अपने ही संपत्ति को भूल गया नगर निगम,बिलौजी तिराहा के जमीन का मामला,मौके पर पहुंचे कमिश्रर सहित ननि अमला, पहले परमिशन दिखाओ फिर कराओ काम
सिंगरौली। नगर पालिक निगम सिंगरौली की जमीन कहां-कहां है शायद इसकी जानकारी विधिवत नगर निगम के आला अफसरों को नही है। तभी तो बिलौजी तिराहा की जमीन पर कुछ भू-माफियाओं ने कब्जा करते हुए निर्माण कार्य पर आमदा हो गए। जब इसकी शिकायत ननि के अधिकारियों के यहां की गई तो तब उनके होश उड़े और आनन-फानन में कमिश्नर के साथ-साथ आला अफसर भी पहुंचे और नापी कराने में जुट गए। आखिरकार भू-माफिया को सख्त लहजे मेंं हिदायत दी गई कि पहले परमिशन दिखाओ फिर इसके बार निर्माण कार्य शुरू कराना।
गौरतलब हो कि नगर पालिक निगम सिंगरौली क्षेत्र में कई ऐसे चिन्हित स्थान हैं,जहां ननि के जमीन पर अवैध कब्जा बरकरार है। कई अवैध कब्जों की जानकारी ननि के अधिकारियों को विधिवत है लेकिन जानबुझकर दबाने का प्रयास किया जाता है। क्योंकि अतिक्रमण करने वाले पहले ही जिम्मेदार अधिकारियों से मुलाकात कर लेते हैं। उदाहरण के तौर पर देखें तो इसका जीता जागता उदाहरण बिलौजी हैं। बिलौजी में कई जगह नगर निगम की जमीन है। लेकिन इस जमीन पर सूत्र बताते हैं कि अवैध कब्जा किया गया है। अब तो इस शासकीय जमीन पर कई तल्ले की इमारतें खड़ी हो चुकी है। यह सब कहीं न कहीं नगर निगम के अधिकारियों के सह पर किया गया है। अभी भी कब्जा किया जा रहा है। लेकिन कोई देखने व सुनने वाला नही है। अगर धोखे से कोई शिकायत कर दिया तो पूछ परख हो जाती है वरना हर मामले को अनसुना कर दिया जाता है। नगर निगम सिंगरौली के आला अफसरों की यह लापरवाही का नतीजा है कि शासकीय जमीन दिनोंदिन गायब होती जा रही है।
हाईकोर्ट में चल रहा है स्टे सूत्रों की बातों पर गौर करें तो बिलौजी तिराहा पर स्थित आराजी नंबर 425 पर हाईकोर्ट में स्टे चल रहा है। अभी यह स्टे खारिज नही हुआ है। इसके बावजूद निर्माण कार्य प्रगति पर है। लेकिन जिस आराजी नंबर पर निर्माण कार्य चल रहा है उस जमीन के बगल में नगर निगम की भी जमीन है। जहां निर्माणकर्ता अपनी जमीन के साथ-साथ ननि के जमीन पर भी निर्माण कार्य बेधड़क चला रहा है। इस रास्ते से नगर निगम के सभी आला अफसर निकलते हैं लेकिन किसी की भी नजर इस बात पर नही पड़ी कि उक्त जमीन नगर निगम की भी है।
क्या ननि के 44 डिसमिल है जमीन? सूत्र बताते हैं कि बिलौजी तिराहे के पास नगर निगम सिंगरौली की 44 डिसमिल जमीन है। यह कितनी सच्चाई है पता नही। लेकिन जब निर्माण कार्य करा रहे निर्माण कर्ता के निर्माण को रोकने पहुंचे ननि के आला अफसरों के सामने कुछ स्थानीय लोगों ने बताया कि यहां पर नगर निगम की सरकारी जमीन 44 डिसमिल है। आखिर यह 44 डिसमिल जमीन कहां है इसकी जानकारी शायद नगर निगम को भी नही है। तभी तो कोई अधिकारी बोलने से कतरा रहा था।
निर्माण को लेकर की गई थी शिकायत बिलौजी तिराहे पर शासकीय जमीन में अतिक्रमण करते हुए निर्माण कार्य किया जा रहा था। जो एक सप्ताह पूर्व हल्का पटवारी ने भी जमीन नापने के दौरान तहसीलदार के साथ-साथ नगर निगम के अतिक्रमण कर्ता दल को भी जानकारी दी थी। एक हफ्ते बाद नगर निगम के अधिकारी कुम्भकरणीय निद्रा से जागे और मौके पर नगर निगम के कमिश्नर आरपी सिंह के अलावा कार्यपालन यंत्री आरके जैन,उपयंत्री पीके सिंह सहित ननि के कई कर्मचारी पहुंचकर नापी कराई। नापी में पता चला कि जमीन को निर्माण कर्ता अतिक्रमण किया है। जिसे तत्काल हिदायत दी गई कि पहले परमिशन दिखाओं इसके बाद निर्माण कराओ वरना यह निर्माण नही होगा।