MP News : मध्य प्रदेश के रायसेन में आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने पहुंचे स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी की अचानक तबियत बिगड़ गई। वे ध्वजारोहण कर मुख्यमंत्री के सन्देश का वाचन कर रहे थे, तभी उन्हें अचानक चक्कर आ गए और वे डाइस से गिरने लगे, मंच पर मौजूद अधिकारियों ने उन्हें संभाल लिया और तत्काल कलेक्टर और एसपी जिला अस्पताल लेकर गए। जहां उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं दूसरी तरफ है मध्य प्रदेश के 53वें जिले मऊगंज में ध्वजारोहण के बाद बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम गस खाकर गिरने लगे, लेकिन उनकी सुरक्षा में लगे सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें संभाल लिया और एक कुर्सी में बैठाया।बताया जा रहा है कि डॉ चौधरी रायसेन के होमगार्ड मैदान पर आयोजित ज़िला स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए थे। MP News :
स्वास्थ्य मंत्री को दो बार चक्कर आए थे। उन्हें वहां मौजूद कलेक्टर अरविंद कुमार दुबे और एसपी विकास कुमार सहवाल ने संभाला और उन्हें कुर्सी में बैठाया। उनको एम्बुलेंस तक ले जाते समय मंच में बैठे अतिथि सहित आए हुए लोगों में हलचल तेज हो गई। कई लोग घबरा गए। रायसेन जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. अनिल ओढ़ ने बताया कि मंत्री काफी समय तक खड़े रहे। इससे उनका सिंकोप ब्लड सर्कुलेशन रुक गया। हार्ट तक ब्लड कम पहुंचने से यह स्थिति बनी और चक्कर आ गए। हालांकि वह अब पूरी तरह से स्वस्थ हैं। उनका बीपी और शुगर चेक किया गया, जो नॉर्मल था।
विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम का ब्लड प्रेशर हुआ लो
मध्यप्रदेश के 53वें नवगठित जिले मऊगंज में स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे थे। उन्होंने ध्वजारोहण कर डायस में खड़े होकर भाषण दे रहे थे कि अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई। उन्हें घबराहट होने लगी तो वहां कड़ी सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें तत्काल संभाल लिया और कुर्सी पर बैठाया। इस दौरान मंच में बैठे और आए हुए लोगों में अफरा-तफरी मच गई। लोगों के समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर हो क्या रहा है।
डॉक्टरों की मानें तो उमस भरी गर्मी के कारण विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम को सांस लेने में थोड़ी दिक्कत हुई तो वही काफी समय तक खड़ी रहने और वीकनेस के चलते विधानसभा अध्यक्ष का ब्लड प्रेशर लो हो गया। कार्यक्रम में मौजूद स्वास्थ्य कर्मचारियों ने उनका हेल्थ चेकअप किया। स्पीकर की स्थिति अब सामान्य है। जिला गठन की मांग में कई जनप्रतिनिधियों के साथ ही सामाजिक और व्यवसायिक संगठनों के लोग भी शामिल रहे हैं। मऊगंज को जिला बनाने की मांग सबसे पहले मऊगंज के पूर्व विधायक रहे रामधन मिश्र ने की थी उन्होंने जिला बनाने के लिए कई जनसभाएं भी की थी। जिसके बाद उस समय के तत्कालीन मुख्यमंत्री रहे अर्जुन सिंह को घोषणा करना था लेकिन इसी बीच महाराजा मार्तंड सिंह रीवा का बंटवारा किए बिना ही क्षेत्र का विकास करने की बात कही। जिसके चलते जिले की घोषणा रुक गई । तो वही कई वर्षों से रीवा को जिला बनाने की मांग भी नहीं हुई। MP News
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