आपात स्थिति में मुसाफिरों,मजदूरों के सहयोग एवं हर संकट से निपटने के शिवराज सरकार के दावे खोखले
भूखे-प्यासे सेकड़ो किमी का पैदल सफर करते हुए गुना से 58 मजदूरो का जत्था सोमवार को वापस अपने गांव पहुंचे।…
सीहोर –भूखे प्यासे,कंधे व गोद मे लिए बच्चों को लेकर मजदूर सेकड़ो किमी का पैदल सफर करते हुए राजस्थान से गुना होते 58 मजदूरो का जत्था सोमवार को वापस अपने गांव आष्टा तहसील के #उमरदंड पहुंचे। ये मजदूर खाने कमाने के लिए दिहाडी मजदुरी करने राजस्थान चले गए थे। लाॅकडाउन के चलते इन्हें गांव वासपी के लिए कोई साधन नहीं मिला और न अपनी सरकार और जिला प्रशासन की ओर से कोई मदद मिली।जिसके बाद यह मजदूरो का जत्था अपने-अपने घरों के लिए पैदल ही रवाना हुए और सेकड़ो किमी.की लंबी यात्रा कर सकुशल घर पहुंच गए। इस आपात स्थिति में मुसाफिरों के सहयोग एवं हर संकट से निपटने का दावा करने वाली मध्यप्रदेश सरकार और सीहोर जिला प्रशासन की ओर से इन्हें कोई सहयोग प्राप्त नहीं हुआ है। जिससे इन ग्रामीण मजदूरों में शिवराज सरकार व सीहोर प्रशासन के खिलाफ भारी आक्रोश था।
पैसा खत्म होते देख घर जाने का लिया निर्णय #सीहोर जिले की #आष्टा तहसील के #सामरीबोंदा निवासी 58 मजदूरों के जत्थे ने ने बताया कि मजदुरी के लिए राजस्थान राज्य गए हुए थे।लाॅकडाउन के बाद वे राजस्थान में ही फंस गए। काम बंद हो जाने के बाद वे कई दिनों तक अपने पास जमा पैसे से खाने पीने का जुगाड़ कर लिए। लेकिन जब पैसे खत्म हो गए और उन्हें किसी से मदद नहीं मिली तो वे अपने-अपने गांव वापस लौटने का निर्णय किया। लेकिन गांव वापसी के लिए किसी तरह का कोई साधन एवं प्रशासन की ओर से सहायता नहीं मिलने से उन्होंने वापसी के लिए पैदल ही सफर करना मुनासिब समझा। इन मजदूरों ने बताया की ।राजस्थान सरकार की पुलिस ने मदद करते हुए तो हमे भोजन, खाने पीने की व्यवस्था कराई वही वाहन उपलब्ध करा कर मध्यप्रदेश की बॉर्डर तक छोड़ दिया ।
रास्ते में पुलिस प्रशासन मिली लेकिन मदद के लिए नहीं की पहल
#राजस्थान सरकार ने सभी मजदूरों को मध्य प्रदेश की सीमा में छोड़कर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया जब मजदूर #प्रदेश मध्यप्रदेश की सर जमी पर पहुंचे तो उन्हें लगा कि हम अपने प्रदेश में पहुंच गए हैं अब यहां की सरकार प्रशासन हमारी मदद करेगा और हमें घर तक पहुंचाएगा लेकिन मध्य प्रदेश सरकार व प्रशासन ने कोई मदद व सहयोग नही किया।मजदूरों ने बताया की रास्ते में उन्हें कई जगह पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों का सामना करना पड़ा। उन्होंने अपनी आपबीती भी बताई लेकिन किसी ने पहल नहीं की।
कई दिनों तक पैदल यात्रा कर देर रात को पहुंचे अपने गाँव भूखे प्यासे कई दिनों तक पैदल यात्रा करते-करते देर शाम आष्टा पहुंचे इन मजदूरों को आष्टा की सामाजिक संस्थाओं #पूर्व पार्षद नरेंद्र कुशवाहा,अन्नुपूर्णा समिति अलीपुर ने भोजन उपलब्ध कराया।वही फिर जिला पंचायत सदस्य अम्बाराम मालवीय ने निःशुल्क मास्क दिए । खबर लगते ही आष्टा जनपद पंचायत सीईओ संजय अग्रवाल भी मजदूरों से मिलने पहुंचे वही इन मजदूरों ने जनपद सीईओ संजय अग्रवाल से गांव तक पहुंचाने के लिए साधन की व्यवस्था कराने की अपील की थी। मजदूरों का दर्द देख सीईओ साहब ने तुरंत राशि उपलब्ध करा कर गांव रवाना किया ।
2 Comments
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