गुना — बीजी रोड स्थित आरके पुरम काॅलोनी में मकानों के ऊपर से गुजर रही 33 केवी की लाइन को शिफ्ट करने को लेकर सोमवार को बड़ा विवाद खड़ा हो गया। काॅलोनी के एक हिस्से के रहवासी लाइन शिफ्ट कराना चाहते हैं तो दूसरे कई लोग इसका विरोध कर रहे हैं। शिकायत पर आरबी सिंडोस्कर मौके पर पहुंचे, इस दौरान गुस्से में उन्होंने कई ऐसी बातें भी कर दीं, जिनसे विवाद खड़ा हो गया। उन्होंने लोगों से कहा कि आप लोग पीछे मत हटना। मैं देखता हूं कि लाइन कैसे शिफ्ट होती है। मैं खुद काट दूंगा … ठेकेदार को। चले जाएंगे जेल। नौकरी जाए भाड़ में। वे बिजली कंपनी के एसई एसपी शर्मा पर बरसे। उन्होंने कहा कि एसई की ऐसी की तैसी।
बता दे कि डिप्टी कलेक्टर से फोन से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मुझे कुछ नहीं मालूम। आप बिजली कंपनी के अधिकारी से बात करो। उधर कंपनी के महाप्रबंधक व एसई एसपी शर्मा ने कहा कि काॅलोनी के कुछ लोग लाइन शिफ्ट कराना चाहते हैं। कुछ लोग विरोध कर रहे हैं, क्योंकि शिफ्टिंग के बाद उनके घरों के पास से लाइन गुजरेगी। कुल मामला यही है। उन्होंने डिप्टी कलेक्टर के बयान पर टिप्पणी करने से मना कर दिया।वायरल वीडियाे में लोग कहते सुनाई दे रहे हैं कि पैसे के दम पर लाइन को शिफ्ट कराया जा रहा है। इस पर डिप्टी कलेक्टर कहते हैं – काट डालेंगे। भले ही जेल चले जाएं। नौकरी की ऐसी की तैसी, फिर वे वहां मौजूद बिजली ठेकेदार के लोगों से मुखातिब होकर बोले- मैंने तुम्हारे एसई (एसपी शर्मा) से कह दिया है। इतने कमजोर नहीं हैं। मैने बता दिया है लाइन कहीं से भी निकालो। फिर वे लोगों से कह रहे हैं कि तुम लोग पीछे मत हटना। मैं उस ठेकेदार की ऐसी की तैसी कर दूंगा। मैं खुद काटूंगा … को। फिर चले जाएंगे जेल। उन्होंने कहा- क्या भ्रष्टाचार मचा रखा है। लाखों रुपए ले लिए। 50 साल पुरानी लाइन है। पीछे खेत से निकालो लाइन। जो लोग लाइन शिफ्ट कराना चाहते हैं उनको लेकर वे बोले कि लाइन के नीचे प्लाट क्यों ले लिया। अब लाइन शिफ्ट करवाकर चार गुना कीमत पर प्लाट बेचे जाएंगे।नियम यह है कि बिजली की लाइन के नीचे कोई मकान नहीं बन सकता।
एई श्री शर्मा ने बताया कि जनहित में बिजली की लाइन को कहीं से भी डाला जा सकता है। हमें किसी की अनुमति की जरूरत नहीं है। समस्या तब आती है जब लाइन डाले जाने के बाद लोग उसके नीचे मकान बना लेते हैं। यह नियमानुसार गलत है, इसलिए मकान बनाने से पहले बिजली कंपनी से एनओसी लेना होती है। इसमें यही देखा जाता है कि निर्माण कार्य किसी बिजली लाइन के नीचे से तो नहीं हो रहा है। लोग यह एनओसी लेते नहीं हैं। ऐसे में अगर कोई हादसा होता है तो हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं रहती। अगर लोग लाइन शिफ्ट कराना चाहते हैं तो उसका खर्च उन्हें ही वहन करना होता है। कंपनी सिर्फ सुपरविजन करती है। लोग यह काम किसी भी लाइसेंसशुदा ठेकेदार से करा सकते हैं।
यह हैं मामला
33 केवी लाइन करीब 30 साल पुरानी है। उस समय यहां कोई बस्ती नहीं थी। बीते 10 साल में यहां काॅलोनी बस गई तो लाइन का विवाद खड़ा होने लगा। जिन लोगों के प्लाट व मकान लाइन के नीचे आ रहे हैं, वे उसे शिफ्ट कराना चाहते हैं। बिजली कंपनी ने इसके लिए एस्टीमेट बनाकर दिया। इसके मुताबिक करीब 400 मीटर लाइन को शिफ्ट करने में 5.99 लाख रुपए खर्च आएगा। यह पैसा लोगों ने जमा भी करा दिया। शिफ्ट करने से दूसरे हिस्से के लोगों को आपत्ति होने लगी। उनका कहना है कि यह लाइन अब उनके मकानों के ऊपर या सामने से जाएगी, यानि अब खतरा उनके सिर पर मंडराने लगेगा। डिप्टी कलेक्टर भी इसी काॅलोनी में रहते हैं।
टीआई को ज्ञापन देकर कहा- डिप्टी कलेक्टर ने 33 केव्ही शिफ्टिंग का काम रुकवाया
आरकेपुरम कॉलोनीवासियों ने सोमवार की शाम 7.15 बजे सिटी कोतवाली में पहुंचकर टीआइ को ज्ञापन सौंपा। इसमें कहा कि डिप्टी कलेक्टर आरबी सिंडोस्कर ने 33 केव्ही लाइन का शिफ्टिंग का काम रोककर अभ्रदता की है। वे दोपहर तीन बजे आए और काम रुकवा दिया। साथ ही ठेकेदार और जिन घरों से लाइन हटाई जा रही थी, उन लोगों से अभ्रदता से बात करने लगे। जिस गली में लाइन जा रही थी, उस गली के लोगों से कहने लगे कि आप पीछे मत हटना। मैं जेल चला जाऊंगा। ठेकेदार को काट दूंगा। अब मेरे सामने कौन गड्ढा खोदने आ रहा है। कॉलोनी वासियों ने टीआइ से गुहार लगाई कि डिप्टी कलेक्टर ने धमकी दी है, जिसकी सीडी भी टीआइ को सौंपी है।
कलेक्टर ने झाड़ा पल्ला
इस मामले में गुना कलेक्टर ने मामले में जांच की बात कह कर पल्ला झाड़ लिया है वहीं गुना पुलिस अधीक्षक राजीव कुमार मिश्रा ने कहा कि पूरे मामले की जांच की जा रही है जांच में जो भी दोषी पाए जाएंगे उस पर कार्यवाही न्यायोचित की जाएगी।