जीतू पटवारी कहते रहे कि मुझे अपनी गाड़ी से चलो लेकिन नहीं सुनी पुलिस
बागियों से मिलने गए जीतू पटवारी को पुलिस ने हिरासत में,छूटने पर बोले- क्या दोस्तों से मिलना गुनाह है ?
भोपाल.मध्य प्रदेश के 22 बागी विधायकों से बेंगलुरु मिलने गए मंत्री जीतू पटवारी और लाखन सिंह को कर्नाटक पुलिस ने हिरासत में ले लिया, इस दौरान जीतू पटवारी प्रशासन से अपनी गाड़ी पर चलने का दबाव बनाते रहे लेकिन बेंगलुरु पुलिस ने उनकी एक भी नहीं सुनी और उन्हें सरकारी वाहन से ले गई हलाकि बाद में दोनों को पुलिस ने छोड़ दिया। रिसॉर्ट में पटवारी और लाखन की पुलिस अधिकारियों से धक्का-मुक्की हुई थी एक समय तो जीतू पटवारी जमीन में भी गिर गये। दोनों नेता यहां ज्योतिरादित्य सिंधिया गुट के विधायकों से मिलने पहुंचे थे।जीतू पटवारी ने हिरासत से छूटने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि क्या दोस्तों से मिलना गुनाह है? वहीं, कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा ने आरोप लगाया है कि मंत्री पटवारी के साथ मारपीट की गई।
अपनों से मिलना कोई गुनाह है- जीतू पटवारी
जीतू पटवारी ने कहा- कांग्रेस के कुछ विधायक हमसे मिलना चाहते थे। यहां पर मेरे चचेरे भाई मनोज चौधरी को भी रखा गया है। मैं अपने भाई से यहां मिलने आया, लेकिन हमें रोका गया। हम अपने दोस्तों से मिलना चाहते हैं तो क्या यह गुनाह है? क्यों नहीं मिलने दिया जा रहा है? भला हो शिव कुमारजी का,उन्होंने हमें पुलिस की गिरफ्तारी से बचाया। इन विधायकों ने 15 साल तक संघर्ष किया। उन परभावनात्मक दबाव डालकर फोन ले लिए गए। भाजपा लोकतंत्र की हत्या कर रही है। सिंधिया राज्यसभा जाएंगे, मंत्री बन जाएंगे, लेकिन इस्तीफा देने वाले विधायकों का क्या होगा? मेरे साथी विधायकों की वेदना मैं समझ सकता हूं।
विधायकों को मनाने में कामयाब हो गए थे जीतू- कांग्रेस
कांग्रेस नेता विवेक तन्खा ने आरोप लगाया है कि पटवारी के साथ बेंगलुरु में ठहरे विधायक मनोज चौधरी के पिता भी थे। मनोज चौधरी को अपने पिता से भी मिलने नहीं दिया गया। चौधरी पर भाजपा ने दबाव बनाया हुआ है। हम इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। उन्होंने कहा कि पुलिस भाजपा के दबाव में काम कर रही है। पटवारी 9-10 विधायकों को भाजपा का साथ छोड़ने पर राजी कर चुके थे। लेकिन, भाजपा के दबाव में काम कर रही पुलिस ने मंत्रियों के साथ बदसलूकी की और उन्हें हिरासत में ले लिया।
कैलाश जोशी के बेटे दीपक जोशी को हराकर पहली बार चुनाव जीता मनोज
मनोज चौधरी के पिता नारायण चौधरी कांग्रेस नेता रहे हैं। उन्होंने 2003 में कांग्रेस के टिकट पर खातेगांव से विधानसभा चुनाव लड़ा था। 2008 में उन्हें टिकट नहीं मिला तो वह निर्दलीय चुनाव लड़े। इसके बाद उनके बेटे मनोज चौधरी कांग्रेस में शामिल हो गए। 2018 में हाटपिपल्या से विधानसभा चुनाव में भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी के बेटे दीपक जोशी को हराकर पहली बार चुनाव जीते।
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