Singrauli political news:चितरंगी 16 जनवरी। जनपद सदस्य संघ ने आज 8 सूत्रीय मांगों को लेकर जनपद पंचायत के प्रवेश द्वार में ताला जड़ते हुए धरने पर बैठ गये। जहां जनपद का कामकाज पूरी तरह से प्रभावित हुआ है। धरने पर बैठे जनपद सदस्य संघ ने सरकार की नीतियों को आड़े हाथों लिया। जिसका समर्थन कई सरपंचों ने भी किया है।
धरना पर बैठे जनपद सदस्य अरूण कुमार धर, जगरानी, सीता कुमारी, रज्जी देवी, दीपचंद बैगा, अनीता, सुखमंती, चन्द्रावती, पानमती, गेंदकुमारी ने मांग किया है कि अध्यक्ष को विकासनिधि एवं स्वेच्छा अनुदान के साथ सवा करोड़, उपाध्यक्ष को 55 लाख एवं सदस्यों को विकासनिधि 25 व स्वेच्छानुदान 5 लाख सहित प्रतिवर्ष 30 लााख रूपये बजट की व्यवस्था करायी जाय। Singrauli political news
ग्राम पंचायत के सभी कार्यों में डीपीआर प्रस्ताव संबंधी पंचायत के सदस्यों को अधिकार हो, पंचायत के कार्यों में जहां पीसीओ का अधिकार है वहीं जनपद सदस्यों का अधिकार हो। जनपद सदस्यों को भी निर्माण एजेंसी बनाया जाय एवं वित्तीय अधिकार प्रदान किया जाय। जनपद पंचायत क्षेत्र के समस्त विभाग के वार्षिक बजट के अनुमोदन का अधिकार जनपद पंचायत के सामान्य सभा को दिया जाय। इसके अलावा अन्य मांग शामिल हैं। Singrauli political news
अध्यक्ष ने कहा उपयंत्री कर रहा ठेकेदारी इसे तत्काल हटाइए
चितरंगी जनपद का मामला , जनपद अध्यक्ष ने विवादित उपयंत्री को चितरंगी क्षेत्र से तत्काल हटाए जाने सीईओ को लिखा पत्र , चर्चाओं का बाजार गर्म
सिंगरौली 16 जनवरी। जनपद पंचायत चितरंगी के आरईएस विभाग में पदस्थ उपयंत्री चंदन सिंह को चितरंगी जनपद क्षेत्र से तत्काल हटाए जाने की मांग जनपद अध्यक्ष सियादुलारी ने जनपद सीईओ के साथ-साथ कलेक्टर, जिला पंचायत सीईओएवं कार्यपालन यंत्री आरईएस को पत्र लिखा है । Singrauli political news
जनपद अध्यक्ष के पत्र में उपयंत्री पर पदीय दुरुपयोग का संगीन आरोप लगाते हुए सनसनी मचा दिया है । जनपद अध्यक्ष ने कलेक्टर जिला पंचायत सीईओ सहित अन्य अधिकारियों को पत्र लिखते हुए उपयंत्री चंदन सिंह पर आरोप लगाया है कि इनके विरुद्ध गंभीर शिकायतें प्राप्त हुई है । उपयंत्री ग्राम पंचायत झरकटिया, दार , गेरूई, कुड़ैनिया द्वितीय, खम्हनिया , कपूरदई, बगैया, खोखवा, मटिहनी, बसनिया एवं दुधमनिया में कार्यरत हैं । जहां उपयंत्री द्वारा ग्राम पंचायतों में नियम विरुद्ध तरीके से ठेकेदारी की जा रही है एवं ग्राम पंचायतों में विभिन्न मनरेगा के कार्यों में पंचायत के सरपंच सचिव को डरा धमकाकर ब्लैक मेलिंग करते हुए कार्य को स्वयं कराया जा रहा है । Singrauli political news
पत्र में आगे लिखा है कि उपरोक्त ग्राम पंचायतों मजदूरों द्वारा भी शिकायतें प्राप्त हुई है कि मनरेगा में किए गए कार्यों के मजदूरी राशि वसूल करने के लिए अपने सगे छोटे भाई को जिम्मा सौंपा है । जिनके द्वारा मजदूरों के खाते में गई मजदूरी भुगतान उन्हें डरा धमका कर आधा से अधिक ले लिया जा रहा है । जिससे उक्त ग्राम पंचायतों के मजदूर उपयंत्री के आतंक से परेशान होकर पलायन करने मजबूर हो रहे हैं । जनपद अध्यक्ष का यह भी आरोप है कि चंदन सिंह उपयंत्री पूर्व में शहडोल जिले के व्यौहारी जनपद में पदस्थ थे जहां उनके ऊपर कार्रवाई की जा कर सेवा समाप्त कर दिया गया था । बाद में न्यायालय के स्थगन आदेश के बाद देवसर जनपद में जॉइनिंग दी गई। Singrauli political news
देवसर में भी इनका कार्य व्यवहार ठीक न होने के कारण इनके कृत्यों को देखते हुए वहां से हटाकर चितरंगी स्थानांतरित कर दिया गया था। इस क्षेत्र में भी उनका कार्य व्यवहार ठीक नहीं है और लगातार इनका मनोबल बढ़ता जा रहा है । चेतावनी भरे लहजे में कहा है कि उपयंत्री के कृतियों से कभी भी पंचायतों में बात -विवाद हो सकता है ऐसी स्थिति में उपयंत्री को जनपद पंचायत चितरंगी से अन्यत्र स्थानांतरित कराया जाए । उन्होंने आदेश कर अग्रिम कार्यवाही के लिए वरिष्ठ अधिकारियों के यहां पत्र भेज दिया है। Singrauli political news
उपयंत्रियों का 5 प्रतिशत कमीशन फिक्स
जनपद पंचायत चितरंगी में पदस्थ कई उपयंत्री कमीशन खोरी को लेकर चर्चाओं में है । आलम यह है कि कार्य का मूल्यांकन करने के एवज में खुलेआम 5 प्रतिशत कमीशन लिया जाता है। यह बात किसी से छुपी नहीं है । यदि पंचायत के सरपंच , सचिव , रोजगार सहायक कमीशन देने में ना – नुकुर लेट-लतीफी करने लगते हैं तो उपयंत्री साइड निरीक्षण सहित कई तरह के अडग़े लगाकर कार्यों का वैल्यूएशन करने लटकाते -भटकाते नजर आते हैं । Singrauli political news
इसकी शिकायत कई बार पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों के यहां तक पहुंची है । लेकिन चर्चित उपयंत्रियों के खिलाफ कार्रवाई करने से अधिकारी भी बचते नजर आते हैं। नाम न छापने की शर्त पर एक सरपंच व कुछ एक सचिवों ने बताया कि स्टीमेट बनाने से लेकर टीएस मेंं भी कमीशन वसूला जाता है। जन चर्चाओ के मुताबिक निर्माण कार्यो के मूल्यांकन में कथित उपयंत्री कमीशन अपना अधिकार समझते हैं।
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