Singrauli news : सिंगरौली 22 मार्च। आरटीई के तहत 17 बच्चों को प्रवेश ने देने पर सहायक संचालक लोक शिक्षण रीवा एवं जिला परियोजना समन्वयक, जिला शिक्षा केन्द्र पत्राचार के बाद डीपीएस विंध्यनगर ने उच्च न्यायालय जबलपुर के शरण में पहुंच गये। जहां से डीपीएस विद्यालय प्रबंधन को राहत मिली है।
दरअसल डीपीएस विद्यालय विंध्यनगर में आरटीई के तहत निर्धारित प्रवेश छात्रों के अनुसार 27 बच्चों को प्रवेश देने का निर्देश था। विद्यालय में लॉटरी सिस्टम से केवल 10 छात्रों को ही प्रवेश दिया गया था। 17 छात्रों को प्रवेश न मिलने पर उनके अभिभावक कलेक्टर के यहां आवेदन देकर बच्चों को डीपीएस विद्यालय विंध्यनगर में आरटीई के प्रावधानो के तहत प्रवेश दिलाने की मांग करने लगे। जहां कलेक्टर ने जिला शिक्षा केन्द्र सिंगरौली के जिला परियोजना समन्वयक को आवश्यक कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया। इस मामले में विद्यालय प्रबंधन को जिला शिक्षा केन्द्र से पत्र जारी कर आरटीई के तहत वंचित बच्चों को प्रवेश दिलाने के लिए निर्देशित किया गया। साथ यह भी बताया गया कि 22 मार्च दिन शुक्रवार तक आरटीई के तहत प्रवेश देने के लिए अंतिम तिथि और समय है। इसके बाद आरटीई के तहत प्रवेश से वंचित होने पर संबंधित विद्यालयों के विरूद्ध कड़ी दण्डात्मक कार्रवाई कि जावेगी। Singrauli news
इधर सूत्र बता रहे है कि जिला प्रशासन के उक्त पत्राचार के बाद डीपीएस विंध्यनगर का प्रबंधन उच्च न्यायालय जबलपुर के यहां अधिवक्ता प्रजास भठ््ठी एवं मनेाज शर्मा के साथ विद्वान न्यायाधीश के न्यायालय में याचिका दायर किया गया। जहां अधिवक्ताओं का तर्क सुनने के बाद न्यायाधीश द्वारा निर्देशित किया गया है कि सुनवाई की अगली तारीख तक अतिरिक्त 17 छात्रों को स्कूल में प्रवेश नही देेने के मामले में याचिकाकर्ता के स्कूल के खिलाफ कोई दण्डात्मक कार्रवाई नही की जाये। याचिकाकर्ता के द्वारा उच्च न्यायालय के यहां अवगत कराया गया था कि स्कूल में प्रवेश स्तर कक्षा 1 की स्वीकृति संख्या 40 छात्रों की है। ऐसे में प्रति बच्चा एक मीटर निर्मित फर्स क्षेत्र की उपलब्धता स्कूल में एक परम आवश्यकता है। विद्यालय के उक्त बिन्दुओं का आधार के तहत उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस द्वारा अगली सुनवाई तक कार्रवाई न किये जाने तक की राहत दे दी गई है। इधर अब यह मामला काफी गरमाने लगा है। Singrauli news
बताया जा रहा है कि जिला शिक्षा केन्द्र उच्च न्यायालय के दिशा-निर्देशो का पालन तो करेगा। लेकिन एलकेजी से लेकर कक्षा दूसरी तक कि तने बच्चों को डीपीएस विंध्यनगर विद्यालय में प्रवेश देकर नामाकंन किया गया है। यह पोर्टल ही बतायेगा। यहा बताते चले की जिला शिक्षा केन्द्र के अनुसार एलकेजी से लेकर क क्षा दूसरी तक के लिए 40-40 बच्चों को प्रवेश देने की मान्यता दी गई है। लेकिन उक्त कक्षाओं में क्रमश: 42, 122,156 एवं 179 बच्चों का नामाकंन हुआ है। अब इन्ही आकड़े को लेकर डीपीसी कड़े क दम उठाने की तैयारी में है। सूत्रों के मुताबिक बच्चों के प्रवेश मान्यता संख्या से कई गुना नामाकंन हैं । फिर यह मामला अब गरमा सकता है। Singrauli news
इनका कहना:-
डीपीएस विंध्यनगर के प्रबंधन द्वारा आरटीई के तहत 17 बच्चों को प्रवेश नही दिया गया । उक्त मामले में जानकारी मिल रही है कि विद्यालय प्रबंधन द्वारा उच्च न्यायालय जबलपुर में याचिका दायर की गई है। विद्यालय के प्राचार्य द्वारा बीआरसीसी बैढऩ को इस संबंध में व्हाटसप के माध्यम से सूचना दिया है। Singrauli news
आरएल शुक्ला, डीपीसी जिला शिक्षा केन्द्र सिंगरौली
इनका कहना:-
उक्त मामले में उच्च न्यायालय जबलपुर में याचिका दायर की गई है। जहां माननीय न्यायालय के द्वारा आगामी सुनवाई तक आरटीई 17 बच्चों के प्रवेश के संबंध में कोई कार्रवाई न किये जाने का निर्देश है। विद्यालय की ओर से अधिवक्ता के माध्यम से माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में पक्ष रख दिया गया था। Singrauli news
डॉ. जनार्दन पाण्डेय, प्राचार्य,डीपीएस विंध्यनगर