Singrauli news : महिला एवं बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारी व पर्यवेक्षक प्रदेश सरकार पर वेतन विसंगति सहित अन्य मांगों को लेकर गंभीर आरोप लगाया है और कहा है कि अन्य कई विभागों के कर्मचारियों का वेतन सीडीपीओ एवं पर्यवेक्षकों की तुलना में ज्यादा है।
Singrauli news : desk report – सिंगरौली 27 मार्च। मध्य प्रदेश में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं ऐसे में कई संविदा कर्मी संगठनों और अब आशा उषा कार्यकर्ताओं ने सीएम शिवराज सिंह को गिर कर अपनी मांग मनवाने का दबाव बनाना शुरू कर दिया है। अब आशा उषा कार्यकर्ताओं ने सीएम शिवराज सिंह के खिलाफ हमला करते हुए कहा कि यदि उनकी मांगे पूरी नहीं हुई तो वह है अब बड़ा आंदोलन करेंगी। तो वही हाल ही में सीएम शिवराज द्वारा चलाई जा रही बहना योजना पूरी तरह से प्रभावित होगी।
बता दें कि वेतन विसंगति सहित 15 सूत्रीय मांगों को लेकर महिला एवं बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारी एवं पर्यवेक्षक काम रोको आंदोलन शुरू किया है। आज 13 वें दिन भी इनका आंदोलन जारी रहा। वहीं आशा, ऊषा एवं सहयोगी कार्यकर्ताएं भी धरना पर तटस्थ हैं। आशा,ऊषा एवं सहयोगी कार्यकर्ताएं सरकार के खिलाफ उपेक्षा का आरोप लगाते हुए जमकर नारेबाजी की। जिला मुख्यालय में आईसीडीएस अमला मानव श्रृंखला बनाकर सरकार की नीतियों के विरोध में हल्ला बोलते हुए जमकर नारेबाजी की।
गौरतलब हो कि महिला एवं बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारी व पर्यवेक्षक प्रदेश सरकार पर वेतन विसंगति सहित अन्य मांगों को लेकर गंभीर आरोप लगाया है और कहा है कि अन्य कई विभागों के कर्मचारियों का वेतन सीडीपीओ एवं पर्यवेक्षकों की तुलना में ज्यादा है। प्रदेश सरकार के तीन मंत्रियों ने कई बार आश्वासन भी दिये कि वेतन विसंगति सहित अन्य मांगों को पूरा किया जायेगा। इसके बावजूद प्रदेश सरकार गंभीरता से नहीं लिया। मजबूर होकर परियोजना अधिकारी एवं पर्यवेक्षक काम रोको आंदोलन शुरू कर दिया है। Singrauli news
हड़ताली कर्मचारियों का दावा है कि हड़ताल से प्रदेश सरकार की अति महत्वाकांक्षी लाडली बहना योजना पूरी तरह से प्रभावित हो रही है। वहीं पोषण आहार वितरण अस्त-व्यस्त हो गया है। कुपोषित बच्चों की निगरानी नहीं हो पा रही है। उक्त संघ के कर्मचारियों का कहना है कि जब तक मांगे पूरी नहीं होंगी तब तक यह कामकाज ठप रहेगा। इधर आशा, ऊषा एवं सहयोगी कार्यकर्ता भी सीएमएचओ दफ्तर के सामने 13 वें दिन धरना देकर प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। बीते 15 मार्च से धरने पर बैठी आशा कार्यकर्ताओ और पर्यवेक्षकों की मांग है कि एनएचएम के द्वारा आशा कार्यकर्ताओं को 10 हजार रुपये और पर्यवेक्षकों को 15 हजार रुपये निर्धारित किया गया है उसे मध्यप्रदेश सरकार तत्काल प्रभाव से लागू करे। जबकि आशा कार्यकर्ताओं को महज 2 हजार रुपये मिल रहा है। बीते 15 मार्च से धरने पर बैठी आशा कार्यकर्ताओं की कोई सुध लेने के लिए जिम्मेदार अधिकारी नहीं पहुंच रहे हैं। Singrauli news