इंदौर — मध्य प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी एमवाय अस्पताल की मर्चुरी का हर दिन नया कारनामा देखने को मिल रहा है । यहां शहर में कोरोना से मरने वालों की संख्या में लगातार इज़ाफा हो रहा है, लेकिन अस्पताल प्रबंधन ज्यादा संजीदा होने के बजाय लगातार लापरवाह बना हुआ है। एमवाय हॉस्पिटल में लापरवाही मामले में सम्भागयुक्त डॉक्टर पवन कुमार शर्मा ने नो लोगो पर की कार्रवाई की गई है । जिसमें चार बार्ड बाय और सब इस्पेक्टर सहित आरक्षक को किया गया निलम्बित कर दिया गया है।
अस्पताल की मर्चुरी से नरकंकाल और ढाई महीने के बच्चे के बॉक्स में शव मिलने का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि, मर्चुरी से सामने आई एक और लापरवाही की तस्वीर ने एमवाय प्रबंधन पर एक बार फिर सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है। बता दें कि, यहां परिवार को पता था कि, उसके परिजन का इलाज चल रहा है, जबकि कोरोना के शिकार सदस्य का शव पिछले 9 दिनों से मर्चुरी में पड़ा था। लेकिन अस्पताल प्रबंधन केे जिम्मेदारों ने इतनी जानत नहीं आई कि वह परिजनों को सूचित कर सकें
मिली जानकारी के मुताबिक 54 वर्षीय तानाजी का स्वास्थ्य खराब हुआ तो परिजनों ने कोरोना टेस्ट कराया गया जहां जांच में कोरोना पॉजिटिव पाए जाने पर 6 सितंबर को एमटीएच अस्पताल में भर्ती किया गया। इलाज के दौरान 9 सितंबर को उनकी मृत्य हो गई। इसी दिन एमटीएच प्रबंधन ने शव को पन्नी में लपेटकर एमवाय की मर्चुरी भेज दिया। हालांकि, यहां किसी ने भी शव के परिजन को सूचित करने के बारे में नहीं सोचा। हालांकि, बीते दिनों अस्पताल की मर्चुरी से नरकंकाल मिलने के बाद की गई प्रशासनिक सख्ती के चलते मर्चुरी में मौजूद एक एक शव की पड़ताल की जा रही है। इसी दौरान इस शव का खुलासा भी हो सका।
पड़ताल में जब प्रबंधन के सामने आया कि, शव पिछले 9 दिनों से कोरोना संक्रमित शव मर्चुरी में रखा है तो आनन फानन में उसके परिजन को इस संबध में सूचित किया गया। इस दौरान अस्पताल पहुंचे परिवार का कहना है कि, वो तो समझते थे कि, एमटीएच में उनके मरीज का इलाज चल रहा है, लेकिन वो नौ दिन पहले ही मर चुके थे और किसी ने इस संबंध में बताने की भी जहमत नहीं की। परिवार के लोग अस्पताल प्रबंधन पर खासा नाराज भी नजर आया। हालांकि, बाद में वो शव ले गए। वहीं, अस्पताल के सूत्रों की मानें तो जिस दिन शव एमवायएच आया था, तब पुलिस चौकी को सिर्फ ये जानकारी दी गई थी कि, इस शव के परिजन को तलाशना है।
इस पूरे मामले को लेकर मेडिकल कालेज की डीन ज्योति बिंदल और एमवाय अधीक्षक पीएस ठाकुर को शोकाज नोटिस जारी किया गया है जबकि एमएलसी प्रभारी डॉक्टर दीपक धाकड़ की वेतन व्रद्धि रोकने के फरमान जारी किए। आगे से इस तरह की लापरवाही नही हो इसके लिए भी योजना बनाई गई है। ,बता दे सम्भागयुक्त ने अज्ञात शव के लिए मानक प्रकिया तय करते हुए दो दिन में पीएम और तीसरे दिन निगम को सूचना देकर अंतिम संस्कार कराने के निर्देश जारी किए है।