भिंड — जिले में डेढ़ सौ वर्ष पुरानी जिला जेल अत्यधिक बारिश के बाद के अचानक से भरभरा कर गिर गई। अंदर सजायाफ्ता और विभिन्न अपराधों में विचाराधीन करीब 255 कैदी बंद थे जबकि जेल की कुल क्षमता 50 कैदियों की है बावजूद इसके क्षमता से 5 गुना अधिक कैदी जेल की विभिन्न बैरकों में रखे गए थे।
दरअसल शनिवार की अल सुबह 5:30 बजे जब कैदी फ्रेश होने के लिए उठे तभी अचानक से जेल की दीवार भरभरा कर गिर गई गनीमत यह थी कि कुछ कैदी दीवार गिरने से बाहर निकल आए थे इसी दौरान बाहर निकले हुए कैदियों पर दीवार के छत का मलबा गिर गया लिहाजा कुल 21 कैदी घायल हो गए हैं जिनमें से आठ कैदियों को नाजुक हालत में ग्वालियर के लिए रेफर किया गया है जबकि शेष बंदियों को जिला अस्पताल के स्पेशल वार्ड में भर्ती कराया गया है।
पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह और एसडीएम भिंड उदय सिंह सिकरवार के मुताबिक घायल बंधुओं को सकुशल बाहर निकलवा कर अस्पताल भिजवाने का बचाव कार्य जारी है हालांकि जिला जेल की गिरी दीवार और छत का मलबा अभी भी ढेर के रूप में पड़ा हुआ है जिसमें एक या दो कैदी के दबे होने की आशंका जताई जा रही है इस दौरान जेलर ने बंदियों की गणना का क्रम शुरू कर दिया है जिससे यह अंदाजा स्पष्ट किया जा सके के कितने कैदी कुल जेल में बंद हैं और कितने घायल हुए हैं ताकि मलबे में दबे किसी भी बंदी का स्पष्ट रूप से पता लगाया जा सके,इधर हादसे की सूचना के बाद बंदियों के परिजन आनन-फानन में जिला जेल पहुंचे जहां से घायल कैदियों को जिला अस्पताल और वहां से ग्वालियर के लिए रेफर कर दिये जाने के उपरांत परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया हालांकि प्रशासन द्वारा परिजनों को समझाईश देते हुए संबंधित कैदी से मिलाने का आश्वासन दे दिया है,जिला अस्पताल में भी बंदियों के परिजन बड़ी संख्या में पहुंच गए हैं जिन्हें संभालने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल लगाया गया है।
हादसे की सूचना के बाद पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह ने आसपास के आधा दर्जन पुलिस थानों का बल बुला लिया है,यहां बता दें कि शासन द्वारा वर्ष 2008 से ही जिला मुख्यालय से करीब 3 किलोमीटर दूर रातनुपुरा में नई जेल का निर्माण किया जा रहा है,वर्ष 2020 में नई जेल का निर्माण पूरा होने के बावजूद बंदियों को नवीन बंदीगृह में शिफ्ट नहीं कराया गया है।
बता दें कि नई जेल के अंदर 500 कैदियों की क्षमता है बावजूद इसके नई जेल का शुभारंभ नहीं किया जा रहा कहा जा रहा है कि इसमें प्रशासनिक स्तर पर लापरवाही बरते जाने के चलते नई जेल को शुरू नहीं किया जा सका है।