MP News : (Anisha) मध्य प्रदेश सरकार (Madhya Pradesh Govt) ने किसानों की समस्याओं को दूर करने के लिए एक और बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने कृषि बाजार उत्पादन अधिनियम (Agricultural Market Produce Act), 1972 में संशोधन की सिफारिश करने के लिए एक समिति का गठन किया। जिससे किसानो की किस्मत बदल जाएगी।
MP News : मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) सरकार किसानों के हित में लगातार बड़े कदम उठा रही है. इस बार कृषि उपज (agricultural produce) मंडी की कार्यप्रणाली में सुधार के लिए एक समिति का गठन किया गया है। यह मध्य प्रदेश कृषि उपज बाजार अधिनियम, 1972 में संशोधन की भी सिफारिश करेगा।
6 महीने में प्रस्तुत होगा सुझाव
मध्यप्रदेश कृषि उपज मंडी अधिनियम, 1972 में संशोधन की सलाह एवं अनुशंसा के लिए गठित समिति इस मामले पर विचार करेगी। इसके लिए समिति के लोग मंडी अधिकारियों-कर्मचारियों, व्यापारियों व किसानों से जानकारी लेंगे और उनसे सलाह लेंगे. इसके बाद समिति मंडी अधिनियम में संशोधन की सिफारिश करेगी।
समिति में शामिल हैं ये लोग
संशोधन के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है। अपर सचिव किसान कल्याण एवं कृषि विकास आर.के. गणेशे, राज्य कृषि विपणन बोर्ड के संयुक्त संचालक आर.पी. चक्रवर्ती, राज्य कृषि विपणन बोर्ड के सहायक निदेशक पीयूष शर्मा, राज्य कृषि विपणन बोर्ड के संयुक्त निदेशक अविनाश पाठे, सहायक निदेशक/सचिव कृषि उपज मंडी करुणेश तिवारी और किसान प्रतिनिधि कैलाश सिंह ठाकुर और अरुण कुमार सोनी को शामिल किया गया है.
किसानों को आ रही दिक्कतें
मध्य प्रदेश में लगातार देखा जा रहा है कि किसानों को गेहूं और धान खरीदने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. कभी लंबी लाइन में लगना पड़ता है तो कभी बाजार में फसल भीगती नजर आती है। लगातार आ रही समस्याओं को देखते हुए सरकार इसमें संशोधन करने की सोच रही है ताकि किसानों की समस्याओं का समाधान किया जा सके।
किसानों को लाभ पहुंचाना उद्देश्य
सरकार की इस कमेटी के गठन का मकसद किसानों के हितों को उन तक पहुंचाना है. उन्हें खेती करने और अपनी फसल को उचित मूल्य पर बेचने में आने वाली कठिनाइयों से निजात दिलाने के लिए इस समिति का गठन किया गया है, जो कृषि बाजार उत्पाद अधिनियम, 1972 में संशोधन की सिफारिश करेगी.
एमपी कृषि उपज मण्डी अधिनियम
मध्य प्रदेश राज्य में कृषि उपज के क्रय-विक्रय तथा किसानों को लाभ प्रदान करने के लिए कृषि मण्डी स्थापित करने हेतु अधिनियम बनाया गया है। मध्य प्रदेश कृषि उत्पाद बाजार अधिनियम, 1972 कहा जाता है। यह अधिनियम पूरे मप्र में लागू कर दिया गया है।