सिंगरौली 3 जनवरी। जिले के गढ़वा थाना क्षेत्र अंतर्गत खटाई गांव के सोन नदी कछार के पास गत शनिवार की सुबह एक दिव्यांग युवती की अर्धनग्र शव मिलने से क्षेत्र में सनसनी फैल गयी। पुलिस ने अंधी हत्या की गुत्थी को 12 घण्टे के अंदर सुलझाने का दावा करते हुए आरोपी को गिरफ्तार करने में सफल रही। पुलिस का दावा है कि मृतिका के साथ आरोपी ने दुष्कर्म किया। अपनी करतूत को छुपाने के लिए उसने युवती की दुपट्टे से गला घोंटकर निर्मम तरीके से हत्या कर दिया। घटना का 12 घण्टे के अंदर खुलासा करने पर आईजी रीवा ने पुलिस टीम को पुरस्कृत करने की घोषणा की है।
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पुलिस अधीक्षक वीरेन्द्र सिंह ने आज रविवार की अपरान्ह पुलिस कन्ट्रोल रूम में खटाई गांव स्थित मूक बधिर युवती की हुई हत्या का खुलासा करते हुए मीडिया कर्मियों को बताया कि खटाई गांव के सोन नदी के किनारे झाड़ी में 22 वर्षीय युवती का शव संदिग्ध हालत में मिला था। शव का पोस्टमार्टम कराया गया। उन्होंने आगे बताया कि मूक बधिर युवती 1 जनवरी की शाम 5 बजे घर से शौंच के लिए निकली थी। सामुदायिक भवन के पास आरोपी घात लगाये बैठा था। जहां उसका पीछा कर जबरदस्ती दुष्कर्म किया। पीडि़ता के द्वारा विरोध किये जाने के बाद उसकी दुपट्टे से गला दबाकर हत्या करते हुए नदी कटाव के झाड़ी के नीचे छुपा दिया।
संदेही आरोपी दीनू सिंह उर्फ इन्द्रेश पिता विजय बहादुर सिंह लल्ला 27 वर्ष निवासी खटाई को हिरासत में लेकर गहन पूछताछ की गयी जहां उसने घटना की पूरी कहानी पुलिस के समक्ष बया कर दिया। जहां गढ़वा थाना में आरोपी के विरूद्ध भादवि की धारा 376, 302, 201 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर न्यायालय में पेश किया जहां से उसे ज्यूडिसियल रिमांड पर भेज दिया जा रहा है। उन्होंने पत्रकारों को यह भी बताया कि 12 घण्टे के अंदर अंधी हत्या की गुत्थी सुलझाने वाले पुलिस टीम को आईजी रीवा ने पुरस्कृत करने का ऐलान किये हैं।
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पांच थाना प्रभारियों की बनी थी विशेष जांच टीम
अंधी हत्या की गुत्थी सुलझाने के लिए पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती थी। मृतिका के परिजनों ने संदेहियों के नाम भी पुलिस को बता दिया था। जहां पुलिस कप्तान, एएसपी एवं एसडीओपी स्वयं घटना स्थल पहुंच सारे घटनाक्रम को देखते हुए एक पांच सदस्यीय प्रभारियों की टीम बना दिया। जहां इस टीम में एएसपी अनिल सोनकर, एसडीओपी एसएन सिंह बघेल, गढ़वा थाना प्रभारी शंखधर द्विवेदी, चितरंगी थाना प्रभारी आरपी रावत, सरई टीआई संतोष तिवारी, मोरवा टीआई मनीष त्रिपाठी, नवानगर टीआई उमेश प्रताप सिंह शामिल थे। साथ ही बगदरा चौकी विनोद सिंह, नौडिहवा चौकी प्रभारी अभिनव सिंह, चितरंगी उप निरीक्षक मनोज सिंह चौहान, एफएसएल यूनिट प्रधान आरक्षक नरेन्द्र प्रताप सिंह, फ्रिं गरप्रिंट उप निरीक्षक माण्डवी पाण्डेय, सायबर सेल आरक्षक अजय खरे सहित अन्य पुलिस कर्मी शामिल रहे। उक्त पुलिस सेवकों ने अंधी हत्या की गुत्थी को सुलझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
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एसपी व एएसपी ने डाला था डेरा
जानकारी के मुताबिक युवती की संदिग्ध परिस्थितियों में शव मिलने के बाद तरह-तरह की अफवाहें थी। इन अफवाहों पर पटापेक्ष करने व निष्पक्ष पारदर्शिता के साथ जांच करने के लिए पुलिस कप्तान वीरेन्द्र सिंह ने स्वयं मोर्चा संभाल लिया था। साथ ही अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनिल सोनकर के नेतृत्व में पांच थाना प्रभारियों की एक जांच टीम बनाकर सारी अफवाहों पर जहां विराम लगा दिये। तो वहीं करीब 16 घण्टे तक एसपी टीम के साथ मौजूद रहे और एक-एक बिंदुओं पर चर्चा भी करते रहे। साथ ही एएसपी अनिल सोनकर आज रविवार की देर शाम गढ़वा, चितरंगी थाना क्षेत्र से वापस जिला मुख्यालय आये हैं। इस अंधी हत्या की गुत्थी सुलझाने के बाद पुलिस ने राहत की सांस ली है।
पीएम रिपोर्ट में खुलासा,नहीं निकाली गयी थी आंख
पुलिस कप्तान वीरेन्द्र कुमार सिंह ने घटना का खुलासा करते हुए कहा कि आरोपी द्वारा दिव्यांग युवती की हत्या करने के पश्चात उसकी आंख निकाल लिये जाने की अफवाह भी क्षेत्र में फैली जो पोस्टमार्टम उपरांत सत्य नहीं पायी गयी। मृतिका की आंख की पुतली मृत्यु उपरांत चिटियों द्वारा काटने से प्रभावित होना बताया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृतिका की मृत्यु दुष्कर्म एवं गला दबाने से होना पाया गया।
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