सिंगरौली 12 नवम्बर। 22 मार्च 2020 को जनता कफ्र्यू एवं 25 मार्च से संपूर्ण देश में टोटल लॉकडाउन के ऐलान के बावजूद हल्का पूर्व पटवारी बैढऩ का दफ्तर खुला था। यह हम नहीं बल्कि पूर्व में पदस्थ बैढऩ हल्का पटवारी के नक्शा तरमीम प्रतिवेदन से पता चला है। पूर्व पटवारी के काले कारनामों का चि_ा धीरे-धीरे परत दर परत खुलने लगा है। हालांकि पटवारी का सरकारी दफ्तर नहीं था वे किराये के मकान में स्वयं का दफ्तर खोल रखा था।
दरअसल बैढऩ हल्का के भूमि खसरा नं.471/1/2/28 रकवा 0.030हे. कुल 3 किता इन दिनों सुर्खियों में है। बिंदा देवी पिता विमलचन्द ने उप पंजीयक के यहां भूमि स्वामी फिरोजा खातून से 3 सितम्बर 2016 को जमीन क्रय संबंधी एग्रीमेंट कराया था। किन्तु 5 साल तक बिंदा देवी महिला ने जमीन का रजिस्ट्री नहीं करा सकी। जबकि एग्रीमेंट की अधिकतम समयसीमा 11 माह 29 दिन है। फिर भी बिंदा देवी के परिजन उक्त आराजी को अपनी सम्पत्ति अपरोक्ष रूप से मानने लगे। सूत्र बताते हैं कि नक्शा तरमीम के जब 22 सितम्बर 2020 को आवेदन पड़ा और लोक सेवा केन्द्र में 7 अक्टूबर 2020 को पंजीबद्ध हुआ। लेकिन इसके पहले ही पूर्व पटवारी ने 25 अपै्रल 2020 को उक्त आराजी नंबर का नक्शा तरमीम के लिए जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत कर दिया। पूर्व पटवारी के काले कारनामों का तब खुलासा हुआ जब तहसीलदार के यहां प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन सामने आया।
यहां बताते चलें कि जिस तिथि में पटवारी ने आवेदन को स्वीकार किया है 22 मार्च 2020 दिन रविवार को पूरे देश में जनता कफ्र्यू लागू था किसी को घर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं थी। फिर आवेदक पटवारी के यहां कैसे पहुंच गया। वहीं 24 अपै्रल को पूर्व पटवारी ने नक्शा तरमीम के लिए स्थल पंचनामा तैयार कराया तथा 25 अपै्रल 2020 को नक्शा तरमीम प्रतिवेदन भी तहसीलदार कार्यालय में प्रस्तुत किया। जबकि उस दौरान भी टोटल लॉकडाउन के चलते दफ्तर का कामकाज ठप था। अधिकारी, कर्मचारियों की ड्यूटी कोरोना वायरस पर नियंत्रण पाने के लिए लगायी गयी थी। साथ ही आवश्यक सेवाओं के अलावा अन्य दफ्तर नहीं खोले जा रहे थे। फिर भी पटवारी ने जनता कफ्र्यू के दिन भूमि स्वामी फिरोजा खातून का आवेदन पत्र के आधार पर नक्शा तरमीम की प्रक्रिया शुरू कर दिया। हैरानी की बात है कि जो आवेदन पूर्व पटवारी के पास पहुंचा था उस आवेदन के तिथि में भी काट-छांट किया गया है। 22 सितम्बर 2020 के स्थान पर 22 मार्च 2020 लिखा गया है। इसी से संदेह जाहिर होने लगा और पूर्व हल्का पटवारी बैढऩ के जालसाज का एक और कारनामा सामने आ गया। सूत्र बताते हैं कि मौजूदा पटवारी के यहां जमीन दलालों की पूछ परख नहीं चल रही है। इसी से परेशान जमीन दलाल इन दिनों मौजूदा पटवारी उमेश नामदेव को विवादित बनाने के लिए षड्यंत्र कर रहे हैं ताकि पटवारी बैक फुट पर आकर दलालों के मन मुताबिक काम करना शुरू कर दें। फिलहाल बैढऩ हल्का की उक्त आराजी के नक्शा तरमीम का मामला सुर्खियों में है। जमीन दलालों से लेकर जालसाज भी काफी परेशान है। यहां के कई प्रबुद्ध नागरिकों ने उक्त मामले की जांच कराकर जालसाजों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई किये जाने की मांग की है।
दो धड़ों में बंटे बैढऩ के व्यापारी,अपना दल एस के जिलाध्यक्ष ने सौंपा ज्ञापन
बैढऩ हल्का पटवारी को लेकर व्यापारी दो धड़ों में बंटते दिखाई दे रहे हैं। व्यापार मण्डल के अध्यक्ष ने कल पटवारी के खिलाफ संयुक्त कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा था। वहीं व्यापार मण्डल अध्यक्ष से खफा होकर दो दर्जन व्यापारी व आधा सैकड़ा किसानों ने अपना दल एस के बैनर तले पटवारी उमेश नामदेव के समर्थन में कलेक्टर के नाम संबोधित ज्ञापन नायब तहसीलदार को सांैपा है। अपना दल एस के जिलाध्यक्ष त्रिलोकी सिंह ने सौंपे गये ज्ञापन में आराजी खसरा नं.471/1/2/28 रकवा 0.030हे.एग्रीमेंटकर्ता बिंदू देवी के परिजन पटवारी पर नक्शा तरमीम के लिए दबाव बना रहा है। जबकि एग्रीमेंट की अवधि कई साल पहले ही पूर्ण हो गयी है फिर भी उसने जमीन क्रय नहीं किया। जबकि उक्त आराजी फिरोज के नाम नक्शा तरमीम हो चुका है। फिर भी एग्रीमेंटकर्ता पटवारी पर नाजायज तरीके से दबाव बनाते हुए संयुक्त व्यापार मण्डल अध्यक्ष का सहारा लेकर पटवारी के खिलाफ ज्ञापन दिलाया है। उन्होंने कहा कि उक्त मामले की कमेटी गठित कर जांच करायी जाय। ज्ञापन में पूर्व हल्का पटवारी द्वारा कूटरचित दस्तावेज तैयार करने का भी आरोप लगाया है।