सीधी -कोरोना का आंकड़ा जिले में जहां हर दिन नए कीर्तिमान स्थापित करता जा रहा है वहीं कल रविवार को कोरोनावायरस से फिर 2 युवा की मौत हो गई है। जिले में बढ़ते कोरोना के संक्रमण से 2021 में अब तक एक दर्जन मौतें हो चुकी हैं। बीते रविवार को जिला चिकित्सालय के कोविड आइसोलेशन वार्ड से सिद्धार्थ शंकर गौतम उम्र तकरीबन 45 वर्ष सीधी शहर के वार्ड क्रमांक 21 निवासी की बीते कुछ दिनों से तबियत खराब थी जहां कोरोना टेस्ट के दौरान रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी जिनको जिले के डीसीएससी वार्ड में एडमिट कराया गया था जिनकी बीते रविवार को मौत हो गई है। शासन की गाइडलाइन के तहत उनका अंतिम संस्कार किया गया है।
जबकि दूसरे मामले में संतोष कुमार विश्वकर्मा पिता रामअवतार विश्वकर्मा उम्र 35 वर्ष निवासी पटेहरा जो कोविड वार्ड में भर्ती था उसकी अभी रविवार की रात 8 बजे मौत हो गई। जिसका कल सोमवार को शासन की गाइडलाइन के अनुसार अंतिम संस्कार किया जाएगा।मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाँ. बी.एल. मिश्रा द्वारा बताया गया कि रविवार को सिद्धार्थ शंकर गौतम 45 वर्ष निवास अमहा सीधी 22 अप्रैल को दोपहर में रैपिड एन्टिजन टेस्ट द्वारा पाँजिटिव पाए गए थे। इनकी जांच जिला अस्पताल फीवर क्लीनिक में हुई थी वहां से दवा लेकर अपने घर में होम आइशोलेसन में थे।
घर जाने के बाद कोविड कमाण्ड सेन्टर से दिए गए मोबाइल नंबर पर 23, 24 अप्रैल को संपर्क करने पर फोन नही रिसीव किया गया। इनके घर से भी किसी के द्वारा टोल फ्री नं. 1075 पर सूचना नहीं दी गई। कल 25 अप्रैल को आर.आर.टी. दल द्वारा उनके घर जाकर फालोअप किए जाने पर गंभीर स्थिती में एंबुलेस द्वारा 12ः30 बजे न्यू कोविड केयर सेन्टर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। भर्ती के समय मरीज का एस.पी.ओ.टू. 35 होने के कारण स्थिती बहुत बिगड़ी हुई थी। तत्काल आक्सीजन लगाया गया और रेमडेशिविर इंजेक्शन फर्स्ट डोज दिया गया लेकिन विलंब होने के कारण रिकवरी नही हुई और 2ः15 बजे मृत्यु हो गई।
उन्होने कहा कि बारंबार यह सूचना प्रचारित की जा रही है कि कोविड महामारी से संक्रमित व्यक्ति को बहुत कम समय में जान का जोखिम उठाना पड़ सकता है। लेकिन गंभीरता से न लेने के कारण जो लोग कोविड जैसे लक्षणों को छुपाते हैं, विलंब से जांच करवाते हैं उसके बाद होम आइशोलेशन में रहकर अति विलंब करते हैं, ऐसा नहीं करें इस बीमारी का कोई त्वरित इलाज नहीं है, समय से इलाज प्रारंभ न हुआ तो जीवन नहीं बचाया जा सकेगा।