे के पीछे से चल रही है. इसके बाद कांग्रेस की अंदरूनी कलह खुलकर सामने आ गई.
Also Read – Chanakya Niti: भाभियों को खुश करने के आसान टिप्स, पल भर में मान जाएंगे आपकी बात
Also Read – Right size bra : सही साइज और कंफर्ट ब्रा ऐसे चुनें, जाने खास टिप्स
Also Read – Oops moment : Taapsee Pannu रैंप में हुई उप्स मूमेंट की शिकार, दिखा बेहद प्राइवेट पार्ट