सिंगरौली : नगर निगम चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी की प्रत्याशी रानी अग्रवाल ने लोगों से बड़े-बड़े वादे किए थे कि यदि चुनाव जीत जाती है तो दिल्ली की तर्ज पर सिंगरौली नगर निगम का विकास होगा। उसे दौरान उन्होंने 25 सेवा वचन पत्र जारी कर शहर के विकास का वादा की थी। लेकिन 3 साल 3 महीने गुजरने के बाद भी उनके 25 वादे अधूरे हैं। महापौर रानी अग्रवाल के द्वारा एक भी वादा पूरा नहीं किया गया। हालांकि अब वह विकास नहीं कर पाने का पूरा ठीकरा भाजपा सरकार पर फोड़ेगी।
गौरतलब है कि 17 जुलाई 2022 को रानी अग्रवाल सिंगरौली नगर पालिका निगम की महापौर चुनी गई। और 5 अगस्त 2022 को शपथ लेकर पदभार संभाला। जिसके बाद लोगों को उम्मीद जगी कि अब नगर निगम का विकास दिल्ली के तर्ज पर होगा। लेकिन महापौर की शपथ लिए हुए 3 साल 3 महीने गुजर गए लेकिन चुनाव के दौरान जनता से किए हुए 25 सेवा वचन पत्र वादे एक भी पूरे नहीं हुए हैं।
चर्चा है कि महापौर रानी अग्रवाल के पदभार ग्रहण करने के बाद से जो भी विकास कार्य हुए हैं वह भ्रष्टाचार के भेंट चढ़ गए। उन्होंने अभी तक भ्रष्टाचार के लिए भले ही भोपाल स्तर पर दो-चार पत्र लिखे हो लेकिन भ्रष्टाचार को लेकर कभी भी वह मुखर होकर जनता के सामने कभी कुछ नहीं बोला। चर्चा तो यहां तक है कि नगर निगम में स्वच्छता के नाम पर महापौर लाखों रुपए ले रही है संभवत इसीलिए वह भ्रष्टाचार के खिलाफ कोई मोर्चा नहीं खोल पा रही हैं।
पिंक टॉयलेट और वाटर एटीएम में भ्रष्टाचार
बता दे की पिंक टॉयलेट और वाटर एटीएम खरीदी में लाखों रुपए का भष्टाचार हुआ है। क्वालिटी और रेट में पूरा खेल किया गया है। एक भी पिक टॉयलेट उपयोग में नहीं है। पिंक टॉयलेट और वाटर एटीएम खरीदी में भ्रष्टाचार को लेकर महापौर ने अभी तक ना तो मीडिया से और ना ही जनता से इस बारे में कुछ कहा है। हालांकि चर्चा है कि महापौर खुद को ईमानदार दिखाने के लिए संभावित पिंक टॉयलेट और बता एटीएम खरीदी में भोपाल स्तर से शिकायत की है। लेकिन यह शिकायत सिर्फ खुद को ईमानदार दिखाने के लिए की गई है। ताकि जरूरत पड़ने पर इन शिकायती दस्तावेजों को जनता के सामने पेश कर सके।
अध्यक्ष का विश्वास प्रस्ताव लाने कर रहीं साजिश ?
महापौर रानी अग्रवाल जिन 25 वादों को करके चुनाव जीती उसे पूरा करने में पूरी तरह से असफल रही है। हालांकि वह अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए समय समय पर भाजपा पर काम नहीं करने देने का आरोप लगाती रही। चर्चा है कि खुद से ध्यान भटकने के लिए वह नगर निगम अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की साजिश रच रही है। कहां जा रहा है कि भाजपा के 23 पार्षद, कांग्रेस के 12 और आपके 5 पार्षद जबकि दो निर्दलीय पार्षद हैं। ऐसे में बिना खरीद फरोख्त किया भाजपा अध्यक्ष देवेश पांडे के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाना असंभव है। राजनीति जानकारी की माने तो कांग्रेस के पार्षद के साथ मिलकर आम आदमी पार्टी साजिश रच रही है।
