Trending News : मध्यप्रदेश के बड़े कारोबारी परिवारों में से एक सराफा कारोबारी परिवार इन दिनों काफी सुर्खियों में है. इसकी वजह उनके परिवार के सभी सदस्यों का एक साथ सबकुछ त्याग कर दीक्षा लेने का फैसला है.
Trending News : मध्यप्रदेश (MP) के बालाघाट जिले के बड़े कारोबारी परिवारों में से एक सोना चांदी व्यवसाय के बड़े कारोबारी राकेश सुराना इन दिनों काफी सुर्खियों में है. सुर्खी का कारण बिजनेस (Business) से जुड़ा न होकर उनकी निजी जिंदगी से जुड़ा है. दरअसल, इस परिवार ने दुनियादारी से संन्यास लेकर पूरे विधि-विधान से साधु और साध्वी की दीक्षा लेने जा रहे है. परिवार ने दीक्षा लेने से पहले अपनी करीब 11 करोड़ रुपये की संपत्ति दान कर दी है. परिवार का कहना है कि सभी लोगों अपनी इच्छा से यह फैसला किया है. आइए आपको पूरा मामला बताते हैं विस्तार से.
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आज के इस भागदौड़ व सुविधा भोगी जिन्दगी में लोग अधिक से अधिक पैसा कमाने और सुख भोगने के संशाधन जुटाने में लगे हुए हैं। ऐसो आराम और दिखावे की दुनिया में मस्त आदमी दूसरे पर रुतवा झाड़ने के चक्कर में रिश्ते नाते गौड़ हो गये हैं फिर समाज की बात करना बेइमानी है. लेकिन मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले का सुराना परिवार इसका अपवाद है इस परिवार ने अपनी करोड़ो की सम्पति दान कर दी हैं।Trending News
बता दे की ऐसो आराम बाली जिन्दगी छोड़ कर सुराना परिवार के प्रमुख 40 वर्षीय राकेश सुराना ने अपनी 11 करोड़ रुपये की संपत्ति दान कर दी है। उन्होंने ये सम्पति गौशाला और अन्य सामजिल कार्यों, गरीबों के लिए दान कर दी है। Trending News उनके साथ उनकी 36 साल की पत्नी लीना और 11 साल का बेटा अमय भी गुरु दीक्षा लेकर अध्यात्म के मार्ग पर चलेगा।
संघर्ष के बाद उन्होंने 11 करोड़ रुपये का दान दिया
राकेश सुराना के अनुसार जीवन के संघर्षों से भरे उन्होंने एक छोटे से किराये की दुकान में एक व्यवसाय शुरू किया और आज यह एक बड़े शोरूम में बदल गया है, इस दौरान उन्होंने करोड़ों रुपये कमाए लेकिन 2015 में एक बार वह मुनि महेंद्र सागर जयपुर चातुर्मास में शामिल हुए । यहां जब उन्होंने मुनिश्री की वाणी सुनी तो उनका जीवन बदल गया और उन्होंने आत्मसंयम का मार्ग, अध्यात्म का मार्ग अपनाने का निश्चय किया।Trending News
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विदेश में पढ़ी-लिखी पत्नियां और बच्चे भी परहेज की राह पर
स्नातक राकेश सुराणा की पत्नी लीना ने बैंगलोर से स्नातक की उपाधि प्राप्त की और यूनाइटेड किंगडम से प्ले थेरेपी में डिग्री प्राप्त की। वह भी आध्यात्मिकता और संयम में लगी हुई थी। लेकिन उनकी कम उम्र के कारण दीक्षा नहीं दी गई थी। अब पूरा परिवार जैन साधु साध्वी बनने जा रहा है।
मां-बहन ने भी ली दीक्षा
सुराना परिवार के और भी सदस्य अध्यात्म की राह पर चल पड़े हैं। राकेश सुराणा की मां और बहन दीक्षा लेकर 2008 में जैन नन बनीं।
दीक्षा 22 मई को जयपुर में होगी
सूत्रों के अनुसार 22 मई से जयपुर के गलता गेट स्थित मोहन बारी में जैन श्वेतांबर खरतरगच्छ संघ के नेतृत्व में आयोजित होने वाले दीक्षा कार्यक्रम में राकेश सुराना , लीना सुराना और आमे सुराना को दीक्षा दी जाएगी. दीक्षा समारोह का संचालन मुनिश्री महेंद्र सागर और मुनिश्री मनीष सागर करेंगे।