सिंगरौली — पुलिस अधीक्षक वीरेंद्र कुमार सिंह के सख्त निर्देश व एएसपी अनिल सोनकर के मार्गदर्शन में विगत लंबे समय से न्यायालय व पुलिस को चकमा दे फरारी काट रहे स्थायी वारंटियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में सुपुर्द करने जिले भर में जारी अभियान के क्रम में मोरवा एसडीओपी राजीव पाठक के निगरानी व मोरवा टी आई मनीष त्रिपाठी ( स्थायी वारंटियों को दबोचने के स्पेशलिस्ट) के नेतृत्व में गठित 3 पुलिस टीम द्वारा चोरी, जालसाजी व अवैध हथियार के अपराध में न्यायालय को चकमा दे अन्तरर्राज्यीय फरारी काट रहे 5 स्थायी वारंटियों को एमपी के रीवा, यूपी के मिर्जापुर और छत्तीसगढ़ के बलरामपुर व अम्बिकापुर से गिरफ्तार कर सिंगरौली लाया गया। गिरफ्तार चारों आरोपियों के ऊपर कुल 9 स्थायी वारंट जारी थे।
मध्यप्रदेश प्रदेश के रीवा सहित यूपी के मिर्जापुर व छत्तीसगढ़ के बलरामपुर व अम्बिकापुर से गिरफ्तार स्थायी वारंटियों की जानकारी में मोरवा टी आई मनीष त्रिपाठी ने बताया कि गिरफ्तार वारंटियों के ऊपर चोरी ,जालसाजी व अवैध हथियार सहित अन्य कई अपराधों का मामला न्यायालय में विचाराधीन है, पर उक्त सभी वारंटी न्यायालय को चकमा दे उक्त राज्यो के जिलों में छिपकर विगत लंबे समय से फरारी काट रहे थे। श्री त्रिपाठी के अनुसार सिंगरौली एसपी श्री सिंह का निर्देश सह वारंटियों की सूची मिलने के बाद मोरवा पुलिस की तीन अलग अलग टीमें बनाकर वारंटियों को पकड़ने हेतु लगाया गया नतीजन सभी वारंटी गिरफ्तार करने में गठित टीमों को सफलता मिल गयी।
5 आरोपियों पर कुल 9 स्थायी वारंट था जारी
टी आई मनीष त्रिपाठी ने बताया कि छत्तीसगढ़ के बलरामपुर से मकडु उर्फ राकेश,अम्बिकापुर से अजीत सिंह ,यू पी के मिर्जापुर से के.के. तिवारी उर्फ कृष्ण कुमार तिवारी व एमपी के रीवा से विनोद शाह व सत्य प्रकाश तिवारी को गिरफ्तार किया गया। गौरतलब हो की एक वारंटी सत्य प्रकाश तिवारी रीवा जेल में बंद है जिसकी जेल में जाकर गिरफ्तारी की प्रक्रिया पूरी की गई।
गठित तीन टीमों में ये रहे शामिल
अंतरराज्यीय स्थायी वारंटियों को गिरफ्तार करने में विनय शुक्ला, खेलन सिंह, साहबलाल सिंह, राम नरेश शुक्ला, राजवर्धन सिंह, अशोक सिंह, प्रधान आरक्षक संतोष सिंह, संजय सिंह परिहार, अरविंद चतुर्वेदी , अरुणेन्द्र पटेल, विजय आर, राम नरेश प्रजापति, सुबोध सिंह सहित सायबर प्रभारी जितेंद भदौरिया ,आर विजय पटेल, शोभल वर्मा, दीपक परस्ते व कोतवाली वै ढ़ न से प्रवीण सिंह कर्चुली का विशेष योगदान रहा।