भोपाल– मध्यप्रदेश से कांग्रेस विधायक निलय डागा के महाराष्ट्र के सोलापुर स्थित ठिकानो मेंं आयकर छापों की कार्यवाही में 851 करोड़ की अघोषित आय सामने आई है इसमें आठ करोड़ रुपये कैश सहित 44 लाखों रुपए की विदेशी मुद्रा मिली है। आयकर विभाग कांग्रेस विधायक के यहां से ये कैश जब्त किया है। बता दें कि डागा और उनके भाइयों के यहां तीन दिन से आयकर विभाग की छापेमारी चल रही थी।
बता दें कि शनिवार रात करीब एक बजे कांग्रेस विधायक डागा का एक कर्मचारी बैग लेकर भागने की कोशिश करते हुए पकड़ा गया। विभाग ने बताया कि ये बैग नोटों से भरा था। इसके बाद विभाग ने यहां छापेमारी की और ऐसे ठिकानों से इसी तरह के दूसरे कई बैग मिले। विधायक दादा के परिजन लंबे समय से कोलकाता की सेल कंपनियों में निवेश करके भारी मुनाफा अर्जित कर रहे थे आयकर विभाग को मिले दस्तावेजों में बताया गया है कि डागा के परिजनों ने 24 साल कंपनियों के शेयरों में कागजों पर निवेश किया बाद में इन कागजी कंपनियों के शेयरों के दाम बढ़ने पर इन्हें कागजों में ही बेच कर 259 करोड़ का भारी मुनाफा कमाया गया।
मिली जानकारी के मुताबिक डागा बंधुओं ने इंसेल कंपनियों में अपनी कागजी हिस्सेदारी किसी दूसरे कंपनी को बेच कर भी 90 करोड़ का मुनाफा होना बताया। लेकिन आयकर विभाग ने अपनी जांच में यह पाया कि यह सारी सेल कंपनियां बोगस हैं इनके कागजों में लिखे पते फर्जी हैं वहां यह कंपनियां नहीं मिली है डागा पूछताछ में भी इन कंपनियों की कोई पहचान नहीं बता पाए इतना ही नहीं वह कंपनियों के डायरेक्टर के नाम तक नहीं जानते। कई कंपनी का पंजीयन केंद्रीय कंपनी मामलों का मंत्रालय निरस्त भी कर चुका था।
आयकर विभाग की जांच के दौरान पाया गया कि डागा की आयल कंपनी में 52 करोड रुपए का घाटा दिखाया गया जो कभी हुआ ही नहीं था इसके लिए दादा ने अपने कर्मचारियों के नाम पर कंपनियां बनाई और फिर से उनसे घाटे का लेनदेन दर्शाया गया पूछताछ में पता चला कि इन कंपनियों में जिन लोगों को डायरेक्टर बताया गया था उन्हें इस तरह के लेनदेन की जानकारी तक नहीं थी डागा में कुछ कंपनियों के शेयरों में निवेश करके 27 करोड रुपए का लोंग टर्म कैपिटल गैन दर्शाया गया था लेकिन जांच में सामने आया कि यह शेयर खरीदे ही नहीं गए थे।
451.33 करोड़ की रिकवरी
* 8 करोड़ रुपए नगद
* 7.5 करोड़ रुपए सोलापुर के एक ही ठिकाने से
* 44 लॉक रुपए की विदेशी मुद्रा यह पाउंड डालर और सिंगापुर डॉलर के रूप में थे।
* 259 करोड़ की आय कोलकाता की सेल कंपनियों के जरिए की गई थी
* 90 करोड़ का मुनाफा एक्सएल कंपनी में किए गए निवेश को दूसरे सेल कंपनी में निवेश करके कमाना बताया जा रहा है जिसे जप्त कर लिया गया
* 52 करोड रुपए बैतूल आयल में घाटा बता कर छुपाया गया जबकि कंपनी को घाटा लगा ही नहीं वह मुनाफे में थी
* 27 करोड़ रुपए का लोंग टर्म कैपिटल गैन बताया गया जांच में यह भी पाया गया कि जिन शेयरों में निवेश के जरिए इस आय को दर्शाया गया वह वास्तव में कभी खरीदे ही नहीं गए।
* 15 करोड़ रुपए के कैश और हवाला के जरिए ट्रांजैक्शन किए गए।
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