PM Modi : सरकार के इस फैसले के बाद भारत के हिस्से का पानी पाकिस्तान नहीं जाएगा जिसके बाद पानी के लिए पाकिस्तान बूंद बूंद के लिए तरसेगा यह कहना कतई गलत नहीं होगा कि सरकार के इस फैसले के बाद पड़ोसी मुल्क में हड़कंप मचा है.इस फैसले के बाद पाकिस्तान बूंद बूंद पानी के लिए तरसेगा।
PM Modi:नई दिल्ली: पाकिस्तान अपनी घटिया हरकतों से बाज नहीं आ रहा वह लगातार भारत में आतंकवाद फैलाने सहित देश के लिए जहर उगल रहा है लेकिन अब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान को औकात दिखाने और सबक सिखाने का संकल्प ले लिया है पाकिस्तान को घेरने के लिए पीएम मोदी ने आर्थिक कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर कई अहम कदम उठा रहा है इस बीच भारत आने वाले दिनों में पाकिस्तान का पानी रोकने की तैयारी कर रहा है सरकार के इस फैसले के बाद भारत के हिस्से का पानी पाकिस्तान नहीं जाएगा जिसके बाद पानी के लिए पाकिस्तान बूंद बूंद के लिए तरसेगा यह कहना कतई गलत नहीं होगा सरकार के इस फैसले के बाद पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में हड़कंप मचा है.
PM Modi:बता दें कि पहले बाढ़ और अब सूखे से परेशान होगा पाकिस्तान। भारत ने पाकिस्तान को एक नोटिस भेजा जिसमें सिंधु जल समझौता पर कुछ बदलाव करने के लिए बैठकर बातचीत करने के लिए बोला है।सिंधु जल समझौता समझने के लिए हमें उन नदियों के बारे में जानना अत्यंत आवश्यक है। इस समझौते के अंतर्गत 6 नदियां अति हैं जो कि चेनाब, झेलम, इंडस, सतलुज, व्यास और रवि हैं.
बता दें कि इनमे से कुछ नदियां तिब्बत से आती हैं जो कि अभी चाइना के कंट्रोल में है। वहा से नदियां जम्मू और कश्मीर के तरफ आती हैं और उसके बाद हिमांचल से बहते हुए पाकिस्तान में चली जाती हैं. नदियों के पानी के उपयोग के लिए पाकिस्तान और भारत के बीच 6 साल तक एक समझौता कराने की कोशिश की गई, उसके बाद एक समझौता हुआ जिसे हम “सिंधु जल समझौता” के नाम से जानते हैं।
इस समझौते के अंतर्गत तीन नदियों ( सिंधु, चेनाब और झेलम) का पानी पाकिस्तान को उपयोग करने की अनुमति मिली। इन तीनों नदियों का 20% पानी ही भारत उपयोग कर सकता है। इन नदियों में भारत कोई भी बांध नहीं बना सकता जो की नदियों का पानी रोकने के लिए निर्मित हो.30 जनवरी 2023 को भारत ने पाकिस्तान को नोटिस दिया कि इस समझौते में भारत बैठकर बातचीत करना चाहता है। सिंधु जल समझौता का जिक्र हमारे संविधान के आर्टिकल 12 में भी है।
भारत ने किशनगंगा नदी में बांध बनाया जिसका पानी वूलर झील में जाता है और चेनाब नदी में एक बांध भारत ने निर्माण कराया, पाकिस्तान ने दोनों की प्रोजेक्ट पर आपत्ति जताई। इन आपत्तियों के कारण ही पाकिस्तान ने भारत को सिंधु जल समझौता सुधार करने के लिए मजबूर कर दिया।बीते कुछ सालों में भारत ने पाकिस्तान को इस समझौते के बारे में बात करने के लिए आमंत्रित किया है, किंतु पाकिस्तान ने भारत के सारे प्रयासों को विफल कर दिया।
भारत के संपूर्ण प्रोजेक्ट पर पाकिस्तान ने आपत्ति जताई, जैसे कि बगलिहार बांध के मुद्दे पर वर्ल्ड बैंक ने अपनी तरफ से एक सिविल इंजीनियर भेजा था जिन्होंने बहुत ही छोटे-मोटे बदलाव का सुझाव भारत को दिया था बाद में यह मुद्दा सुलझ गया।भारत ने 62 साल बाद पाकिस्तान को पुनः एक नोटिस भेजा जिसमें पाकिस्तान के वजीर-ए-आजम को 90 दिन के अंदर जवाब देना पड़ेगा। अन्यथा भारत खुद ही निर्णय ले लेगा और इस समझौते का खंडन कर देगा।PM Modi