Foreign : इग्लैंड से वापस भारत लौटकर नवदीप ने 40 एकड़ में खेती की शुरुआत की. कुल 30 एकड़ में उन्होंने अनाड़ के पेड़ लगा रखे हैं. अन्य 10 एकड़ में पपिता , सीताफल और नींबू की खेती कर रहे हैं. इससे वह सालाना अच्छी खसि कमाइ कर लेते है.
Foreign : राजस्थान के सिरोही के रहने वाले नवदीप गोलेच्छा जो एक ट्रेडिशनल फैमिली से बिलोन्ग करते है उन्हो ने फाइनेंसियल इकोनॉमिक्स’ में इंग्लैंड से साल 2011 में एमएससी की पढ़ाई करने पहुंचे. पढ़ाई पूरी कर लेने के बाद वहीं पर इनवेस्टमेंट बैंकर की नौकरी करने लगे। इस दौरान परिवार वापस अपने देश लौट आने का दबाव बनाने लगा। खुद नौकरी से उचट जाने के बाद साल 2013 में नवदीप वापस भारत लौट आए। खेती-किसानी से भी अपनी कमाई को करोड़ों में करके दिखाया।
40 एकड़ में शुरू की खेती
नवदीप भारत में एक रिजॉर्ट खोलना चाहते थे। लेकिन इससे पहले उन्होंने बगीचे की मदद करने की सोची। अपने शोध के दौरान उन्होंने पाया कि किसी भी क्षेत्र में कृषि से बेहतर संभावनाएं नहीं हैं। हालांकि यह क्षेत्र उपेक्षित है। कृषि में अच्छा करियर बनाने के लिए उन्होंने जोधपुर से 170 किलोमीटर दूर सिरोही में 40 एकड़ जमीन पर खेती शुरू की। उन्होंने कुल 30 एकड़ जमीन पर अनार के पौधे लगाए हैं। और 10 एकड़ में नवदीप पपीता, धनिया और नींबू की खेती कर रहे हैं…
खुद के फैसले को सही साबित करना चाहते थे
नवदीप कहते हैं, “लोग मज़ाक करते थे कि तुम विदेश में पढ़े लिखे हो और खेती के बारे में सोचते हो, पूरी दुनिया खेती किसानी से शहरों की ओर जा रही है और तुम शहरों से गाँवों की ओर जाने के बारे में सोचते हो। मैंने अपना मन बना लिया। अपने निर्णय को सही साबित करना । अनुसंधान और लगन के साथ वह खेती में शामिल हो गए। अब उन्होंने अच्छा लाभ कमाना शुरू कर दिया है। वह अपनी खेती से कई लोगों को रोजगार भी दे रहे हैं।” Foreign
विदेश में एक्सपोर्ट करते हैं अपनी उपज
नवदीप गोलेच्छा ने सबसे पहले कृषि विभाग से संपर्क किया। मिट्टी और पानी का परीक्षण कराया। उन्होंने रिसर्च के बाद अनार की खेती शुरू की। जब अनार में फल आने लगे, तो उन्होंने अपनी उपज का निर्यात करने के लिए एपीडा में पंजीकरण कराया।अनार को सीधे विदेशों में एक्सपोर्ट करने अनुमति मिली। नवदीप अपने ज्यादातर उत्पाद नीदरलैंड्स को निर्यात करता है। वह अपनी फसल घरेलू बाजार में नहीं बेचते हैं। Foreign
Also Read- Bhabhi affair : पति से दूर होते ही भाभी अपने देवर से बनाने लगी संबंध, फिर हो गया बवाल
पपीता, नींबू और सीतफल की भी करते हैं खेती
वे मल्चिंग पेपर तकनीक से पपीते की खेती करते हैं। इसके अलावा नींबू और धनिया पत्ती भी लगाई है। उन्होंने कहा कि वह 40 एकड़ जमीन पर खेती कर रहे हैं। 25 लाख प्रति वर्ष की लागत आती है।पूरी फसल बेचकर वह आराम से 1.25 करोड़ रुपए तक कमा रहे हैं।
नवदीप ने किसानों को यह राय दी
परंपरागत तरीके से खेती से लाभ की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। यदि आज के युग में कृषि को लाभ का साधन बनाना है तो कृषि को उद्योग के रूप में मानना होगा न कि खेत के रूप में। नई तकनीकों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। प्रसंस्करण स्वीकार किया जाना चाहिए। फलों के निर्यात के लिए उठाए जाने वाले कदम किसान अगर अपनी उपज का निर्यात करना शुरू कर दें तो उनकी आय कई गुना बढ़ सकती है। अब सरकार ने भी ऐसा करने के लिए किसानों की मदद करनी शुरू कर दी है। बता दें कि नवदीप को केंद्र और राज्य सरकार द्वारा कई पुरस्कारों से भी नवाजा जा चुका