सिंगरौली। गोंदवाली कोलयार्ड में भस्सी एवं छाई के मिलावट करने का आरोप पिछले कई दिनों से लग रहा है। कलेक्टर के निर्देश पर आज खनिज, राजस्व एवं पुलिस की संयुक्त टीम कोलयार्ड गोंदवाली पहुंच कोयले का सेम्पल संयुक्त टीम ने लिया है। चर्चा है कि प्रशांत जायसवाल और केके तिवारी पर कोयला मिक्सिंग कराने का आरोप, जांच रिपोर्ट के बाद कई चेहरे बेनकाब हो सकते हैं।
गौरतलब है कि कोलयार्ड गोंदवाली में मिलावटी कोयला जिसमें छाई एवं भस्सी मिक्सिंग करने का कई दिनों से आरोप लगाये जा रहे थे। यहां तक कि गत दिवस एक हाईवा वाहन छाई के साथ पकड़े गये थे और आरोप है कि यह छाई छत्तीसगढ़ प्रांत के रामगढ़ से लोडकर कोलयार्ड गोंदवाली में खपाने का मक्सद था। यहां अघोरी कोलयार्ड कंपनी पर इस तरह के आरोप भी हैं। कर्ताधर्ता प्रशांत जायसवाल व केके तिवारी पर कोयला मिक्सिंग कराने का आरोप भी है। सोशल मीडिया में इन दिनों यह मामला काफी तूल पकड़ा हुआ है।
कलेक्टर मामले को गंभीरता से लेते हुये आज कोलयार्ड गोंदवाली में संयुक्त टीम भेजा है। इस टीम में खनिज अधिकारी तहसीलदार बरगवां एवं टीआई बरगवां राकेश राका साहू सहित खनिज का अन्य स्टाफ शामिल हैं। यदि बाकी जांच रिपोर्ट सही आई तो कई चेहरे बेनकाब होंगे। हालांकि जांच रिपोर्ट सही आने की संभावना न के बराबर है।
सोमवार की सुबह उक्त टीम कोलयार्ड पहुंची और कोयले का सेम्पल लेकर जांच पड़ताल व स्थल पंचनामा तैयार किया गया है। कोयला मिक्सिंग करने में कितनी सच्चाई है, यह तो सेम्पल आने के बाद ही पता चल पाएगा, लेकिन लोगों का खनिज विभाग पर ज्यादा भरोसा भी नही है। इस तरह की जांच पड़ताल खनिज विभाग की टीम शिकायत मिलने पर करती रहती है। सेम्पल का रिपोर्ट आने में ही कई महीने का वक्त लग जाता है। तब तक में कोयला कारोबारी नीचे से लेकर ऊपर तक इतनी भाग-दौड़ कर लेते हैं कि सेम्पल रिपोर्ट भी दब जाती है या फिर कोल कारोबारी अपने मन मुताबिक जांच प्रतिवेदन वरिष्ठ अधिकारियों के यहां भेजवाने में कामयाब हो जाते हैं।
यहां बताते चले कि दो महीना पहले कोल जांच के मामले में खनिज अधिकारी ने जांच में ऐसा लीपापोती किया था कि वरिष्ठ अधिकारी भी हैरान रह गये थे। फिलहाल कोलयार्ड गोंंदवाली में कोयला के मिक्सिंग के मामले में जांच टीम कितनी निष्पक्षता के साथ जांच प्रतिवदेन देगी, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा। खनिज विभाग सेम्पल रिपोर्ट आने का इंतजार की बात करते हुये गोलमाल जवाब दिया है। वही छत्तीसगढ़ प्रांत के छाई सिंगरौली के कई कोल माफियाओं के लिए काफी पसंद की है। यहां आये दिन छाई ट्रक एवं ट्रेलर वाहनों से आकर कथित कोलयाडो में खपाया जा रहा है। कई बार छाई पकड़ी भी जा चुकी है। पिछले साल बैढ़न में आधा दर्जन ट्रक छाई के साथ पकड़े गये थे। इसकी बावजूद कोयले में मिक्सिंग कराने वाले कोल कारोबारी अपनी आदतों से बाज नही आ रहे हैं और छाई का खेल खेलने में पीछे नही हट रहे हैं।
खाकी वर्दी से लेकर सफेदपोश धारी तक छाई से प्रभावित हैं। इन्हें भी छाई काफी पसंद है। इस तरह के आरोप आये दिन लगते रहते हैं। फिर भी कोयले में छाई एवं भस्सी मिलावट करने का खेल थम नही रहा है। कोयले के मिलावट में कितनी सच्चाई है, इसका निष्पक्ष जांच होने के बाद ही पता चल पाएगा।
