NCL : सिंगरौली : नॉर्दन कोलफील्ड्स लिमिटेड स्थित अमलोरी परियोजना में चल रहे डीएवी सेंटेनरी पब्लिक स्कूल के प्राचार्य सत्य प्रकाश श्रीवास्तव पर कई संगीन आरोप लगाए गए हैं. ये सभी आरोप नाम ना बताने की शर्त पर स्कूल के रिटायर हो चुके शिक्षकों एवं कर्मचारियों ने लगाए हैं. रिटायर स्टाफ के मुताबिक प्राचार्य ने एनसीएल के आर्डर का गलत उपयोग किया है. प्राचार्य रिटायर हो चुके कर्मचारियों से पैसे की मांग करते हैं, क्योंकि जो भी रिटायर होने के बाद 3 महीने से ज्यादा एनसीएल द्वारा दिए गए रूम का उपयोग करता है उसे नियम के पैनल रेंट भरना पड़ता है. लेकिन डीएवी अमलोरी के प्राचार्य केवल उन्हीं कर्मचारियों का पैनल रेंट काटते हैं जो उनकी बात नहीं मानते हैं. साथ ही जो उनकी डिमांड को मान लेता है उसके साथ प्राचार्य कोई सख्त कदम नहीं उठाते हैं.
RTI में दिया गलत जवाब
इस मामले की जांच के लिए जब एक RTI दायर की गई और पूछा गया कि डीएवी स्कूल अमलोरी प्रोजेक्ट में प्रिंसिपल सत्य प्रकाश के कार्यकाल में रिटायर हुए कर्मचारियों ने कितने महीने के बाद रूम खाली किया और स्कूल द्वारा कितना पैनल रेंट जुर्माने के तौर पर एनसीएल के खाते में जमा किया गया. इसके जवाब में प्रचार्य ने खुद को और अपने काले कार्नामों को छिपाते हुए भ्रामक जवाब दिया जो कि पूरी तरह से गलत है. प्राचार्य ने लिखा कि डीएवी कॉलेज ट्रस्ट एंड मैनेजमेंट सोसाइटी द्वारा संचालित पब्लिक स्कूलों को राज्य सरकार या केंद्र सरकार से कोई सहायता नहीं मिलती है. NCL
एनसीएल और डीएवी के बीच है ये एग्रीमेंट
डीएवी के प्रचार्य द्वारा दिया गया RTI का जवाब गलत है क्योंकि एनसीएल और डीएवी कॉलेज मैनेजिंग कमेटी के एग्रीमेंट के तहत एनसीएल प्रोजेक्ट स्कूल को सुविधाएं देता है. एग्रीमेंट के क्लाज़ नंबर 6,7और 8 के तहत एनसीएल प्रोजेक्ट के स्कूल को जमीन, स्कूल की बिल्डिंग, पानी, बिजली एवं अन्य जरूरी सुविधाए जो कि स्कूल को चलाने में सहायक होती हैं. साथ ही एनसीएल मैनेजमेंट द्वारा डीएवी स्कूल को 100% डेफिसिट दिया जाता है(क्लाज़ 8). डीएवी के मैनुअल के मुताबिक DAV तीन तहर के स्कूल चलाता है पहला जिसे डीएवी मैनेजिंग कमेटी खुद चलाती है, दूसरे जो प्रोजेक्ट (प्राइवेट एवं सरकारी वित्तिय सहायता) की मदद से चलते हैं और तीसरे सेमी-प्रोजेक्ट स्कूल हैं. NCL
जवाब देने से क्यों बच रहे प्राचार्य?
डीएवी के कर्मचारियों एवं एनसीएल सूत्रों के मुताबिक डीएवी स्कूल अमलोरी दिन-ब-दिन भ्रष्टाचार का अड्डा बनता जा रहा है, जहां केवल प्रचार्य की मनमानी चल रही है. प्राचार्य एनसीएल द्वारा बनाए गए नियमों की भी धज्जियां उड़ा रहे हैं. एनसीएल के सर्कुलर NCL/SGR/Admin./Crcular/09/ के तहत रिटायर होने के बाद 3 महीने के भीतर रूम को खाली करना होता है नहीं तो मैनेजमेंट पैनल रेंट काटने के लिए बाध्य है. लेकिन प्राचार्य पर ऐसे आरोप हैं कि उन्होंने अपनी मनमानी से कुछ रिटायर कर्मचारियों पर पैनल रेंट का जुर्माना लगाया और कुछ पर नियमों की अनदेखी करते हुए पैनल रेंट नहीं काटा. प्राचार्य के इस दोहरे व्यवहार पर कई रिटायर हो चुके डीएवी के कर्मचारियों ने उन पर गंभीर आरोप लगाए हैं. इस बात की सत्यता के लिए जब RTI दाखिल की गई तो प्रचार्य जवाब ना देते हुए खुद को बचाते नजर आए. सही जवाब ना देना और एनसीएल के नियमों की अनदेखी करना प्राचार्य सत्य प्रकाश को सवालों के कटघरे में खड़ा करता है. NCL