Singrauli News: स्थानीय लोगों को जहरीली दवाओं से घुट रहा दम, प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी तक नहीं पहुंच रही दुर्गंध, प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी और कंपनियों में सांठ-गांठ की चर्चा
Singrauli News सिंगरौली : बारूद के ढ़ेर में बसे सिंगरौली की आवोहवा दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही है। शहर के वार्ड क्रमांक 41 में संचालित एक दर्जन से अधिक औद्योगिक बारूद फैक्ट्रियां चोरी छुपे निर्धारित मानकों पर काम नहीं कर रही लिहाजा आए दिन स्थानीय लोग तीखी दुर्गंध से परेशान हो रहे हैं। हाल ही में शांतनु केमिकल फैक्ट्री के प्रदूषण का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसके बाद स्थानीय लोगों की चिंता एक बार फिर बढ़ा दी है।
बता दे कि इंडस्ट्रियल एरिया में फैक्ट्रीयों से केमिकल की दुर्गंध से लोगों का घर में ही दम घुट रहा है। हाल ही में सोशल मीडिया में वायरल एक वीडियो में शांतनु केमिकल फैक्ट्री के प्रदूषण से राहगीरों की कुछ पलों के लिए सांसे अटक गई थी। गनीमत रही की बाइक सवार समय रहते वहां से निकल भागे गए वरना कोई अनहोनी हो जाए तो हैरानी नहीं होती। चर्चा है कि बारूद के निर्माण और संचालन से खतरनाक गैसें और धुंआ निकलता है, जो श्रमिकों और आसपास के वातावरण के लिए घातक है।
आए दिन स्थानीय लोग तेज दुर्गंध की शिकायत करते हैं लेकिन प्रदूषण विभाग के अधिकारियों तक यह दुर्गंध नहीं पहुंच रही है। हालांकि जिम्मेदार अधिकारी यदि शाम या देर रात इंडस्ट्रियल एरिया में जाकर निरीक्षण करें तो उन्हें एहसास होगा कि स्थानीय लोगों को सांस लेने में कितनी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। सूत्रों का दावा है कि शांतनु केमिकल कंपनी फैक्ट्री अधिनियम और वायु प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम के तहत सुरक्षा और पर्यावरण नियमों का पालन नहीं करता है। वहीं में निर्धारित क्षमता से अधिक केमिकल स्टॉक में मौजूद रहता है।
स्थानीय लोग आए दिन शिकायत करते हैं कि बारूद फैक्ट्रियों से खतरनाक गैसें, धुंआ और धूल निकलता है। पूरे इलाके में दुर्गंध से स्थानीय लोगों सहित श्रमिकों के लिए दम घुटने या गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती हैं। ये जहरीली गैसें और धुंआ वायुमंडल में मिलकर वायु प्रदूषण फैला रही। कंपनियां जहरीली गैसों के उत्सर्जनों को नियंत्रित करने और उन्हें वातावरण में सुरक्षित रूप से छोड़ने के लिए निर्धारित मापदंडों का पालन नहीं करते हैं। तो वही जिम्मेदार अधिकारी भी दफ्तर में बैठकर कागजी कार्यवाही की कोरमा पूर्ति करते हैं। सूत्रों की माने तो अधिकारियों को हर महीने सुविधा शुल्क पहुंच जाता है यही वजह है की शिकायत के बाद भी अधिकारी दिखावे के लिए कार्यवाही करते हैं।
जनता जनप्रतिनिधियों को कभी नहीं करेगी माफ
15 साल पहले ऊर्जाधानी के इंडस्ट्रियल एरिया में हुए ब्लास्ट में 30 लोगों की जान चली गई थी। उसे समय के तात्कालिक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रिहायशी इलाके से दूर इंडस्ट्रियल एरिया स्थापित करने का आश्वासन जरूर दिया था। लेकिन डेढ़ दशक के बीतने के बाद भी इंडस्ट्रियल एरिया में संचालित फैक्ट्री को रिहायशी इलाकों से बाहर शिफ्ट नहीं किया गया है। देश के विकास के लिए बारूद फैक्ट्री को हर 3 महीने या फिर 6 महीने का एक्सटेंशन देकर अधिकारी स्थानीय लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ करने की जो इबारत लिख रहे है। वह किसी भी मायने में सही नहीं है। भगवान ना करे कभी हरदा जैसी कोई घटना की पुनरावृत्ति ना हो जाए वरना स्थानीय लोग सहित आने वाली पीढ़ी स्थानीय जनप्रतिनिधियों को कभी माफ नहीं करेगी।
