शंकरदयाल शर्मा भुला दिए गए अपनी ही जन्मभूमि और कर्मभूमि मध्यप्रदेश मे। राष्ट्रपति बनकर पूरे देश में मध्यप्रदेश को गौरवान्वित किया उन्होंने। लेकिन वर्तमान सरकार और राजनेताओं ने शायद उन्हें वोट दिलाने लायक नही समझा। बता दे कि भारत के 9 वें राष्ट्रपति के रूप में स्वर्गीय डॉक्टर शंकर दयाल शर्मा जी का जन्म 19 अगस्त वर्ष 1918 में मध्यप्रदेश के भोपाल शहर में हुआ था अपने जीवन काल में वे अपने दायित्वों को निभाते पूरे जीवन में शुद्ध आचरण के लिए जाने जाते थे मध्य प्रदेश के लोगों के प्रति सदा उनका लगाव रहा अपने रीवा प्रवास पर वे पत्रकारों से भी बड़े आत्मीयता से मिले उनसे मुलाकात के समय मध्यप्रदेश के जनसंपर्क विभाग के तत्कालीन उपसंचालक आर एम पी सिंह के साथ सतना से प्रकाशित होने वाले समाचार पत्र सतना टाइगर के संपादक श्री कुमार कपूर और सतना से प्रकाशित देशबंधु के संपादक श्री श्याम सुंदर शर्मा से मिलते परिलक्षित हो रहे हैं।
वर्तमान समय में पत्रकारिता शनैः शनैः रसातल की ओर जा रही है अपने आपको मूर्धन्य कहलाने वाले पत्रकार बनियों की दुकान में बंधक हो गए दूसरों की स्वतंत्रता की बात करने वाले स्वयं परतंत्र होते जा रहे हैं और अपने इन बनिये स्वामियों के कहे अनुसार एक क्लर्क की तरह समाचार बनाने में लगे रहते हैं इसलिए इन्हें पत्रकार कहलाने का कोई हक नहीं है हां यह बात अवश्य है कि एक वफादार कर्मचारी कहलाए जा सकते हैं जो अपने मालिक की जी हुजूरी के चलते अपने कर्तव्य को भी याद नहीं रख सकते उदाहरण के तौर पर मध्य प्रदेश से प्रकाशित होने वाले समाचार पत्रों में भारत के राष्ट्रपति स्वर्गीय डॉक्टर शंकर दयाल शर्मा जी जिनका आज जन्मदिन है और वे मध्यप्रदेश के पहले ऐसे निवासी रहे हैं जो देश के राष्ट्रपति बने और मध्य प्रदेश बनने के पूर्व वे भोपाल राज्य के मुख्यमंत्री भी रहे इसके साथ ही केंद्रीय मंत्रिमंडल में भी अपनी भूमिका निभाई और भारत के उपराष्ट्रपति भी रहे ऐसी विभूति के लिए मध्य प्रदेश से प्रकाशित किसी भी समाचार पत्र ने अपने आज के प्रकाशन में उनको कोई स्थान नहीं दिया इससे ऐसा महसूस होता है कि चाहे पत्रकार हो या राजनीति करने वाले और साथ ही प्रशासनिक अधिकारी और मध्यप्रदेश के जनसंपर्क विभाग के अधिकारी जिन्होंने देश के इतने महान व्यक्ति के जन्मदिन पर किसी प्रकार की कोई विज्ञप्ति जारी नहीं किया और ना ही कोई कार्यक्रम आयोजित किया जबकि वर्तमान में सिर्फ उन्हीं की जमकर जय जयकार हो रही है जो शासन और प्रशासन में अपनी पकड़ रखते हैं और विज्ञप्ति वीर बन कर समाचार पत्रों में छाए रहते हैं।