Municipal Commissioner RP Singh KK was kind to the company, returned the FD of 5 crores to the company without completing the work 5 करोड़ के एफडी लौटाने का राज ननि के आलमारी में कैद,केके स्पन कंपनी ने वर्ष 2017 में एफडी के रूप में नगर निगम के यहां दिया था 5 करोड़ की डिपोजित,गुप चुप तरीके से लौटा दी गयी थी राशि,आयुक्त की भूमिका संदिग्ध.Municipal Commissioner
सिंगरौली 10 अगस्त। नगर पालिक निगम सिंगरौली में सिवरेज कार्य के लिए केके स्पन कंपनी को मिली मंजूरी के बाद तय एग्रीमेंट अनुसार संविदाकार ने 5 करोड़ रूपये बतौर एफडी के रूप में दिया था, किन्तु उक्त राशि को गुप चुप तरीके से वर्ष 2020 में राशि संविदाकार को रिटर्न कर दिया। इस पूरे खेल में आयुक्त की भूमिका को लेकर तरह-तरह के सवाल खड़े किये जा रहे हैं.Municipal Commissioner
गौरतलब हो कि वर्ष 2017 में नगर पालिक निगम सिंगरौली के 45 वार्डों में सिवरेज कार्य के लिए राज्य सरकार सेे 110 करोड़ रूपये की मंजूरी मिली थी और यह कार्य केके स्पन कंपनी को मिला हुआ था। सिवरेज निर्माण कार्य के शैशव काल में ही गुणवत्ता के साथ-साथ कार्य की न्यून प्रगति को लेकर सवाल उठाये जा रहे थे। तब नपानि के किसी जिम्मेदार अधिकारियों ने अपनी जबावदेही का निर्वहन नहीं किया। लिहाजा 36 महीने के स्थान पर 5 साल का वक्त लग गया। फिर भी 32.65 प्रतिशत ही किसी तरह कार्य हो पाया। जिसकी गुणवत्ता पर भी सवाल खड़े किये गये हैं। साथ ही नगर निगम के अधिकारियों ने जितना काम हुआ उतना भुगतान कर दिया है.Municipal Commissioner
आरोप है की नगर निगम की जब किरकिरी होने लगी तो केके स्पन संविदा कंपनी को ब्लैक लिस्टेड करते हुए टर्मिनेट कर दिया। यह सब अपने गले का फांस बचाने के लिए एक सुनियोजित तरीके से निर्णय लिया गया। सूत्रों की माने तो नगर निगम कमिश्नर आरपी सिंह इस पूरे घोटाले के इकलौते जिम्मेदार अधिकारी है उन्होंने की के स्पंज से एक बड़ी मोटी रकम लेकर बैंक गारंटी के रूप में 50 करोड़ का एफडीआई कंपनी को वापस कर दिया है. लेकिन जब कंपनी के काम की गुणवत्ता और पूरा नहीं करने पर कलेक्टर का दवाब बना तो खुद को बचाने के लिए केेके स्पंज कंपनी को टर्मिनेट कर दिया गया.Municipal Commissioner
सबसे हैरान कर देने वाली बात है की संविदाकार ने बैंक गारंटी के रूप में 5 करोड़ रूपये का एफडी दिया था। शर्त था कि कार्य पूर्ण होने के 5 साल 3 महीने बाद संविदाकार को उक्त एफडी लौटाने का प्रावधान है। नगर निगम के आयुक्त ने संविदाकार पर दरियादिली दिखाते हुए टर्मिनेट कार्रवाई के करीब एक साल पहले ही 5 करोड़ की बैंक गारंटी को ही रिटर्न कर दिया और जब यह मामला तूल पकड़ा तो आयुक्त ने 7 करोड़ की दूसरी इमाइलेजेशन राशि का हवाला देकर कलेक्टर तक को भी गुमराह करने में लग गये और यह मामला गरमाया तो गुप चुप तरीके से उक्त मामले के राज को नगर पालिक निगम के आलमारी में कैद कर दिया गया है.Municipal Commissioner
कार्य पूर्ण होने के 5 साल बाद एफडी लौटाने का है प्रावधान
सूत्र बताते हैं कि एफडी कार्य पूर्ण होने के करीब 5 साल 3 महीने बाद केके स्पन कंपनी को लौटाये जाने का निर्देश था, किन्तु करीब 32 प्रतिशत कार्य होने व कंपनी के टर्मिनेशन से करीब एक साल पहले ही 5 करोड़ की एफडी रिटर्न कर दिया गया और इसकी किसी को भनक तक नहीं लगी। मामला जब गरमाया तब आयुक्त तरह-तरह की सफाई देने लगे और बार-बार यही बता रहे हैं कि हमारे पास उक्त संविदा कंपनी की 7 करोड़ के इमाइलेजेशन की राशि है.Municipal Commissioner
चार महीने से चल रही जांच,रिजल्ट बे नतीजा
आरोप है की नगर पालिक निगम सिंगरौली में भ्रष्ट्राचार चरम सीमा पर है। यहां के सत्ता के साथ-साथ विपक्षी दल भी नगर पालिक निगम के चर्चित अधिकारियों, कर्मचारियों पर तरह-तरह के सवाल खड़े कर रहे हैं। साथ ही यह भी आरोप लगाये जा रहे हैं कि मार्च महीने में कलेक्टर ने 5 करोड़ बैंक गारंटी रिटर्न करने के प्रकरण में जांच करा कार्रवाई करने का आश्वासन दिया था। किन्तु अभी तक उक्त मामले में क्या हुआ इसका पता नहीं चल पाया है। चर्चा है कि जांच को ठण्डे बस्ते में डाल दिया गया। जहां ननि के जिम्मेदार अधिकारी राहत की सांस ले रहे हैं.Municipal Commissioner