खनिज विभाग, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, कुसमी थाना प्रभारी, राजस्व विभाग खुले तौर पर दोषी
सीधी ।अवैध रेत माफिया की करतूतों ने जिले की जीवनदायिनी गोपद नदी पर संकट खड़ा कर दिया। रेत के लिए नदी के बीचो-बीच पोकलैंड मशीन से रेत की निकासी की जा रही है। ठेकेदार एनजीटी की गाइडलाइन को दरकिनार कर नदी से रेत निकाल रहा है। इससे नदी की संरचना ही बिगड़ती जा रही है। नदी में 5 से 6 मीटर तक गड्ढे हो गए हैं। लेकिन जिम्मेदार खनिज विभाग को सब कुछ ठीक-ठाक दिख रहा है। खनिज अधिकारी दीपमाला ठेकेदार के नाम की माला जप रही है। सूत्र बताते हैं कि मैडम दीपमाला को पैसों का नजराना समय से मिल जाता हैं। यही वजह है कि वह रीत कारोबारियों के खिलाफ एक भी शब्द सुनना पसंद नहीं करती अब जब उन्हें विंध्य न्यूज़ रेत के अवैध उत्खनन के लिए किया जाता है तो वह फोन नहीं उठाती ।
बता दें कि नदियों से पोकलेन मशीन दिन रात रेत की निकासी की जा रही है। रेत से ओवर लोड भरे सैकड़ों वाहन हर शाम से देर रात और अल सुबह तक सड़कों पर देखे जा रहे हैं।लेकिन खनिज अधिकारी दीपमाला को यह सब नहीं दिखता। नदी में मशीन है ओवरलोड गाड़ियां चल रही है इन सूचनाओं से कोई लेना-देना नहीं है। वह स्टाफ की कमी की बात कर वह कार्रवाई से बचते रहती हैं। सूत्र बताते हैं कि खनिज अधिकारी रेत कारोबारी के सामने नतमस्तक हैं इसके पीछे तरह तरह के तर्क दिए जा रहे हैं। वहीं रेत कारोबारी गुरूमेल के इशारे पर पुजारा पोड़ी गांव से निकलने वाली गोपद नदी का सीना छलनी कर रहा है और बेतहाशा ओवरलोड वाहनों से इसका परिवहन किया जा रहा है। यह सब खनिज विभाग,पुलिस प्रशासन,आरटीओ समेत राजस्व अमला के सरपरस्ती से जिले में करोड़ों रुपए के राजस्व की चोरी की जा रही है।
पोकलेन मशीन से खनन
गोपद नदी में बीते दो दिनों से दिन रात विशालकाय पोकलेन मशीन को नदी में उतारा जाता है और शर्तों के विपरीत सैकड़ा भर बड़े वाहनों के लिये रेत का खनन कराया जाता है, हौसले इतने बुलंद हो चुके हैं कि मशीन अब दिन में भी नदी में उतरती है। हद तो इस बात की है की नदी का सीना छलनी करते हुए नदी के बीचो-बीच रोड बना दी गई है और हाईवा वाहन नदी में ही लोड हो रहे हैं । उक्त खदान में हाइवा और डम्फर धड़ल्ले से उतारे जा रहे हैं। ठेकेदार और माफियाओं की ये करतूत कैमरे में भी कैद हुई। लेकिन पुलिस प्रशासन को यह खाना बिल्कुल नहीं दिखता, यह कई सवाल खड़े करते हैं।
गुरूमेल के इशारे पर पुजारा करा रहा अवैध उत्खनन
जिले में मशीनों के रेत उत्खनन का काम बेरोकटोक धड़ल्ले से जारी है। रेत कारोबारियों को जिला प्रशासन का बिल्कुल भी डर नहीं है वजह साफ है महीना जो इमानदारी से पहुंच रहा है कहा जा रहा है कि पौड़ी रेत खदान से कुसमी थाना प्रभारी को 5 लाख रुपए महीना पहुंच रहा है यही वजह है कि ओवरलोड ट्रकों पर कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। । सूत्र बताते हैं कि रेत कारोबारी गुरूमेल के इशारे पर पुजारा पोड़ी गांव से निकलने वाली गोपद नदी को अपना नया ठिकाना बना लिया हैं। बताते है कि रेत कारोबारी को राजनैतिक संरक्षण मिला हुआ है जिसके चलते प्रशासन इनके खिलाफ कार्यवाही करने का साहस जुटा नहीं पा रहा है। गुरूमेल के शह पर ही नदी में पोकलेन और हाइवा उतारे जा रहे हैं।
खाई बने नदी के किनारे
मशीनों से अनवरत खुदाई की वजह से किनारा खाई में तब्दील हो रहे हैं। जिन्हें भरने में समय लगेगा। ऐसी गहरी खदानों को देखकर यह साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह काम मजदूरों ने नहीं बल्कि मशीनों से किया जा रहा है। हलांकि इस बात की जानकारी खनिज विभाग के खनिज निरीक्षको सहित खनिज अधिकारी को भी बखूबी है लेकिन वह रेत संविदाकार के सामने नतमस्तक हो गई है। सूत्रों की माने तो खनिज अधिकारी दीपमाला रेत संविदा कार के शर्तों पर काम कर रही हैं नहीं करने पर भोपाल से मंत्रियों के फोन आ जाते हैं जिस वजह से वह संविदाकार के सामने नतमस्तक हो गई हैं।
सबने बनाया जुगाड़
पोड़ी रेत खदान में जो खेल चल रहा है, उसमें खनिज विभाग, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, कुसमी थाना प्रभारी, राजस्व विभाग खुले तौर पर दोषी हैं। लेकिन सब जानने के बाद भी संबंधित अधिकारियों ने अपनी खुली सहमति दे रखी है। पोड़ी गांव के गोपद रेत खदान में सभी ने डूबकी लगाकर नियम तोडऩे की खुली अनुमति दे रखी है। पर्यावरण के क्षेत्र में काम करने वाले जानकारों की मानें तो पोड़ी रेत खदान के चलते कभी भी वन्य प्राणी खतरे में आ सकते हैं, गोपद नदी के अस्तित्व पर भी संकट मंडरा सकता है।