प्रशांत जायसवाल पर कोयला मिक्सिंग कराने का आरोप, यदि सही जांच रिपोर्ट आई तो होंगे चौंकाने वाले खुलासे
सिंगरौली। जिले के गोंदवाली कोल यार्ड से रेलवे रैक के माध्यम से देश प्रदेश के कई पावर प्लांटों में कोयला भेजा जाता है. इस कोयले से बिजली तैयार की जाती है. उसी को लेकर पुलिस ने एक भस्सी से भरें एक ट्रक को पकड़ा था। वहीं खनिज विभाग और पुलिस को लगातार कोयले में स्टोन डस्ट (भस्सी) और छाई की मिलावट की खबरें मिल रही थी. इसको लेकर पुलिस और जिला प्रशासन की संयुक्त टीम के द्वारा गोंदवाली कोलयार्ड में छापामार कार्रवाई की गई. आरोप है कि अघोर और मां काली कंपनी कोयले में मिक्सिंग कर रही है। आरोपों में कितनी सच्चाई है यह जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा।
मिली जानकारी के जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के करीब एक दर्जन अधिकारियों की टीम ने सोमवार की सुबह से दोपहर बाद तक गोंदवाली रेलवे कोलयार्ड में छापेमारी की. गोंदवाली के बार्ड क्रमांक 15 से लेकर बार्ड क्रमांक 28 में बने कोलयार्ड से सेंपल एकत्र कर खनिज विभाग की मदद से जांच के लिए कई जगह से लिए गए हैं। हालांकि कोलयार्ड में लिए गए सेंपल में भस्सी और छाई की कितनी मिलावट है या फिर कोलयार्ड में कितना कोयले का स्टॉक है इस बात की जानकारी जांच टीम ने नहीं बताई।
चर्चा है कि संभवतः सेम्पल की जांच रिपोर्ट आने पर ही आगे कार्रवाई की जाएगी। सूत्रों का दावा कि गोंदवाली स्थित रेलवे साइडिंग पर करीब 15000 मिट्रिक टन कोयले का भंडार डंप किया गया है। मगर यह कौन से फर्म का है। इसकी जानकारी खनिज व राजस्व टीम को नहीं मिली है। वहीं गोंदवाली में साइडिंग पर यार्ड में डंप कोयला कौन-कौन से फर्म का है इसकी जानकारी जांच टीम को नहीं दी गई। अब जिला प्रशासन ने रेलवे व एनसीएल से यह जानकारी मांगी है। आरोप है कि छाई छत्तीसगढ़ प्रांत के रामगढ़ से लोडकर कोलयार्ड गोंदवाली में खपाने के मक्सद से लाया जाता है। वहीं अघोर और मां काली कंपनी के कोलयार्ड पर कोयलें में मिक्सिंग कराया जाने का आरोप भी है। सोशल मीडिया में इन दिनों यह मामला काफी तूल पकड़ा हुआ है।
कोल कारोबारियों तक पहले ही पहुंच गई थी कार्यवाही की खबर
साइडिंग में डंप कोयला किस-किस फर्म का है,यह जानकारी जांच टीम को नहीं दिया गया है। यह बात और है कि कोयले में भस्सी(डस्ट) या छाई की मिलावट के संबंध में जांच कराई जाएगी। चर्चा है कि जिला प्रशासन और पुलिस टीम द्वारा अचानक की गई यह कार्यवाही की जानकारी कोल माफिया को पहले ही लग गई थी। लिहाजा कई गाड़ियां बस्सी और छाई रात को ही कोलयार्ड से हटा लिया गया था। हालांकि कोयले में मिलावट स्पष्ट रूप से नजर आ रहा था अब देखने लायक होगा कि कोयले में मिलावट की जांच करने वाली टीम के द्वारा ले गए सेंपल में कितनी मिलावट का खुलासा होता है।
रेलवे अधिकारियों और कोल माफियाओं की सांठ-गांठ
कोयले में मिक्सिंग का खेल रेलवे अधिकारियों के बिना संभव नहीं है। हालांकि मिक्सिंग के खेल में कई रेलवे अधिकारियों पर कार्यवाही भी हुई लेकिन अकूत पैसा होने के चलते रेलवे पुलिस हर जोखिम उठाने के लिए तैयार रहते है। कोयले में मिक्सिंग के खेल में रेलवे पुलिस करोड़ों में कमाई करती है। जानकारी के मुताबिक बीते शनिवार की रात झारखंड के रामगढ़ से भस्सी लेकर गोंदवाली स्थित दो हाईवा वाहन क्रमांक यूपी 64 बीटी 4625 व यूपी 64 बीटी 4627 को संदिग्ध परिस्थितियों में खड़ा पाकर ग्रामीणों ने पकड़ा। जिसकी जानकारी बरगवां पुलिस को दी जहां पुलिस ने दोनों वाहनों को थाने में खड़ा कराया गया था। वाहनों का कागज सतना जाने के लिए बना था। सूत्रों का दावा है कि दोनों हाइवा वाहन भस्सी लेकर गोंदवाली स्थित मां काली फर्म में जा रहे थे। लेकिन कोलयार्ड में पहुंचने से पहले ही ग्रामीणों ने उसे पड़कर मिक्सिंग के खेल को बेनकाब कर दिया।
