सतना- रैगांव चुनाव में उम्मीदवारों ने ना जाने कितनी उम्मीदों के साथ टिकट लेने आते हैं जिन को टिकट मिलता है उनके लिए तो मानो स्वर्ग ही जमीन पर आ गया हो परंतु जिनको नहीं मिलता उनके हाल इतने बुरे हो जाते हैं कि क्या कहें ऐसे में एक नाखुश उम्मीदवार को टिकट ना मिलने की वजह से किस तरह से आंसू छलक गए वह देखकर सब का दिल पसीज जाता है उनकी आंखों से आंसू छलक ही गए हालांकि वह अपने आंसू व दर्द को छुपाने की नाकाम कोशिश करते हैं लेकिन दर्द दिख ही जाता है। दरअसल रैगांव विधानसभा के उपचुनाव में इस उम्मीद से अपना नामांकन फार्म जमा किया था कि उन्हें शायद टिकट मिल जाए लेकिन टिकट नहीं मिला और पार्टी के दबाव में उन्हें अपना नामांकन भी वापस करना पड़ा इस दौरान उनका दर्द छलक पड़ा हालांकि इस दौरान वह अपने दर्द को छुपाने की नाकामयाब कोशिश भी की लेकिन वहां मौजूद मीडिया कर्मियों ने उनके दर्द को अपने कैमरे में कैद कर लिया। अब वीडियो जमकर वायरल हो रहा है।
मध्यप्रदेश में विधानसभा के उपचुनाव होने जा रहे हैं इसमें सतना जिले में रैगांव विधानसभा के पूर्व विधान सभा सदस्य श्री जुगल किशोर बागरी विधायक थे उनकी मृत्यु पश्चात इस सीट पर भाजपा और कांग्रेस उम्मीदवारों के साथ अन्य निर्दलीय उम्मीदवार खड़े हुए हैं पूर्व विधायक स्वर्गीय जुगुल प्रसाद बागरी के परिवार के बड़े बेटे पुष्पराज पूर्व में भी चुनाव लड़े थे परंतु उन्हें सफलता नहीं मिली परंतु इस उप चुनाव में स्वर्गीय जुगुल किशोर बागरी के छोटे पुत्र की पत्नी श्रीमती वंदना बागरी भी अपने आप को भाजपा से उम्मीदवार होने की आशा से चुनाव का नामांकन फार्म भरी थी परंतु कुछ लोगों की कुटिल चाल के कारण भाजपा से उनकी उम्मीदवारी नहीं हुई उनकी जगह भाजपा ने प्रतिमा बागरी को टिकट देकर अपना उम्मीदवार बनाया और प्रदेश के मुख्यमंत्री से लेकर तमाम भाजपा के नेताओं ने वंदना बागरी पर अपना नामांकन पत्र वापस लेने का दबाव बनाया। इतने दबाव के कारण वंदना बागरी ने अपने नामांकन पत्र वापस ले लिया लेकिन नामांकन पत्र वापस लेते समय इनका दर्द छलक पड़ा।
राजनीतिक जानकार कहते हैं कि अब उनके बहते हुए आंसुओं का असर चुनाव पर अवश्य पड़ेगा क्योंकि भाजपा पार्टी के सदस्य हिंदू भावनाओं के साथ राजनीति में कार्य करते हैं और हिंदू जाति के लोग दिल से बहुत संवेदनशील होते हैं और किसी नारी के आंखों से बहते हुए आंसुओं को वे सह नहीं पाते क्योंकि आंसु बिना कुछ कहे बहुत कुछ कह जाते हैं इसलिए यदि वंदना बागरी स्वयं प्रतिमा बागरी के लिए जनता से वोट नहीं मांगेगी तो उनके आंसू भाजपा की नाव डुबा देंगे इसलिए यदि भाजपा चाहती है कि उसका उम्मीदवार जीते तो वंदना बागरी को प्रचार में उतारना आवश्यक रहेगा।