सिंगरौली। म.प्र. के साथ-साथ विंध्य में कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेताओं के द्वारा ब्राम्हण नेताओं की उपेक्षा की जा रही है। जिसको लेकर आज दिन शुक्रवार को विंध्य के कांग्रेसी नेताओं ने जिला मुख्यालय बैढ़न के एक निजी होटल में विप्र समाज के साथ चिंतन शिविर का आयोजन किया गया। जहां भारी संख्या में ब्राम्हण समाज के प्रबुद्ध नागरिको के साथ जिसकी जितनी हिस्सेदारी, उसकी उतनी भागेदारी पर एकजुटता दिखाते हुये एक साथ रहने व पार्टी को अपनी हिस्सेदारी पर विचार विमर्स किया गया।
चितंन शिविर में सर्वप्रथम भगवान परशुराम जी के प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करते हुये विप्र समाज के आये हुये प्रबुद्ध नागरिको को श्रीफल भेंट किया गया। जहां रायशुमारी की गई। रायशुमारी में सभी को खुला मंच दिया गया कि सभी अपने-अपने विचार रखे की कैसे ब्राम्हणों को एकजुट किया जा सके और कांग्रेस पार्टी में अपनी भागेदारी सुनिश्चित की जा सके। क्योंकि विंध्य में 26 फीसदी ब्राम्हण की बाहुल्ता है। इसके बावजूद कांग्रेस पार्टी में 25 वर्ष से दरी बिछाने तक ही सीमित रखा गया है। अब हम सबको उसके ऊपर उठ कर अपनी मजबूत हिस्सेदारी बढ़ाना है।
मंथन के दौरान कहा गया कि अभी तक हम सब के विचार नही मिल रहे थे। लेकिन इस शिविर का मुख्य उद्देश्य है कि हमे अपने-अपने विचार को मिलाना है। हम सब एक जुट होंगे। तभी हिस्सेदारी में भागेदारी बन सकते हैं। हमे शहर से निकल कर गांव-गांव जाना है। अगर एक गांव में एक भी विप्र समाज का व्यक्ति है, उससे हर हाल में मिलना है, अपने साथ उसके सुख-दुख को समझना है। तभी हम एक जुट हो पाएंगे।
वर्तमान की जो स्थिति है, उसमें 6 जिलों में 9 जिलाध्यक्ष होते थे, जिसमें से चार ब्राम्हणों को जगह मिलती थी। लेकिन अब एक ब्राम्हण की हिस्सेदारी रखी गई है, ऐसे में कहीं न कहीं हम ब्राम्हण समाज के नेताओं को उपेक्षित किया गया है। चिंतन के दौरान रीवा से आये पूर्व विधायक लक्ष्मण तिवारी ने कहा कि राहुल गांधी का कहना है कि जिसकी जितनी हिस्सेदारी होगी, उसकी उतनी भागेदारी होगी। ऐसे में हम सब विंध्य के ब्राम्हण समाज के कांग्रेसी नेताओं को अब एक जुट होने का समय आ गया है।
इस चिंतन श्ििवर में राम अशोक शर्मा, रमाशंकर शुक्ला, अमित द्विवेदी, देवेन्द्र पाठक दरोगा, मनोज दुबे, सीपी शुक्ला, शशीकला पाण्डेय, मधु शर्मा, उपेन्द्र शुक्ला, अनुज शुक्ला, सूरज द्विवेदी, पंकज पाण्डेय सहित भारी संख्या में कांग्रेस से जुड़े ब्राम्हण समाज के नेता उपस्थित रहे।
शीर्ष नेताओं की बढ़ी टेंशन
म.प्र. के साथ-साथ विंध्य मेें कुछ ऐसे चर्चित नेता हैं, जो कांग्रेस पार्टी को अपनी जागिर समझ लिये हैं और इन्ही के इशारे पर पार्टी का शीर्ष नेतृत्व चल रहा है। यही वजह है कि विंध्य में कांग्रेस को नुकसान हो रहा है। इसके बावजूद शीर्ष नेताओं की नींदे नही खुल रही हैं और लगातार पार्टी धरातल में समा रही है और सिंगरौली के साथ-साथ विंध्य में विप्र समाज के नेता कांग्रेस पार्टी में रहकर उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। यही वजह है कि अब विप्र समाज के नेता अपने भागेदारी को मजबूत करने के बाद अब सीधे राहुल गांधी से मुलाकात कर अपनी बात रखेंगे।