UPI : कोरोना महामारी के बाद से यूपीआई ट्रांजैक्शन (UPI Transaction) में काफी इजाफा हुआ है। इसके साथ ही यूपीआई फ्रॉड के मामले भी बढ़े हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल 2022 में देशभर में यूपीआई से फर्जी ट्रांजैक्शन (Fake transaction from UPI) की 95 हजार से ज्यादा शिकायतें दर्ज की गईं। यहां ध्यान देने वाली सबसे अहम बात यह है कि यूपीआई ऐप में किसी तरह की गड़बड़ी की वजह से कोई फ्रॉड नहीं हुआ और न ही यूपीआई हैक हुआ।
UPI : अगर आप यूपीआई फ्रॉड से बचना चाहते हैं तो यहां हम आपको उन तरीकों के बारे में बता रहे हैं। इन तरीकों का पालन करके, आप सुरक्षित यूपीआई लेनदेन कर सकते हैं, साथ ही यूपीआई धोखाधड़ी करने वालों का आसानी से पता लगा सकते हैं।
पेमेंट रिसीव करने के लिए नहीं चाहिए पिन
अगर कोई आपसे कहता है कि हम आपको यूपीआई पर पेमेंट भेज रहे हैं और आपको क्यूआर कोड स्कैन करके अपना पिन डालना है, तो आपको तुरंत अलर्ट हो जाना चाहिए। यूपीआई पर भुगतान प्राप्त करने के लिए कभी भी पिन दर्ज करने की आवश्यकता नहीं है। इसके अलावा आपको अपना यूपीआई पिन किसी के साथ शेयर नहीं करना चाहिए।
कस्टमर केयर नंबर सर्च करते समय सावधान रहें
कई बार बैंकिंग ट्रांजैक्शन और यूपीआई ट्रांजैक्शन करने में दिक्कत आती है तो हम गूगल पर कस्टमर केयर नंबर सर्च करते हैं और यहां कई बार स्कैमर्स की संख्या सबसे ऊपर पाई जाती है। जो आपकी बैंकिंग और यूपीआई डिटेल्स से पैसे निकालते हैं। ऐसे में जब भी आप कस्टमर केयर नंबर सर्च करें तो इसे बैंक की आधिकारिक साइट या यूपीआई से लें।
ट्रांजेक्शन की लिए पब्लिक WiFi यूज न करें
यदि आपके फोन में इंटरनेट नहीं है, तो आपको लेन-देन के लिए सार्वजनिक वाईफाई का उपयोग नहीं करना चाहिए। पब्लिक वाईफाई पर आपके फोन पर स्पाई सॉफ्टवेयर भेजा जा सकता है, जो आपकी बैंकिंग और यूपीआई डिटेल्स चुरा सकता है।
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