देश में गाय के नाम पर सियासी रोटियां सेंकी जा रही है। आज गाय भारत में एक बड़ा सियासी मुद्दा बन गया है, लेकिन असल मुद्दा गाय की रक्षा उसकी देखभाल शायद कहीं पीछे ही छूट गया है। हम ये यूंही नहीं कर रहे हैं इसका नजारा हमें देखने को मिला मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले में जहां गौ सेवा के नाम पर दिखावा और फोटो शूट के चक्कर में गाय भूखी है।
गौशाला का उद्घाटन करने के बाद मंत्री सहित अधिकारी ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और ना ही कोई खोज खबर ली हालात यह है कि गौशाला की व्यवस्थाएं सब भगवान भरोसे ही चल रही है। यहां ना तो मवेशियो को खाने के लिए पर्याप्त पशु आहार है और ना ही अन्य व्यवस्थाएं। हैरानी तो इस बात की है की मवेशियों को बांटने के लिए गौशाला में रस्सी नहीं है। मंत्री जी गौशाला का उद्घाटन कर करनेे के बाद गौशाला की व्यवस्थाओं की कोई खबर नहीं ली।
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गौरतलब है कि ‘गौ सेवा’ के संरक्षण के लिए तलवाड़ा बुजुर्ग के पास सरकारी गौशाला का निर्माण कराया गया है इसका उद्घाटन सूबे के पशुपालन मंत्री व राज्यसभा सांसद प्रेम सिंह पटेल ने 20 दिन पहले किया था। उस दौरान जिले के संयुक्त संचालक पशुपालन विभाग डाॅ. गुलाबसिंह डावर, जिला पंचायत सीईओ ऋतुराज सिंह, उपसंचालक पशुपालन डाॅ. एलएस बघेल, क्षेत्र के गणमान्य कमल धनगर, बद्रीलाल कोटवार, भगवान सेप्टा, शेखर चौहान सहित ग्रामवासी मौजूद थे ।
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पशु विशेषज्ञों की माने तो एक पशु को पूरे दिन में 20 से 25 किलो पशु आहार की जरूरत होती है लेकिन गौशाला में आधा भी नहीं मिल रहा है गौशाला का पशुपालन मंत्री ने 10 नवंबर को उद्घाटन किया था और गौ सेवा का संकल्प लिया था इसकी हकीकत जानने के लिए विन्ध्य न्यूज़ की टीम बुधवार को गौशाला का दौरा किया टीम करीब दोपहर 11:00 बजे गौशाला पहुंची यहां सभी गाय धूप में खड़ी थी जबकि इनके बांधने का स्थान खाली पड़ा था। वही कुछ गायों के सामने थोड़ी सी सूखी घास पड़ी थी। कुछ के सामने है हरा घास था। भूसा गोदाम खाली पड़ा था बस होज में पानी जरूर था। इसे ही बार-बार मवेशी पी रहे थे।
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बता दें की गौशाला में पशुओं को बांधने के लिए व्यवस्था भवन है लेकिन यहां पर रस्सी की व्यवस्था नहीं होने के कारण भविष्य दिन रात छूटे रहते हैं इस कारण से कई बार आपस में ही मवेशी लड़ते हैं और एक दूसरे को घायल कर देते हैं यहां मौजूद चौकीदार के बेटे ने बताया कि 20 तारीख को यहां पर 3 मवेशी लाए गए थे इसके बाद बड़वानी नगरपालिका ने शहर में घूमने वाले 34 मवेशियों को पकड़कर गौशाला पहुंचाया था।
गौशाला में पहुंची गायों को खिलाने के लिए गोदाम के पास आधा एकड़ जगह में घास लगी है। इसे ही गायों को खिलाया जा रहा है जो पर्याप्त तो बिल्कुल नहीं है। शुरुआत के इन 20 दिनों में ही घास आधे से ज्यादा कट गई है यदि गौशाला में दूसरे की व्यवस्था होती तो नेपियर घास को काटकर भूसे के साथ खिलाया जा सकता था।
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लोकापर्ण कार्यक्रम के दौरान क्षेत्र के गणमान्य मनीष गोयल ने 50 हजार रूपये, हिरालाल मुलेवा ने 11111 रूपये,गेंदाबाई अगल्चा ने 5555 रूपये का दान भी गौशाला के संचालन हेतु दिया, जिसके लिये पशुपालन मंत्री प्रेमसिंह पटेल ने उनका आभार भी व्यक्त किया । इस दौरान अतिथि द्वय ने पशुपालको से आव्हान किया कि वे अपने पशुओं को अनुत्पादक होने की स्थिति में लावारिश न छोडे।
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