Umriya corruption dam : Desk Report : सीएम शिवराज सिंह की कई महत्वाकांक्षी योजनाओं को उनके मातहत कर्मचारियों ने भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा दी। जिले में करोड़ों की लागत से बना घोघरी जलाशय भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है। बारिश के दिनों में बांधों में अत्यधिक जलभराव होने से जल संसाधन विभाग ने बांधों के अस्तित्व को बचाने के लिए किनारे कट लगाया गया था। जिससे पानी के दबाव को कम किया जा सके। जहां लगाए गए कट से निकलने वाले पानी से करीब दो दर्जन से ज्यादा किसानों की जमीन पूरी तरह से तबाह हो गई थी उस दौरान प्रशासन ने उन्हें क्षतिपूर्ति देने का भी वादा किया था लेकिन अभी तक किसानों को किसी भी तरह का क्षतिपूर्ति मुआवजा नहीं दिया गया। वहीं दूसरी तरफ बांध बनने के बाद मछुआरों को आस जगी थी कि वह मत्स्य पालन कर अपनी आजीविका चला पाएंगे। लेकिन अब मछुआरों को भी आजीविका का संकट गहरा गया है। हाला की शिकायत के बाद अब कलेक्टर ने किसानों को क्षतिपूर्ति देते हुए जिम्मेदारों पर कार्यवाही करने की बात कही है।
Umriya corruption dam : उमरिया जिले में सिंचाई विभाग की लापरवाही और भ्रष्टाचार की कलई खुलकर सामने आ गई है, विभाग द्वारा करोड़ों रुपये की लागत से ग्राम घोघरी में जलाशय का निर्माण कराया गया और दावा किया गया कि दर्जनों गांवों के हजारों किसानों को इससे सिंचाई और निस्तार का पानी मिलेगा लेकिन यह जलाशय निर्माण कार्य मे तकनीकी खामियों और भ्रष्टाचार के कारण बारिश का एक साल भी नही झेल पाया और तबाह हो गया. आलम यह है कि इस जलाशय से न तो किसानों को पानी मिल पा रहा है, न खेती के लिए सिंचाई की सुविधा.
बता दें बीते वर्ष के अगस्त महीने में हुई तीन दिनों तक लगातार बारिश से अत्यधिक जलभराव के कारण यह जलाशय बीच से टूटने की कगार पर आ गया था जिसके कारण विभाग के अधिकारियों ने जलाशय में कट लगा दिया जिससे वर्षा का पानी सैकड़ों किसानों की खेतो में खड़ी फसल को तबाह करते हुए व्यर्थ बह गया वहीं जल के तेज बहाव के कारण जलाशय की नहर भी टूटकर बह गई, इस घटना के नौ माह बीत जाने के बाद भी विभाग ने न तो किसानों को प्रभावित फसल का मुआवजा दिया और न ही टूटी नहर का पुनर्निर्माण कराया जिसके कारण किसान खेती के लिए सिंचाई की सुविधा से भी वंचित हो गए।
घोघरी जलाशय के निर्माण में सिंचाई विभाग के अधिकारियों और ठेकेदार द्वारा बरती गई लापरवाही और किये गए भ्रष्टाचार का खामियाजा महज किसान ही नही भुगत रहे हैं बल्कि इस जलाशय से मछली पालन कर परिवार चलाने वाले सैकड़ो परिवार की आजीविका भी प्रभावित हुई है। बारिश में कट लगने से जलाशय में डाले गए मछली बीज बह गए और पानी नही होने से दोबारा मछली पालन की संभावना भी समाप्त हो गई ऐसे में मछली पालन कर आजीविका चलाने वालों पर भी संकट गहरा गया जनजातीय मामलों के जानकार इस मामले में विभाग के ऊपर बड़े भ्रष्टाचार का आरोप लगा रहे हैं वहीं गांव के ललन सिंह सहित अन्य आदिवासी किसान इस भ्रष्टाचार के विरुद्ध कलेक्टर कार्यालय के सामने आंदोलन की चेतावनी भी दे रहे हैं।
सिंचाई विभाग की लापरवाही का खामियाजा महज ग्राम घोघरी के किसान ही नही भुगत रहे बल्कि पूरा जिला विभाग की लापरवाही और भ्रष्टाचार से परेशान है विभाग द्वारा जिले भर में बीते 10 सालों में बनवाये गए 13 जलाशयों में आज भी कई जलाशयों में किसान सिंचाई की सुविधा और मुआवजे तक के लिए परेशान है, देखना है कि ग्राम घोघरी के प्रभावित किसानों को कब तक न्याय मिल पाता है।