आज बात उस कानून की जो है ही नहीं, लेकिन उसका धड़ल्ले से इस्तेमाल हो रहा है. इस कानून के तहत देश में सैकड़ों FIR भी दर्ज कर ली गई हैं. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को इस मसले पर बड़ी फिक्र जताई और कहा कि ये हैरान करने वाला मामला है. हम बात कर रहे हैं आईटी एक्ट की धारा 66-A की. सबसे पहले आप ये समझिए कि IT एक्ट की धारा 66-ए में क्या प्रावधान है?
66-ए कहती है कि अगर किसी ने कंप्यूटर या मोबाइल फोन जैसे उपकरणों का इस्तेमाल करके आपत्तिजनक या धमकी भरे संदेश दिए, जानबूझकर झूठी सूचना दी, ऐसा करके किसी को परेशान किया, अपमानित किया, शत्रुता, घृणा या दुर्भावना फैलाई, तो उसे दंडित किया जाएगा. ऐसे अपराध के लिए 3 साल तक की जेल और जुर्माने का प्रावधान है.
लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने आईटी एक्ट की इस धारा को निरस्त कर दिया था. 2012 में शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे के देहांत के बाद मुंबई में दुकानें बंद की गई थीं. फेसबुक पर इस घटना की निंदा होने लगी तो पुलिस ऐसे लोगों को धारा 66-ए के तहत गिरफ्तार करने लगी. तब कानून की एक छात्रा श्रेया सिंघल ने इस धारा के विरोध में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया.
सुप्रीम कोर्ट ने 24 मार्च 2015 को अपने फैसले में कहा था कि धारा-66ए पूरी तरह से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन है, इसलिए इसे निरस्त किया जाता है. 5 जुलाई को PUCL यानी पीपल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज ने सुप्रीम कोर्ट में यही मामला उठाया. उसने कोर्ट से केंद्र सरकार को ये निर्देश देने की मांग की कि तमाम पुलिस स्टेशन्स को आईटी एक्ट की धारा 66ए में केस ना दर्ज करने का आदेश दिया जाए.
इस मामले में पुलिस की लापरवाही के अलावा एक और फिक्र है. सुप्रीम कोर्ट का फैसला संविधान के अनुच्छेद 141 के तहत देश का कानून होता है, जिसे सारी अदालतों, पुलिस अधिकारों को मानने की बाध्यता है. लेकिन कानून की किताब में 66 ए अभी भी है, उसे हटाने की जिम्मेदारी संसद और सरकार की है.
धारा 66ए सात वर्ष पहले खत्म की जा चुकी है. इसके बावजूद महाराष्ट्र में इस धारा के तहत 381 केस, झारखंड में 291 केस, उत्तर प्रदेश में 245, राजस्थान में 192 और देश भर में कुल मिलाकर 1,307 केस दर्ज किए गए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने तो केंद्र सरकार को नोटिस जारी करके दो हफ्ते में जवाब दाखिल करने को कह दिया. लेकिन सोचिए, कानून की नजर में जब जो कानून है ही नहीं, उस कानून का इस्तेमाल कितनी बड़ी फिक्र है.
खबर सोर्स- Tv9 भारतवर्ष