अजा,अजजा के छात्र-छात्राओं को हास्टल छोडऩे का फरमान,बैढऩ के महाविद्यालयों में अध्ययनरत आधा सैकड़ा छात्र-छात्राओं ने फरियाद लेकर पहुंचे कलेक्टोरेट,फोन पर एसडीएम ने दिया समाधान निकालने का उचित आश्वासन
सिंगरौली 22 नवम्बर। म.प्र. शासन जनजातीय कार्य विभाग मंत्रालय भोपाल के एक पत्राचार से हास्टलों में रहने वाले अजा व अजजा के छात्र-छात्राओं में हड़कम्प मच गया है।
जनजातीय कार्य विभाग भोपाल के उप सचिव के आदेश के तहत छात्रावास में रहने वाले प्रथम एवं द्वितीय सेमेस्टर के 50 फीसदी छात्रों को छात्रावास में रहने की अनुमति नहीं है। ऐसे में आज जिला मुख्यालय बैढऩ के महाविद्यालयों में अध्ययनरत हास्टल में रहने वाले अजा, अजजा के आधा सैकड़ा से अधिक छात्र-छात्राएं रविवार को कलेक्टोरेट पहुंच गये। अवकाश के कारण किसी अधिकारी से मुलाकात नहीं हो पायी। फोन पर एसडीएम सिंगरौली ने आश्वस्त किया कि अभी जो जहां हैं वहीं रहेंगे। कलेक्टर के आने के बाद ही आगे विचार किया जायेगा।
दरअसल सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक उप सचिव म.प्र.शासन जन जातीय कार्य विभाग मंत्रालय भोपाल ने 17 नवम्बर को विभागीय महाविद्यालयीन छात्रावास खोले जाने संबंधी एक आदेश जारी किया। आदेश में शिक्षण कार्य के लिए निर्देश जारी किये गये। जिसके तहत कोविड-19 नियंत्रण के परिपेक्ष्य में नवम्बर 2021 से पूर्व समस्त कुल सचिव, प्राचार्य शासकीय महाविद्यालय द्वारा जिला स्तर पर गठित क्राइसीस मैनेजमेंट गु्रप की अनुशंसा प्राप्त कर क्षेत्राधिकार के महाविद्यालयीन छात्रावास प्रारंभ किये जायें। छात्रावासों में चरणबद्ध रूप से आरंभ करते हुए प्रथम चरण में स्नातक अंतिम वर्ष व स्नातकोत्तर तृतीय सेमेस्टर के विद्यार्थियों के लिए छात्रावास खोले जायें। छात्रावास परिसर में सोशल डिस्टेंसिंग सहित अन्य कोविड-19 के गाइड लाईनों का पालन किये जाने के आदेश दिये गये हैं। छात्रावासों में विद्यार्थियों की भौतिक रूप से 50 प्रतिशत क्षमता की उपस्थिति के साथ ही छात्रावास को संचालित किये जाने के आदेश जारी किये गये हैं। इस आदेश के बाद बैढऩ के महाविद्यालयों में अध्ययनरत एससी,एसटी छात्रावासों में रहने वाले प्रथम व द्वितीय सेमेस्टर के छात्रों में हड़कम्प मच गया है। आज रविवार को छात्र-छात्राओं को छात्रावास खाली करने का फरमान सुना दिये जाने के बाद आधा सैकड़ा से अधिक छात्र-छात्राएं कलेक्टोरेट पहुंच गये। अवकाश के चलते किसी अधिकारी से मुलाकात नहीं हुई। अंतत: एसडीएम ने फोन के माध्यम से आश्वस्त किया कि अभी जो जहां हैं वहीं रहेंगे। कलेक्टर के दिल्ली से आने के बाद इस पर विचार किया जायेगा। इसके बाद छात्र वापस हास्टल चले गये।
हास्टल छोडऩे के फरमान से छात्राएं ज्यादा चिंतित
म.प्र.जनजातीय कार्य विभाग भोपाल के द्वारा हास्टलों में फिलहाल 50 फीसदी ही छात्र-छात्राओं को रहने का फरमान जारी कर दिया है। जहां जिला मुख्यालय बैढऩ स्थित अजा, अजजा पोस्ट मैट्रिक छात्रावास घूरीताल व बलियरी के आधा सैकड़ा से अधिक छात्राओं के चेहरे पर पसीना आने लगा है। आनन-फानन में हास्टल छोडऩे का फरमान अधीक्षकों द्वारा सुना दिया गया। जिससे 100 किलोमीटर दूर से यहां आकर महाविद्यालयों में अध्ययन व छात्रावास में रहने वाले छात्राओं की चिंताएं बढ़ गयी हैं। ऐसे हालात में कहां जाये, गरीबी के चलते ही हास्टल में रहकर अपने सपने को पूरा करने आयी थीं। किन्तु जनजातीय कार्य विभाग मंत्रालय के एक आदेश से इन दिनों उनकी चिंताएं बढ़ गयी हैं। हालांकि एसडीएम ऋषि पवार के फोन पर आश्वासन के बाद छात्र-छात्राएं वापस हास्टल रवाना हो गयीं।
इतने छात्रों के खर्च का बोझ उठाना मुश्किल: संजय खेड़कर
इस संबंध में आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त संजय खेड़कर का कहना है कि स्नातक व स्नातकोत्तर के फाइनल व अंतिम सेमेस्टर के छात्र-छात्राओं को 50 फीसदी क्षमता के साथ हास्टल में रहने का भोपाल से निर्देश आया है और इतने ही छात्र-छात्राओं के रहने, खाने के लिए बजट उपलब्ध कराया जा रहा है। करीब आधा सैकड़ा से अधिक ऐसे छात्र-छात्राएं हैं जो प्रथम व द्वितीय सेमेस्टर के हैं। करीब डेढ़ महीने तक अजा, अजजा के आधा सैकड़ा से अधिक छात्र-छात्राओं को रहने एवं खाने की व्यवस्था घूरीताल, बलियरी के अधीक्षकों ने किया। किन्तु अब इतना बजट उठा पाना मुश्किल है। महाविद्यालय पूर्ण क्षमता के साथ संचालित करने का निर्देश है। दूर दराज से बच्चे आ रहे हैं हम उन्हें कैसे मना कर दें। इस पर मंत्रालय को निर्णय लेना है।