Sweep plan failed : सिंगरौली 20 अप्रैल। जिला प्रशासन के जिम्मेदारो की उदासीनता व लचर कार्यप्रणाली के चलते सिंगरौली जिले में मतदाताओं को जागरूक करने वाली स्विप योजना पूरी तरह से फ्लॉप व धराशायी नजर आई। अधिक से अधिक मतदान के लिए ग्रामीण एवं शहरी मतदातओं के बीच जागरूकता बनाने स्विप कार्यक्रम चलाये जाने की व्यवस्था बनाई गई है। लेकिन जिला प्रशासन के जिम्मेदार लोगों के उदासीनता की वजह से कार्यक्रम का क्रियान्वयन कागजो में ही सिमट कर रह गया। नतीजन लोकसभा चुनाव में मतदान विधानसभा चुनाव से 17 प्रतिशत कम रहा। जिला प्रशासन द्वारा स्विप कार्यक्रम का समुचित क्रियान्वयन सही तरीके से नही करने की वजह से जिले में हुई कम वोटिंग को लेकर बुद्धिजीवी व समाजसेवियों ने जिम्मेदारो के कार्यप्रणाली पर सवालिया अंगुली उठाया है।
गौरतलब हो कि सुव्यवस्थित मतदाता शिक्षा एवं निर्वाचन सहभागिता कार्यक्रम को स्विप के रूप में जाना जाता है। यह भारत में मतदाता शिक्षा, मतदाता जागरूकता का प्रचार-प्रसार करने एवं मतदाता की जानकारी बढ़ाने के लिए एक प्रमुख कार्यक्रम है। जो गत वर्ष 2009 से भारत के निर्वाचकों को सजग करने और उन्हें निर्वाचन प्रक्रिया से संबंधित बुनियादी जानकारी दी जाती है। स्विप का प्रमुख लक्ष्य निर्वाचनों के दौरान सभी पात्र नागरिकों को मत देने और जागरूक निर्णय लेने के लिए प्रोत्साहित करके देश में सही मायनो में सहभागी लोकतंत्र का निर्माण करना है। बताते चले कि मुख्य निर्वाचन आयोग ने जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देशित किया था कि मतदान का प्रतिशत बढ़ाने स्विप कार्यक्रम का ज्यादा से ज्यादा आयोजन हो। लेकिन लेकिन अब जन चर्चा और अधिकारियों के बीच चर्चा है कि सिंगरौली जिले में चिन्हित शहरी व ग्रामीण के ब्लॉक-मुख्यालयों में स्विप कार्यक्रम का आयोजन कर कोरम पूरा किया गया। जबकि सबसे ज्यादा जागरूकता कार्यक्रम की आवश्यकता ग्रामीण अंचलों में था। जहां बिल्कुल नही हुआ।Sweep plan failed
स्विप कार्यक्रम के नाम पर जारी राशि का हुआ बंदरबाट
स्विप कार्यक्रम शत प्रतिशत क्रियान्वयन नही होने की वजह से लोकसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत केवल 58 प्रतिशत रहा है। जबकि गत 2019 के लोकसभा चुनाव में मतदान का प्रतिशत 69 था। इतना ही नही महज 5 माह पूर्व सम्पन हुए विधानसभा चुनाव में जिले में वोट का प्रतिशत 75 रहा है। इन आंकड़ो से अंदाजा लगाया जा सकता है कि स्विप कार्यक्रम के जिम्मेदार नोडल अधिकारियों ने कितनी मेहनत किया है। Sweep plan failed
कम मतदान के लिए क्या स्विप के नोडलों पर होगी कार्यवाही Sweep plan failed
जिला प्रशासन व जिला पंचायत विभाग द्वारा प्रदेश व देश की योजनाओं के समुचित क्रियान्यवन में लापरवाही बरतने पर पंचायत सचिव व अन्य के खिलाफ तो त्वरित कार्यवाही होती है। लेकिन देश के सबसे बड़े चुनाव को सफल बनाने में विफल स्विप कार्यक्रम के नोडल अधिकारियों पर क्या कोई कार्यवाही होगी। यह सवाल जिले के बुद्धिजीवियों व समाजसेवियों ने उठाया है। फ्लॉप स्विप कार्यक्रम पर चुटकी लेते हुए बुद्धिजीवी मांग कर रहे है कि स्विप कार्यक्रम के नाम पर जारी राशि का बंदरबाट करने वाले जिम्मेदारो के खिलाफ कार्यवाही हो।