कानपुर– हम आपको कानपुर के एक बिजनेसमैन के बारे में बताएंगे जिसके घर में 200 करोड़ रुपए कैश हैं। हैरानी की बात यह है कि यह शख्स बेहद साधारण घर में रहता है.. और आज भी पुराना स्कूटर चलाता है. यानी उसके पास कार भी नहीं है। तो उसके पास इतना पैसा कहाँ से आया? इस शख्स के पड़ोसी मामले को जानकर काफी हैरान हैं और सोच रहे हैं कि उन्हें इस मामले के बारे में कैसे पता नही चला ? पीयूष जैन की जीवन शैली को देखने के बाद आप सोच रहे होंगे कि जिस धन का कोई लाभ नहीं है, जिससे कि कुछ भी नहीं खरीदा जा सकता, वह धन कागज की बर्बादी के बराबर है और इसका क्या उपयोग है? पीयूष जैन (Piyush Jain) का कहना है कि इसे भारी मात्रा में पुश्तैनी सोना मिला, जिसे बेच बेच कर इसने ये 200 करोड़ रुपये बैंक में जमा करने की बजाय घर में ही छिपा कर रख लिया.
बता दे कि कर चोरी के आरोप में गिरफ्तार किए गए इत्र कारोबारी पीयूष जैन (Piyush Jain) का सोमवार को जिला अदालत ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया. संयुक्त निदेशक (अभियोजन) संजय कुमार त्रिपाठी ने बताया कि जैन को मेट्रोपॉलिटन अदालत में पेश किया गया जहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. जैन को रविवार को गिरफ्तार किया गया था. त्रिपाठी ने बताया कि अदालत में पेश किए जाने से पहले जैन की कोविड-19 जांच भी हुई, जिसकी रिपोर्ट के मुताबिक उसे ऐसा कोई संक्रमण नहीं है.
विदेशी चिह्नों वाला मिला सोना
इनकम टैक्स अधिकारियों ने जांच के दौरान पता चला कि पीयूष जैन ने अपने घर के हॉल में पानी का टैंक बनवाया। इस टैंक के नीचे एक तहखाना मिला। जब टैंक का ढक्कन हटाया गया तो सबसे पहले चंदन के तेल का एक ड्रम मिला। जब इस ड्रम को हटाया जाता है तो इसके नीचे 17 करोड़ रुपए मिलते हैं। इसके नीचे 23 किलो सोने की ईंटें यानि सोने की ईंटें भी मिली हैं। इन सभी को पीयूष जैन के घर के बेसमेंट में बोरियों में भरकर रखा गया था। बरामद ज्यादातर नोट 2016 से 2017 के बीच के हैं। माना जा रहा है कि जब्ती के बाद पैसे को दफना दिया गया था। इनके अलावा बेसमेंट से बड़ी मात्रा में 2,000 रुपये के नोट बरामद किए गए।अधिकारियों के अनुसार चूंकि बरामद सोना विदेशी चिह्नों वाला है, इसलिए आवश्यक जांच के लिए राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) को लगाया जा रहा है.
194 करोड़ नकद बरामद
पीयूष जैन से अब तक 194 करोड़ बरामद की जा चुकी है। इसमें से 177 करोड़ 45 लाख रुपये कानपुर से बरामद किए गए हैं। वहीं कन्नौज के घर से 17 करोड़ रुपए बरामद किए गए हैं। बरामद सोने की ईंटों की कुल कीमत भी 11 करोड़ रुपये आंकी गई है। इसके अलावा, बरामद चंदन के तेल की मात्रा 600 किलोग्राम थी।जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय (डीजीजीआई) की अहमदाबाद इकाई ने 22 दिसम्बर को कानपुर में निर्माताओं के कारखाने परिसर में तलाशी अभियान शुरू किया था. बयान के अनुसार शिखर ब्रांड पान मसाला और तंबाकू उत्पादों, मेसर्स गणपति रोड कैरियर्स के कार्यालय / गोदाम, ट्रांसपोर्ट नगर, कानपुर और कन्नौज में मैसर्स ओडोकेम इंडस्ट्रीज, परफ्यूमरी यौगिकों के आपूर्तिकर्ताओं के आवासीय / कारखाने के परिसर, मेसर्स गणपति रोड कैरियर्स द्वारा संचालित चार ट्रक पकड़े गए थे, जिनमें जीएसटी चुकाए बगैर शिखर ब्रांड पान मसाला और तंबाकू ले जाई जा रही थी.
सादगी ऐसी कि नहीं छोड़ा पुराना स्कूटर
पीयूष जैन को उत्तर प्रदेश में लगभग 200 करोड़ रुपये, 93 लाख लोगों को मुफ्त में टीका लगाया जा सकता था। पीयूष जैन से अब तक 194 करोड़ रुपये बरामद हो चुके हैं, लेकिन उनके पड़ोसी इस पर यकीन नहीं कर पा रहे हैं. पीयूष जैन ने भले ही बहुत धन-संपदा अर्जित की हो, लेकिन वे हमेशा अपने चेहरे पर सादगी का मुखौटा पहने रहता था। और पीयूष की सादगी का यह मुखौटा उनका पुराना स्कूटर था। कन्नौज की तंग गलियों में पीयूष ने कंक्रीट का घर बना लिया और जल्द ही बड़ा हो गया, लेकिन वह हमेशा स्कूटर पर चलता था, कहीं आने जाने कि लिए स्कूटर का ही उपयोग किया जाता था।
देर से उठता था सो कर
पीयूष ने कभी किसी को एहसास नहीं होने दिया कि उसके पास बहुत पैसा है. पीयूष जैन को ना पहचान पाने की कई और भी वजह रहीं. ..एक तो ये कि उसका आसपास के लोगों से मिलना-जुलना बहुत कम था. …वो आसपास के बहुत ही कम लोगों से कभी बातचीत किया करता था. देर से सोकर उठता था और स्कूटर से सीधे अपने काम पर निकल जाता था. इसके अलावा उसने घर भी ऐसा बनवाया था जिसमें से आसपास से किसी के ताकझांक करने की गुंजाइश बहुत कम थी. इससे आप भी ये सोचेंगे कि ये पैसा जब कागज की रद्दी की तरह सड़ रहा था तो ऐसे पैसे का क्या फायदा?