सीधी। वन विभाग सीधी मे यॅू तो कुछ न कुछ हमेशा ऐसा होता आया है, जो कि जिले मे चर्चा का विषय बना है। वर्ष 2019 में वन विभाग सीधी, लघु वनोपज संघ के हड़बडो गोदाम से 4 करोड़ रूपए की तेंदू पत्ता चोरी होने की घटना संज्ञान मे आयी थी, जिसमे जॉच होने के बाद नीचे से ऊपर तक कई अधिकारी कर्मचारी दोषी पाये गयें थें। शायद यही बजह है कि आज दिनांक तक चोरी होना तो विभाग द्वारा स्वीकार किया गया किन्तु आज तक कागजी घोड़े ही दौड़ाये जा रहे हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक कई मामलों में जॉच चल रही है और दोषी खुद की कई प्रकरणों मे जॉच अधिकारी बन कर दोषीयों को सजा देने का कार्य कर रहे हैं। इसी प्रकरण मे वन मंण्डल सीधी के रेंज आफीसर का नाम भी इसी लिस्ट मे शामिल है साथ ही विभागीय कारणों के चलते रेंज आफीसर को 30 जनवरी 21 को अन्यत्र जिले का स्थानांतरण
आदेश दिया जा चुका है, यहॉ तक कि वन मण्डलाधिकारी सीधी द्वारा उक्त पद से
5 फरवरी शुक्रवार को भारमुक्त भी किया जा चुका है। उसके बाबजूद आज दिनांक
शासकीय वाहन, भवन एवं पद का उपयोग करना बताया जा रहा है।
4 करोड़ की चोरी पर 71 लाख की वसूली हुई प्रस्तावित – तेन्दू पत्ता गोदाम हड़बड़ो सीधी से वर्ष 2019 मे लगभग 4 करोड़ रूपए मूल्य की तेंदू पत्ता मिली भगत से चोरी होना आमजनो के बीच चर्चा का विषय बना था। जहॉ वर्तमान मे विभाग द्वारा जॉच के बाद 71,91,053 रूपए मूल्य के गबन का आरोप पत्र प्रस्तावित किया गया है। इस प्रकरण मे सबसे हास्यप्रद
बात तो यह है कि बड़े अधिकारी अपने आप को बचाने के लिये पूर्व की ही भॉति जमीनी स्तर पर काम करने वाले को बलि का बकरा बना दिया गया। सूत्रों से
मिली जानकारी के आधार पर शशि कुमार अग्रिहोत्री वन रक्षक जो घटना दिनांक पर क्षेत्रीय गोदाम मे सुरक्षा पर तैनात थें उसके बाबजूद भी संघ के गोदाम
मे घटना के बाद उन्हे बिना आधार के ही सहायक गोदाम निरूपित कर दोषी बनाया गया जो कि पूरी तरह से आधार हीन तथ्य है। वहीं बताया जा रहा है कि रेंज
आफीसर सीधी पर उक्त आदेश वा जॉच का जरा सा भी असर देखने को नही मिला।
70 की जगह 50 हजार लगे पौधे, मिली फटकार –
रेंज आफीसर के कारनामों की कहानी बहुत लम्बी है, जिसको उजागर करने मे वरिष्ट अधिकारी हमेशा से ही रोड़ा साबित होते आये हैं। सूत्रों की मानें तो इन्ही के दम पर रेंज आफीसर द्वारा शासन के मंशानुरूप कार्यो को गति नहीं मिल पाती है। बताया गया कि रेंज आफीसर की लम्बी शिकायतों की वास्तविका का पता करने खुद मुख्य वन संरक्षक रीवा का औचक निरीक्षण कार्यक्रम सीधी मे जनवरी माह के आखरी सप्ताह था। जहॉ जॉच के दौरान पाया गया कि शासन की मंशा थी कि 70 हजार पौधों का रोपंण कार्य कराया जाये
किन्तु कागजों मे तो कार्य पूर्ण गतिमान दिखाया गया था। वहीं माड़ा पानी आर 1095 कैम्पा मे सागौन बॉस ऑवला सहित अन्य मिश्रित पौधों की संख्या 70
हजार की जगह महज 50 हजार मे ही सिमट गयी। सक्षम अधिकारी ने जॉच के दौरान पाया गया कि पौधो का रोपण तो बहुत दूर की बात है वास्तविकता के धरातल पर पौधे रोपित करने हेतु गड्ढो की खुदाई तक सही ढंग से नहीं हुई है, जिसको लेकर सीसीएफ द्वारा रेंज आफीसर सहित एसडीओ और डीएफओ को फटकार मिली थी साथ ही चेताया गया कि जल्द से जल्द कागजों मे दिखाया गया रोपण कार्य
वास्तविकता मे भी हो, उसके बाबजूद वर्तमान प्रमाण तो कुछ और ही कहानी वयॉ कर रहे हैं। सीधी जिले मे सबसे हैरान करने वाली बात तो यह है कि जब भी
वरिष्ट अधिकारियों से सत्यता जानने का प्रयास किया जाता है तो वे मीडिया का सहयोग करने की बजाय हमेशा ही एक लम्बी दूरी मे ही नजर आते हैं।