सिंगरौली — जियावन थाना प्रभारी नेहरू सिंह खंडाते के संरक्षण में चल रही अवैध रेत खदान पर छापा मारकर यहां पोकलेन मशीन सहित 3 हाइवा,5 ट्रैक्टर अवैध उत्खनन परिवहन करते पकड़ाए हैं। देर रात एसडीएम के इस कार्यवाही से थाना प्रभारी खासे नाराज हुए। वह घटनास्थल में पहुंचने में करीब 3 घंटे का समय ले लिया। अवैध उत्खनन करने वाले लोग थाना प्रभारी के चहेते बताए जा रहे हैं इस कारण प्रतिबंध के बावजूद मशीनों से अवैध उत्खनन कर रहे थे। एसडीएम की इस कार्यवाही से रेत माफियाओं व प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया।
यह था मामला
एसडीएम आकाश सिंह ने बताया कि खबर लगी कीदेवसर के कारी गांव स्थित महान नदी में रेत माफिया पोकलेन मशीन से रेत का अवैध उत्खनन कर रहे हैं। जहां जानकारी लगते ही दलबल के साथ शनिवार रात करीब 11 बजे रेत खदान पहुंचे। अमले को देख यहां अवैध उत्खनन कर डंपर भर रहे ड्राइवर एवं अन्य लोग भागने लगे। यहां से टीम ने करीब 3 डंपर,2 ट्रैक्टर सहित पोकलेन को जब्त किया है। जब्त डंपर- ट्रैक्टर को जियावन थाना परिसर में लाकर खड़े कराया गया है।इसके लिए दूसरे ड्राइवरों की मदद ली जा रही है। जबकि पोकलेन मशीन को कारी पंचायत के सरपंच के सुपुर्द किया गया है।
छापे की नहीं दी किसी को सूचना सूत्रों की माने तो आला अफसरों ने इस छापे के बारे में जियावन थाना पुलिस को तक जानकारी नहीं दी। एसडीएम की इस कार्रवाई से जियावन थाना प्रभारी नेहरू सिंह खंडाते खासा से नाराज हुए हैं। कहा तो यह भी जा रहा है कि रेत माफियाओं से 5 लाख रुपए महीने की एंट्री ली जा रही थी जिसका सीधा नुकसान थाना प्रभारी को हुआ है यही वजह है कि एसडीएम की कार्यवाही के कई घंटों बाद वह मौके पर पहुंचे।
भारी मात्रा में हुआ अवैध उत्खनन आधिकारिक जानकारी के मुताबिक कारी नदी से भारी मात्रा में अवैध उत्खनन हुआ है। यह खनन कई महीनों से जारी था। इसकी शिकायतें भी कई बार स्थानीय लोगों ने थाना प्रभारी नेहरू सिंह खंडाते से की थी लेकिन साहब ने कार्यवाही करना मुनासिब नहीं समझा। बताया जाता है कि यूपी व देवसर, के कुछ रेत माफियाओं ने सिंडीकेट बनाकर यहां अवैध खनन कर कारोबार चला रखा था। इसे आज ध्वस्त कर दिया गया।
विवश हो कर कार्यवाही में शामिल हुई जियावन पुलिस
एसडीएम के इस कार्यवाही में जियावन पुलिस का भरपूर सहयोग ना मिलने की बात सामने आ रही है सूत्र बता रहे हैं कि रात में लगभग एक दर्जन ट्रैक्टर और आधा दर्जन हाईवा खदान में थे लेकिन एसडीएम की गाड़ी दूर से नजर आते ही सभी भागने लगे। माना जा रहा है कि यदि जियावन पुलिस सक्रिय रहती तो निश्चित रूप से सभी वाहन पकड़े जाते। सवाल यह भी है कि जब रात 11 कार्यवाही हुई तो जब्त गाड़ियां थाना पहुंचने में 20 घंटे से ज्यादा का समय लग गया। ऐसे में यह माना जा रहा है कि पुलिस इस कार्यवाही में भरपूर सहयोग करने के मूड में नहीं थी लेकिन अंततः विवश हो कर कार्यवाही में शामिल होना पड़ा।
रेत माफियाओं में मचा हड़कंप
एसडीएम के इस कार्रवाई से रेत माफियाओं में हड़कंप मचा हुआ है। शुक्रवार की रात हुई कार्यवाही के बाद से ऐसा माना जा रहा है कि शायद अब इस कारोबार पर अंकुश लगे लेकिन अंकुश लगने की उम्मीद कम है क्योंकि रेत माफियाओं के हौसले बुलंद हैं साथ ही जियावन थाने के कुछ पुलिसकर्मियों का भी संरक्षण इन्हें मिलता आ रहा है