देश — देश के कुछ जानी मानी और प्रितिष्ठित हस्तियों का फोन टैप कांड मोदी सरकार के लिए परेशानी का सबब बन सकता है या फिर विरोध के सनसनीखेज मुद्दे तलाश रहे विपक्ष के लिए यह संजीवनी बनेगा? ये सवाल इसलिए क्योंकि विपक्ष इस मुद्दे पर सदन को हिलाने के मूड में है तो मोदी सरकार ने सफाई दी है कि उसका इस फोन टैप कांड से कोई सम्बन्ध नहीं है। केंद्र सरकार ने कहा कि ‘भारत एक लचीला लोकतंत्र है और वह अपने सभी नागरिकों के निजता के अधिकार को मौलिक अधिकार के तौर पर सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।’ वहीं कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियों ने इस पर संसद में भारी हंगामा किया। नए-नए खुलासे किए जा रहे हैं।
खबर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लीक हुई है, उसके मुताबिक भारत समेत विभिन्न देशों में इजरायली एनएसो ग्रुप के ‘पेगासस’ स्पाईवेयर’ के जरिए कई लोगों के सर्विलांस की बात कही गई है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत में कम से कम 38 लोगों की जासूसी की गई। इनमें पत्रकारों से लेकर कारोबारियों, कुछ मंत्रियों और उनके स्टाफ तथा एक सुप्रीम कोर्ट जज का नाम भी है। लीक हुए डेटा में विभिन्न देशों के 50 हजार से अधिक फोन नंबरों की सूची है। रिपोर्ट के मुताबिक यह फोन टैपिंग हुई तो कई देशों में है, लेकिन भारत में इस पर राजनीतिक बवाल मचा हुआ है। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने इसे ‘सरकारी निगरानी’ करार देते हुए कहा कि यह संवैधानिक लोकतंत्र के ढांचे और लोगों की निजता पर करारी चोट है।
गार्जियन ने क्या आरोप लगाए हैं?
गार्जियन अखबार के मुताबिक जासूसी का ये सॉफ्टवेयर इजरायल की सर्विलेंस कंपनी NSO ने देशों की सरकारों को बेचा गया है. गार्जियन अखबार के खुलासे के मुताबिक इस सॉफ्टवेयर के जरिए 50 हजार से ज्यादा लोगों की जासूसी की जा रही है.