खनहना बैरियर बना अखाड़ा,खाकी भी हो रही बदनाम
सिंगरौली- कहते हैं कि सिंगरौली में जो सीकेडी का काम किया वह मालामाल हो गया। जो यह कहता है उसकी बात सोलह आने सच है। क्योंकि कोयले के इस खेल में हर कोई मालामाल हो रहा है। कुछ ऐसा ही वाक्या मोरवा क्षेत्र में देखने को मिलता है,जहां खदान से कोयला तो उठता है लेकिन कई गाड़ी कोयला यार्ड नही पहुुंचती वह सीधे खनहना बैरियर से यूपी के लिये कूच करती है और खनहना बैरियर अखाड़ा बना हुआ है। इस खेल में कहीं न कहीं खॉकी भी बदनाम होती दिखाई दे रही है।
गौरतलब हो कि सिंगरौली जिले का सीकेडी राज से हर कोई वाकिफ है। कहीं भी जाओ यह देखने व सुनने को मिलने लगता है कि अरे बाप रे सिंगरौली में तो सीकेडी का राज है। जो यह गेम खेल गया वह मालामाल हो गया और इसके तार से जो भी जुड़ा वह भी मालामाल हो गया। यह लोगो की बात कहीं न कहीं सच होती दिखाई और सुनाई भी देती है। इस खेल में हर कोई गोता लगाने को बेताब दिखाई देता है। कोयला, कबाड़, डीजल के इस कारोबार में न कभी रोक लगी थी और न कभी रोक लग सकती है। यह कहना इसलिये पड़ रहा है कि इस धंधे में कमाई बहुत है। आज का जो परिवेश है वह पैसे की तरक्की के आगे बौना दिखाई दे रहा है। खोखे के इस राज में बर्दी पर भी असर पड़ता दिखाई दे रहा है। कहने को तो खाकी यह कहती है कि अब कुछ नही रह गया,तो पहले क्या था ? जो आज नही है। पहले से ज्यादा अब है लेकिन सब काम दबी में हो रहा है। कुछ ऐसा ही हाल इन दिनो कोयले के खेल में देखने व सुनने को मिल रहा है। सूत्रो की बातों पर गौर करें तो एनसीएल के खदानो से निकलने वाला कोयला आखिर कोयला यार्ड में क्यों नही पहुंचता है? सूत्र बताते हैं कि कई चिन्हित कोल गाडिय़ा कोयला यार्ड न पहुंचकर खनहना बैरियर के रास्ते यूपी निकल रही है। अगर सूत्रो की बात सही है तो फिर ऐसा खेल किसके सह पर खेला जा रहा है। खनहना बैरियर पर चेकिंग के नाम पर आखिर क्या हो रहा है और पुलिस क्यों अनजान है। कई ऐसे इस कोयले के खेल में पहलू हैं जो पुलिस के कार्यप्रणाली को लेकर बार-बार कुरौंद रहे हैं। जो भी हो लेकिन इस कोयले के खेल में खॉकी के साथ कई और भी मालामाल होते दिखाई दे रहे हैं।
30 हजार की इंट्री कौन ले रहा है।
विश्वसनीय सूत्रो की बातों पर गौर करें तो एनसीएल के खदानो से कोयला प्रतिदिन निकल रहा है। कोल वाहनो का आवागमन 24 घंटे चल रहा है। इस 24 घंटे में कितने ऐसे कोल वाहन हैं जो खदान से कोयला तो जरुर उठाते हैं लेकिन कोयला यार्ड तक ये कोल वाहन नही पहुंचते हैं। आखिर ये कोल वाहन जाते कहां हैं। सूत्र बताता है कि यह कोल वाहन कोयला यार्ड न जाकर खनहना रूपी यमराज के ठिकाने से चढ़ोत्तरी देकर यूपी निकल जाता है। लेकिन खनहना बैरियर पर क्या हो रहा है हम तो नही जानते लेकिन सूत्र बताता है कि खाकी के नाम पर 30 हजार रूपये कौन लेता है।
सीकेडी का गढ़ हो गया क्षेत्र
सूत्रो की बातों पर गौर करें तो इन दिनो इन क्षेत्रो में सीकेडी का राज फिर से कायम होता दिखाई दे रहा है। हर तरफ कोयला,कबाड़,डीजल का कारोबार फल-फूल रहा है। आखिर यह किसके सह पर हो रहा है। कहने को तो हर कोई चुस्त अपने आप को बताते हैं। जब चुस्त हैं तो यह कारोबार कैसे पनप रहा है। कहीं न कहीं ऐसे कारोबार को सरंक्षण दिया जा रहा है। तभी तो यह क्षेत्र सीकेडी का गढ बनता हुआ दिखाई दे रहा है।
इनका कहना है
लोग बताते हैं कि कोयला निकल रहा है लेकिन कोई पकड़वाता नही। सही जानकारी सही समय पर मिल जाये तो रेड करा देंगे।
अनिल सोनकर
एएसपी,सिंगरौली
2 Comments
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