सतना — नगर निगम की नई आयुक्त महोदया तन्वी हुड्डा के नाम खुला खत आयुक्त महोदया आम जनता को यह बताएं कि सतना नगर निगम के भ्रष्ट इंजीनियर एस के सिंह जिन्होंने बिना आश्रय शुल्क जमा कराएं बहु मंजिला इमारतों के स्वामियों को जिन्होंने भवनों में फ्लैट बनाकर बेचें हैं।.बिना आश्रय शुल्क जमा कराएं भवन स्वीकृति दे दी। जबकि नियमानुसार आश्रय शुल्क भवन स्वीकृति के समय जमा होना चाहिये था। नहीं कराया जो लगभग 18 करोड रूपया होता है।
बता दें कि पूर्व के आयुक्त ने इंजीनियर के विरुद्ध कोई कार्यवाही करने की जहमत नहीं उठाई। दूसरी सहायक आयुक्त नीलम तिवारी जिन्होंने अपने अधिकार क्षेत्र के बाहर जाकर सतना नगर में पशुओं के वध की अनुमति प्रदान की जिसका विरोध होने के बाद अनुमति वापस लेनी पड़ी लेकिन तत्कालीन आयुक्त महोदय ने नीलम तिवारी के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं की।इतना ही नहीं सतना शहर के चौराहों के सौंदर्यीकरण में हुए भारी भ्रष्टाचार की बातें उजागर हुई । भोपाल में विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने चौराहे के सौंदर्यीकरण के कार्य से संबंधित फाइलों का अवलोकन करने के लिए तत्कालीन आयुक्त को आदेशित किया लेकिन तत्कालीन आयुक्त के पिता मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव इकबाल सिहं बैस होने की हैसियत से उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा दिए गए आदेश की कोई परवाह नहीं की और जांच के लिए सौंदर्यीकरण की फाइलें उपलब्ध नहीं कराये साथ ही स्वयं भी कोई कार्यवाही इंजीनियरों के खिलाफ नहीं की परंतु सतना नगर के चौराहों के सौंदर्यीकरण की जानकारी लोकायुक्त कार्यालय को शपथ पत्र सहित दी गई तो प्रकरण जांच के लिए दर्ज हुआ। अब देखना है कि नई आयुक्त महोदया क्या कार्रवाई करती है या पूर्व आयुक्त महोदय की तरह यह भी मौन रहकर अपना समय काटेंगीं।
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