Singrauli News: सिंगरौली। एपीएमडीसी (apmdc) सुलियरी कोल ब्लाक (coal block) व अदाणी कंपनी (compny) के खिलाफ विस्थापितों ने 25 दिन तक आंदोलन किया था। आखिरकार जब अदाणी का कोयला डिस्पैच (dispatch) प्रभावित हुआ तो झूकने के लिए तैयार हो गया.
समझौते के आधार (aadhar) पर प्रशासन सामने आया और विस्थापितों को लिखित आश्वासन दिया गया कि अगर एक माह(maah) के अंदर मांग पूरी नही हुई तो फिर से आंदोलन करिएगा। कुछ ऐसे समझौते के बाद भी प्रशासन व कंपनी ने वादाखिलाफी किया है. यही वजह है कि फिर से विस्थापित गोंगपा के बैनर तले अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं. उनका निर्णय है कि अब कंपनी व प्रशासन के बहकावे में नही आएंगे. Singrauli News
इधर बता दें कि जब देश के उद्योगपति किसी प्रदेश या शहर में कोई भी उद्योग लगाते हैं तो न केवल प्रदेश और शहर का विकास होता है बल्कि स्थानीय लोगो के लिए रोजगार के अवसर खुल जाते हैं। या यूं कहें कि लोगो को रोजगार के अवसर बढ़ जाते हैं। लेकिन सिंगरौली जिले में भले ही उद्योगपति उद्योग लगाने के लिए आए लेकिन इसका फायदा सिर्फ चंद बड़े लोग या फिर उद्योगपतियों को हुआ. Singrauli News
यहां के स्थानीय लोगो का नही। यह हम नही कह रहे यह यहां के हालात बता रहे हैं। सिंगरौली जिले में आधा दर्जन से अधिक औद्योगिक घरानों ने अपना कारोबार लगाया है। यहां से वह अपनी संपत्ति पर अरबो-खरबों रुपए का इजाफा किया है लेकिन यहां के स्थानीय निवासियों को उद्योग लगाने के समय किए गए एमयू का पालन नही किया गया। लोगो को कंपनियां आज तक मूलभूत सुविधा तक मुहैया नही करवा पाएं हैं। ऐसा ही हाल में एक मामला सामने आया है। जहां एमपीएमडीसी कंपनी द्वारा सुलियारी ओपेन कोल ब्लाक का संचालन शुरू किया है। हालाकि इस काम को अब वह अदाणी कंपनी को देकर कोल का उत्खनन और परिवहन करा रही है. Singrauli News
कोल उत्पादन शुरू होने के बाद भी स्थानीय लोगो को न तो पूर तरह से मुआवजा दे पाया है और नही ही किए गए एमयू का पालन किया गया है। हालात यह है कि स्थानीय लोग आए दिन धरना प्रदर्शन व आंदोलन कर अपने हक के लिए लड़ाई लडऩे को मजबूर हैं। सुलियरी ब्लाक से विस्थापित पिछले दिनो कड़ाके की ठंड के बीच करीब 25 दिन तक लगातार धरना प्रदर्शन करते रहे. Singrauli News
अदाणी झाड़ रहा पल्ला
जब विस्थापितों के हक के लिए लड़ाई लड़ी जाती है तो अदाणी यह कहकर पल्ला झाड़ लेता है कि मैने तो अधिग्रहण नही किया। अधिग्रहण व भू-अर्जन एपीएमडीसी ने किया है। विस्थापितों से हमें कोई लेना-देना नही है। जब ऐसा है तो अब अदाणी कंपनी क्यों व्यवधान डाल रही है। यह हम नही बल्कि विस्थापन का दंश झेल रहे विस्थापितों की आवाज है. Singrauli News
विस्थापितों ने धरना में हुंकार भरते हुए कहा है कि अगर एपीएमडीसी ने विस्थापित किया है तो अदाणी शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य व विस्थापन के अन्य कार्य क्यों कर रही है। यही वजह है कि विस्थापित अदाणी कंपनी के इस दोहरे चाल को लेकर काफी खफा है.
अब नही मानेंगे समझौता
विस्थापितों ने धरना प्रदर्शन के दौरान कहा है कि जिला प्रशासन सिंगरौली कंपनी के इशारे पर कार्य कर रहा है। जनता की समस्याओं को न समझकर जनप्रतिनिधि व जिला प्रशासन गुमराह कर रहा है। जिला प्रशासन के कहने पर समझौता हुआ था लेकिन अब आर एण्ड आर पॉलिसी के आधार पर ही कार्य होगा। तभी समझौता होगा। वरना न तो कंपनी की बात सुनी जाएगी और नही प्रशासन की. Singrauli News
विस्थापितों की मांग पर एक नजर
धरना प्रदर्शन के दौरान विस्थापितों ने कहा कि आर एण्ड आर पॉलिसी के अलावा सडक़,शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था को चुस्त-दुरूस्त कराया जाए। इसके अलावा भत्ता वर्तमान में जो 7000 रुपए मिल रहा है उसे बढ़ाकर 10300 रुपए किया जाए। इसके अलावा जो विस्थापित हैं उन्हें स्थायी नौकरी दी जाए। कई विस्थापितों को अभी तक सही तरीके से मुआवजा का वितरण नही किया गया है वितरण किया जाए। इन मांगो के अलावा कई ऐसी मूलभूत आवश्यकताओं को लेकर धरना प्रदर्शन अनिश्चितकालीन के लिए जारी है.
इनका कहना है
सुलियरी कोल ब्लाक के संबंध में मेरे पास जो जानकारी है उसमें कहा जा रहा है कि कुछ विस्थापितों का मुआवजा अभी वितरण नही हो पाया है उसके लिए बात की जा रही है और निराकरण कर दिया जाएगा.
अरुण कुमार परमार
कलेक्टर सिंगरौली।